अमरावती में तीन जगह पर बम रहनेवाली कॉल से परदा उठा

यूपी के प्रतापगढ का निकला कॉल करनेवाला युवक

* सरोज चौक की दुकान पर कर रहा था काम
* आज सुबह 11 बजे पुलिस ने दुकान से ही उठाया
अमरावती/दि.11 – विगत दिनों एक गुमनाम शख्स ने दो दिन के दौरान अमरावती शहर पुलिस को लगातार तीन बार फोन करते हुए शहर में अलग-अलग स्थानों पर बम रखा होने की खबर दी थी. जिसके चलते शहर पुलिस में अच्छा-खासा हडकंप मचा रहा. लेकिन शहर में कहीं पर कोई बम नहीं मिला था. जिससे स्पष्ट हुआ था कि, किसी ने शहर में बम रखा होने की झूठी खबर देते हुए पुलिस को जानबुझकर सताने का काम किया था. ऐसे में शहर पुलिस ने साईबर सेल की सहायता से कॉल करनेवाले व्यक्ति के नाम व मोबाइल लोकेशन को ट्रेस करना शुरु किया और पूरी जानकारी हासिल करने के बाद आज सुबह 11 बजे सरोज चौक परिसर स्थित जेपीज् केक नामक दुकान में काम करनेवाले गणेश तिवारी (28) नामक युवक को धर दबोचा. जिसे हिरासत में लेकर उससे कडी पूछाताछ की जा रही है.
इस संदर्भ में पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मूलत: उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ का निवासी गणेश तिवारी विगत कुछ समय से चिचफैल परिसर में रहनेवाले अपने चाचा-चाची के यहां आकर रह रहा था और उसने करीब आठ-दस दिन पहले ही सरोज चौक स्थित कपील नानवानी की जेपीज् केक नामक दुकान में नौकरी करनी शुरू की थी. जहां पर सुबह 10 से रात 10 बजे तक काम करने हेतु कपिल नानवानी ने उसे 6 हजार रुपए प्रति माह के वेतन पर काम पर रखा था. यहां पर काम करने के दौरान ही गणेश तिवारी ने अमरावती शहर पुलिस के कंट्रोल रुम को फोन करते हुए पहले सरोज टॉकीज में बम रखा होने की झूठी खबर दी थी और जब शहर पुलिस का दल सरोज टॉकीज परिसर में बम की खोजबीन कर रहा था, तभी उसने दूसरा फोन करते हुए वसंत टॉकीज परिसर में बालाजी मंदिर के पास खडी बस में बम रखा होने की खबर दी थी. जिसके चलते पुलिस को काफी भागदौड करनी पडी थी. लेकिन दोनों में से किसी भी स्थान पर कोई बम नहीं मिला था. जिसके चलते पुलिस ने राहत की सांस ली थी और उक्त कॉल करनेवाले व्यक्ति के मोबाइल नंबर से संपर्क करने का प्रयास शुरु किया था, परंतु तब तक मोबाइल नंबर स्वीचऑफ हो गया था. इसके बाद अगले ही दिन एक अन्य नंबर से शहर पुलिस के कंट्रोल रुम को फोन कॉल आई और कॉल करनेवाले व्यक्ति ने सरोज टॉकीज के पास स्थित गुजरात कांती भुवन नामक होटल में बम रखा होने की खबर दी. जिसके चलते शहर पुलिस के दल ने एक बार फिर एहतियात बरतते हुए हरकत में आकर गुजरात कांती भुवन पहुंचकर जांच-पडताल की. लेकिन पहले के दो मामलो की तरह इस बार भी बम की खबर वाला मामला फर्जी साबित हुआ. ऐसे में शहर पुलिस ने साईबर सेल की मदद लेते हुए उक्त फर्जी कॉल करनेवाले व्यक्ति की तकनीकी आधार पर सघन जांच-पडताल करनी शुरु की. जिसके चलते पुलिस सरोज चौक के पास स्थित जेपीज् केक में काम करनेवाले गणेश तिवारी तक पहुंची और उसे आज सुबह 11 बजे के आसपास दुकान में काम करते हुए गिरफ्तार किया गया. जिसे हिरासत में लेकर पुलिस अब उससे उसकी इस हरकत के बारे में कडाई के साथ पूछताछ कर रही है. गणेश तिवारी के खिलाफ बीएनएस की धारा 351, 125 के तहत कार्रवाई किए जाने की जानकारी डीसीपी श्याम घुगे ने अमरावती मंडल को दी.
पुलिस को शहर में बम रखा होने की तीन बार फर्जी खबर देकर परेशान करनेवाले गणेश तिवारी नामक 28 वर्षीय युवक के पकडे जाने की पुष्टि खुद शहर पुलिस आयुक्त अरविंद चावरिया द्वारा की गई, तथा उन्होंने गणेश तिवारी के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि, उक्त युवक मूलत: उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ का रहनेवाला है. जो कुछ समय पहले ही अमरावती शहर के चिचफैल परिसर में रहनेवाले अपने चाचा-चाची के यहां रहने के लिए आया था और विगत करीब 8-10 दिन पहले ही उसने सरोज चौक परिसर स्थित जेपीज् केक नामक दुकान में काम करना शुरु किया था और इस दुकान में काम करने के दौरान ही उसने शहर पुलिस को अपने दो मोबाइल नंबरों के जरिए एक के बाद एक तीन बार कॉल करते हुए शहर में अलग-अलग स्थानों पर बम रखा होने की झूठी खबर दी थी. ऐसे में अब पुलिस द्वारा इस बात की पडताल की जा रही है कि, आखिर ऐसा करने के पीछे गणेश तिवारी की क्या मंशा थी.
शहर पुलिस आयुक्त अरविंद चावरिया एवं पुलिस उपायुक्त श्याम घुगे गणेश शिंदे के मार्गदर्शन तथा सिटी कोतवाली के थानेदार मनोहर कोटनाके के नेतृत्व में पीएसआई विजय गिते, पोहेकां घनश्याम यादव, दीपक श्रीवास, मंगेश दिघेकर, अथरअली बेग, आकाश इंगोले तथा साईबर सेल के एपीआई अनिकेत कासार ने मामले की जांच-पडताल करते हुए इस मामले का पर्दाफाश किया तथा गणेश तिवारी को धर दबोचा.
* सात साल की जेल, ऐसी कॉल करने से बचें
डीसीपी श्याम घुगे ने दो रोज पहले शहर में सनसनी मचानेवाले बम की कॉल को सभी के लिए नाहक परेशानी वाला बताते हुए लोगों से अपील की कि, केवल रोमांच के लिए भी इस प्रकार की झूठी कॉल से बचा जाना चाहिए. डीसीपी ने बताया कि, संबंधित मामले में सात वर्ष तक जेल की सजा केवल एक धारा में हो सकती है, अन्य धाराओं के जुडने पर भी मामला संगीन हो सकता है. अन्य धाराओं में तीन-तीन वर्ष की जेल का प्रावधान है. घुगे ने पुन: युवाओं से अपील की कि, इस प्रकार की कोई कॉल पुलिस या सुरक्षा एजेंसियों को कतई न करें.                                                                                                                                                                                 * साइबर सेल की मदद से तुरंत एक्शन
पुलिस ने पहले दिन से ही कॉल करनेवाले का नंबर और लोकेशन ट्रेस करने पर जोर दिया था. डीसीपी घुगे ने बताया कि, जांच टीम ने साइबर सेल की मदद से कॉल किस नंबर से आई है, इसे खोज निकाला. उपरांत लोकेशन लेने का प्रयास किया गया. आज जैसे ही आरोपी तिवारी ने तीसरी कॉल पुलिस के नंबर 112 पर की. तुरंत वह पकडा गया, उपरोक्त दुकान से धर लिया गया.

Back to top button