भाजपा पर्यवेक्षकों के दिए नामों पर लगेगी मुहर
नगराध्यक्ष व नगरसेवकों के 95 प्रतिशत नाम तय; संगठन पर भरोसा

मुंबई/दि.12 – आगामी नगर परिषद और नगर पंचायत चुनावों को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने संगठनात्मक रूप से एक बड़ा निर्णय लिया है। पार्टी ने ठहराया है कि नगराध्यक्ष और नगरसेवक पदों के लिए जो संभावित नाम भाजपा पर्यवेक्षकों (निरीक्षकों) ने प्रदेश भाजपा नेतृत्व को भेजे हैं, उन्हीं में से एक नाम को अंतिम रूप दिया जाएगा. इस प्रकार संगठन के माध्यम से सुझाए गए नामों पर मुहर लगाकर भाजपा ने यह स्पष्ट संदेश दिया है कि संगठन ही सर्वोपरि है.
* वर्षा निवास पर हुई महत्त्वपूर्ण बैठक
प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेताओं और जिलों के प्रभारियों की बैठक मंगलवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के मुंबई स्थित वर्षा निवास पर हुई. बैठक में निर्णय लिया गया कि नीचे से आए नामों में से ही एक नाम को चुना जाएगा और लगभग 95 प्रतिशत स्थानों पर यही फॉर्म्युला लागू रहेगा. यदि किसी क्षेत्र से आए पैनल में सुझाए गए नाम पार्टी के सर्वेक्षण में आगे नहीं आते, तो वहां सर्वेक्षण में सबसे आगे रहने वाले व्यक्ति को टिकट दिया जाएगा.
* संगठन की राय को सर्वोच्च प्राथमिकता
भाजपा ने प्रत्येक नगर परिषद क्षेत्र में एक-एक पर्यवेक्षक भेजा था. इन पर्यवेक्षकों ने वहां के 61 स्थानीय पदाधिकारियों से व्यक्तिगत (वन-टू-वन) चर्चा कर नगराध्यक्ष और नगरसेवक पदों के लिए 2 से 3 नाम प्रदेश नेतृत्व को भेजे. अब पार्टी उन्हीं नामों में से एक को अंतिम रूप देने जा रही है. इस निर्णय के पीछे उद्देश्य यह है कि संगठन के पसंदीदा उम्मीदवारों को टिकट देने से संगठन और कार्यकर्ता दोनों मजबूती से उम्मीदवार के साथ खड़े रहेंगे, जिससे पार्टी को सीधा लाभ होगा.
* दो चरणों में हुई बैठकें
सुबह हुई बैठक के बाद शाम को एक और बैठक आयोजित की गई, जिसमें विशेष रूप से नगराध्यक्ष पदों के उम्मीदवारों के नामों को अंतिम रूप देने पर चर्चा हुई. प्रत्येक क्षेत्र से आए दो-तीन नामों में से कौन-सा नाम तय किया जाए, इस पर विचार-विमर्श किया गया.
* चंद्रशेखर बावनकुले बने चुनाव प्रभारी
इस बैठक में प्रदेशाध्यक्ष रवींद्र चव्हाण ने घोषणा की कि महसूल मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले को भाजपा का चुनाव प्रभारी बनाया गया है. रवींद्र चव्हाण ने कहा, मुझे हाल ही में प्रदेशाध्यक्ष की जिम्मेदारी मिली है, इसलिए चुनावी अनुभव रखने वाला नेतृत्व साथ होना जरूरी है. इसी कारण से चंद्रशेखर बावनकुळे को यह जिम्मेदारी दी गई है. बावनकुले ने भरोसा जताया कि इन चुनावों में महायुती (भाजपा-शिवसेना-राष्ट्रवादी गटबंधन) को प्रचंड विजय मिलेगा.
* महायुती को मजबूत करने की रणनीति
बैठक में तीनों सहयोगी दलों भाजपा, एकनाथ शिंदे गट और अजित पवार गट की समन्वय समिति ने महायुती को एकजुट रखने के लिए रणनीति तैयार की. तय किया गया कि प्रत्येक जिले में स्थानीय पालकमंत्री और अन्य दो पक्षों के संपर्क मंत्री, ऐसी त्रिसदस्यीय समिति अगले दो-तीन दिनों में जिलों का दौरा करेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि तीनों पक्ष मिलकर चुनाव लड़े. सूत्रों के अनुसार, बैठक में शिंदे शिवसेना के मंत्रियों ने ठाणे और कोकण क्षेत्र में कुछ भाजपा नेताओं द्वारा की जा रही टीका-टिप्पणी को लेकर नाराज़गी जताई.
* अपने दम पर चुनाव लड़ने की मांग
बैठक में विदर्भ, पश्चिम महाराष्ट्र और कोकण क्षेत्र के कुछ भाजपा नेताओं ने मांग रखी कि भाजपा को मित्रपक्षों के साथ न जाकर अपने बलबूते पर चुनाव लड़ना चाहिए.इन नेताओं ने यह भी कहा कि कुछ सहयोगी दलों के नेता खुले तौर पर भाजपा नेताओं के खिलाफ बोल रहे हैं, जो अस्वीकार्य है.
* मुख्यमंत्री फडणवीस का स्पष्ट संदेश
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नेताओं को कहा कि आगामी चुनावों में भाजपा ही नंबर वन पार्टी रहनी चाहिए. महाविकास आघाडी हमारा प्रमुख प्रतिद्वंदी है. मित्रपक्षों को किसी भी तरह आहत न करें. यदि स्थानीय स्तर पर मतभेद हों, तो वरिष्ठों को बताएं, लेकिन सहयोगी दलों के नेताओं की सार्वजनिक आलोचना न करें.
भाजपा ने इस बैठक के माध्यम से स्पष्ट संकेत दिया है कि आगामी नगर परिषद और नगर पंचायत चुनावों में निर्णय संगठन की सिफारिशों के आधार पर ही होंगे. इससे कार्यकर्ताओं का विश्वास बढ़ेगा, भाजपा संगठन के बल पर पूरी ताकत से चुनावी मैदान में उतरेगी.





