विमान हादसे में भगवत गीता नहीं जलने के पीछे चमत्कार नहीं, विज्ञान है
अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति ने किया घटना का वैज्ञानिक विश्लेषण

मुंबई./दि.19 – विगत दिनों अहमदाबाद से लंदन के लिए रवाना हुए विमान के साथ घटित भीषण हादसे में 229 यात्रियों व 12 केबीन क्रू सदस्यों के साथ ही मेडीकल होस्टल में मौजूद 29 लोगों की जान चली गई थी. मेडीकल होस्टल से विमान के टकराने के बाद लगी भीषण आग में सभी लोगों के शरीर पूरी तरह से जलकर खाक हो गए थे. वहीं इस हादसे में केवल एक यात्री आश्चर्यजनक तरीके से बच गया था. खास बात यह भी रही कि, जले हुए विमान के मलबे में से श्रीमद् भगवत गीता की एक प्रतिलिपी भी बरामद हुई थी. जिसे थोडाबहुत नुकसान ही पहुंचा था. ऐसे में इस हादसे में विमान यात्री व उनका पूरा साजोसामान जलकर खाक हो गया. वहीं श्रीमद् भगवत गीता के पूरी तरह सहीसलामत रहने पर आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है. साथ ही इसे चमत्कार भी माना जा रहा है. परंतु अब अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति ने चमत्कार वाली बात को खारिज करते हुए स्पष्ट किया है कि, उस हादसे व आग में श्रीमद् भगवत गीता के नहीं जलने के पीछे कोई चमत्कार नहीं बल्कि वैज्ञानिक कारण है.
अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के नंदकिशोर तलाशीकर द्वारा इस संदर्भ में फेसबुक पर लिखी गई पोस्ट में स्पष्ट किया गया है कि, यदि थोडे मोटे व ज्यादा पन्ने रहनेवाली किसी किताब की बाईंडिंग पक्की है तो वह किताब जलती हुई आग में भी पूरी तरह से जलती नहीं है. क्योंकि, कागज की एक के उपर एक गड्डी रहने पर भौतिकशास्त्र के नियमानुसार उस पदार्थ की घनता बढ जाती है. जिसके चलते उस पर आग व पानी का परिणाम नहीं होता. बल्कि केवल उसके कोने जलते या भिगते है. ठीक ऐसा ही अहमदाबाद के विमान हादसे में भी घटित हुआ. जिसमें भगवत गीता की किताब के कोने जले है और शुरुआत के कुछ पन्ने आग की की आंच में तपने की वजह से काले व कथ्थे हुए है. साथ ही अगले सभी पन्ने सुरक्षित है.
इस पोस्ट में यह भी कहा गया कि, विमान का इंधन अति ज्वलनशील रहता है. वह जिस प्रमाण में उडकर शरीर पर गिरता है, उसी प्रमाण में किसी के जलने की संभावना अधिक रहती है. हादसे का शिकार हुए विमान में सवार सभी यात्रियों व कर्मचारियों ने अपनी सीट बेल्ट लगाकर रखी थी और वे अपनी-अपनी कुर्सीयों पर ही बैठे हुए थे. जिसके चलते उन पर विमान का इंधन अधिक प्रमाण में आकर गिरा, जिसकी वजह से वे अधिक प्रमाण में जल गए. वहीं दूसरी ओर भगवत गीता की किताब किसी के हाथ अथवा थैली में रही होगी. जो मेडीकल होस्टल की इमारत से विमान के टकराने और विमान में विस्फोट होने के साथ ही दूर जाकर गिरी होगी. जिसकी वजह से वह किताब पूरी तरह जलने से बच गई.
इस घटना में चमत्कार की बात को खारिज करते हुए अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति द्वारा यह भी कहा गया कि, इस हादसे में विमान का वॉईस रिकॉर्डर, ब्लैक बॉक्स भी जलकर खाक नहीं हुए, तो इसके पीछे भी कोई चमत्कार नहीं था, बल्कि वैज्ञानिक वजहें थी. ठीक उन्हीं वजहों के चलते उस हादसे में श्रीमद् भगवत गीता की किताब भी जलने से बच गई.





