सांसद वानखडे को भी सौंपा गया निवेदन
जन्म प्रमाणपत्रों की कार्रवाई को बताया बेइंसाफी

अमरावती / दि. 2 – आधारकार्ड में गलत जन्मतिथि दर्ज होने से आम नागरिकों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड रहा है. इसी संदर्भ में समाजसेवी डॉ. असलम भारती, पत्रकार अजहर पटेल, परवेज घोरी, गोपाल मुंडखाडे और नवेद अहमद ने सांसद बलवंत वानखडे को निवेदन सौंपकर तत्काल हस्तक्षेप की मांग की. निवेदन में बताया गया कि गलत जन्मतिथि के कारण नागरिकों को शासकीय कामकाज, बैकिंग, शैक्षणिक दाखिले और अन्य आवश्यक प्रक्रियाओं में भारी कठिनाईयों का सामना करना पड रहा है. आधार सेवा केंद्रों पर कई बार प्रयास करने के बावजूद भी त्रुटियां ठीक नहीं हो रही हैं. इस समस्या को लेकर पहले 4 फरवरी 2025 को जिलाधिकारी अमरावती को निवेदन सौंपा गया था. लेकिन समाधान न निकलने पर 27 जून 2025 को पालकमंत्री को निवेदन प्रस्तुत किया गया. बावजूद समस्या जस की तस बनी हुई है. जिससे आम जनता की परेशानी लगातार बढती जा रही है.
विशेष रूप से कई महिलाएं ‘लाडकी बहन योजना’ से वंचित हो गई है. योजना का लाभ सही जन्म तिथि पर आधारित है. लेकिन आधार कार्ड में गलत तारीख दर्ज होने के कारण पात्र महिलाएं भी लाभ से वंचित हो रही हैं. यह स्थिति महिलाओं के साथ अन्यायपूर्ण है और योजना के मूल उद्देश्य को बाधित कर रही है. सांसद बलवंत वानखडे ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए कहा है कि आधार कार्ड नागरिकों के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज है.् इसमें त्रुटियां रहने से नागरिकों को मानसिक और आर्थिक दोनों प्रकार की परेशानियां झेलनी पड रही है. मैं इस विषय पर संबंधित विभाग से सीधे बात करूंगा और समस्या का समाधान निकालने का प्रयास करूंगा. इसी तरह हाल ही में जन्म दाखिले रद्द किए जाने के बाद आम नागरिकोें पर एफआईआर दर्ज करने की घटनाओं को भी सामाजिक कार्यकर्ताओं ने अन्यायपूर्ण ठहराया. उनका कहना था कि जब दाखिले प्रशासन की ओर जारी किए गये थे. तब अधिकारी सोए हुए थे. यदि बाद में एसआयटी जांच के बाद दाखिले रद्द किए गये तो इसकी जिम्मेदारी प्रशासन की है. इसके बावजूद निर्दोष नागरिकों पर एफआईआर दर्ज करना उचित नहीं है.
इस विषय पर सांसद महोदय को अवगत कराते हुए सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा कि प्रशासन की गलती का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड रहा है. अत: इस अन्याय को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाए जाने की आवश्यकता है. अब उम्मीद जताई जा रही है कि बार- बार दिए गये निवेदनों के बाद शासन- प्रशासन इस गंभीर समस्या पर शीघ्र ठोस कार्रवाई करेगा.





