कौडण्यपुर से होंकर गुजरेगा शक्तिपीठ महामार्ग
रूक्मिणी माता के मायके को मिलेंगी वैश्विक स्तर पर पहचान

* भाजपा जिलाध्यक्ष रविराज देशमुख के प्रयास सफल
कौडण्यपुर/दि.11 – भगवान श्रीकृष्ण की ससुराल ओैर विदर्भ राजकन्या रूक्मिणी माता तथा पंचसती का मायका साथ ही महाभारतकालीन पौराणिक तिर्थक्षेत्र माने जाने वाले कौंडण्यपुर का महाराष्ट्र के विभिन्न तिर्थक्षेत्रों को जोडने वाले शक्तिपीठ महामार्ग में समावेश किया गया हैं. इस संबंध में भाजपा जिलाध्यक्ष रविराज देशमुख एवं अंबा रूक्मिणी सांस्कृतिक महोत्सव समिति के अध्यक्ष (श्री क्षेत्र कोैडण्यपुर) को पत्र प्राप्त हुआ हैं. सरकार के इस निर्णय पर रविराज देशमुख ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे तथा राजस्व मंत्री व जिले के पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले का आभार व्यक्त किया.
उल्लेखनीय है कि 27 जून 2025 को श्री अंबा रूक्मिणी सांस्कृतिक महोत्सव समिति द्वारा आयोजित 211 मीटर साडी अर्पण समारोह में पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने प्रमुख अतिथी के रूप में उपस्थित रहकर रविराज देशमुख की मांग पर कौडण्यपुर को शक्तिपीठ महामार्ग से जोडने की घोषणा की थी. अब इस संबंध मेंं प्रक्रिया शुरू हो चुकी हैं. और इसका पत्र प्राप्त होने पर रविराज देशमुख ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा की जल्द ही महाभारतकालीन यह पावन तीर्थस्थल शक्तिपीठ महामार्ग के माध्यम से अत्यंत गौरव प्राप्त करेगा. और इसका महत्व वैश्विक स्तर तक पहुंचेगा. इसके लिए उन्होंने राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले का विशेष आभार माना.
विदित हो कि नागपुर-गोवा शक्तिपीठ सुपर एक्सप्रेस महामार्ग 802 किमी लंबा एक्सप्रेसवे हैं. जो यात्रा का समय 13 घंटे कम करेंगा. इसके चलते कुल दूरी 1110 किमी घटकर 802 किमी रह जाएंगी. यह एक्सप्रेसवे महाराष्ट्र के 12 जिलो और गोवा के 1 जिले से होकर गुजरेगा. इसका प्रबंधन एमएसआरडीसी द्वारा किया जाएगा. महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में कनेक्टिविटी बढाने के उद्देश्य से यह एक्सप्रेसवे बनाने का निर्णय लिया है. दावा किया जा रहा हैं कि गोवा- नागपुर यात्रा का समय 21 घंटे से घटकर केवल 8 घंटे हो जाएंगा. इस एक्सप्रेसवे को शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे नाम इसलिए दिया गया हैं. क्याकि यह महाराष्ट्र के तीन शक्तिपीठो -महालक्ष्मी, तुलताभवानी और पत्रादेवी को आपस मेे जोडता हैें.
वैश्विक स्तर का मिलेगा दर्जा
भाजपा जिलाध्यक्ष रविराज देशमुख ने कहां हैें कि इस एक्सप्रेसवे से यात्रा का औसत समय 18 – 20 घंटे घटकर मात्र 7 -8 घंटे रह जाएंगा. यह विदर्भ, मराठवाडा और पश्चिम महाराष्ट्र के लोगो के लिए एक गेम-चेंजर साबित होगा. इससे क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढेगे और पिछडे इलाकों में आवश्यक सामाजिक व आर्थिक विकास तेजी से होगा. विदर्भ की राजकन्या रूक्मिणी माता का मायका होने के नाते श्री क्षेत्र कौडण्यपुर का इस महामाार्ग में समावेश होना गौरव की बात हैं. उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुुए कहा कि इसके कारण कौडण्यपुर को विश्वस्तर पर पहचान मिलेंगी और यहां का विकास तेज गति से होगा. साथ ही स्थानीय लोगो को रोजगार प्राप्त होगा.





