एसटी की साइट पर बनेगा राज्य का सबसे बड़ा स्क्रैपिंग सेंटर

इससे आय का नया स्रोत निर्माण होने का जताया विश्वास

* प्रताप सरनाईक ने दी जानकारी
मुंबई./दि.28 – पुराने वाहनों को वैज्ञानिक तरीके से स्क्रैप किया जाएगा और उनके स्पेयर पार्ट्स का दोबारा इस्तेमाल किया जाएगा. इस तरह से उनका निपटान करने वाला सबसे बड़ा स्क्रैपिंग सेंटर (स्क्रैप सेंटर) एसटी कॉर्पोरेशन द्वारा सार्वजनिक-निजी भागीदारी के आधार पर स्थापित किया जाएगा, जिससे भविष्य में एसटी के लिए आय का एक अलग और टिकाऊ स्रोत तैयार होगा. यह बात परिवहन मंत्री और एसटी कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष प्रताप सरनाईक ने कही. वे इस संबंध में बुलाई गई एसटी कॉर्पोरेशन की समीक्षा बैठक में बोल रहे थे.
केंद्र सरकार ने वर्ष 2021 में रजिस्टर्ड व्हीकल स्क्रैपिंग फैसिलिटी (आरवीएसएफ) के नाम से 15 साल से पुराने वाहनों को वैज्ञानिक तरीके से स्क्रैप करने और उनके स्पेयर पार्ट्स का इस तरह से निपटान करने की नई नीति बनाई कि उनका दोबारा उपयोग न हो. उक्त नीति को वर्ष 2023 में महाराष्ट्र सरकार ने अपनाया और ऑटोमोटिव इंडस्ट्री स्टैंडर्ड (एआईएस) के नियमों और शर्तों के अनुसार स्क्रैपिंग सेंटर को मंजूरी देने का निर्णय लिया गया है. तदनुसार, एसटी महामंडल को राज्य में 3 स्थानों पर ऐसे स्क्रैपिंग केंद्र स्थापित करने की अनुमति भी मिल गई है, और राज्य में पहला और सबसे बड़ा स्क्रैपिंग केंद्र छत्रपति संभाजी नगर जिले के खुल्ताबाद में एसटी महामंडल के स्वामित्व वाली 100 एकड़ भूमि पर सार्वजनिक-निजी भागीदारी के माध्यम से स्थापित किया जाएगा.
* एसटी के लिए आय का एक नया स्रोत
मंत्री प्रताप सरनाईक ने कहा कि वर्तमान में सरकार की अनुमति से राज्य में 8 संस्थाएं स्क्रैपिंग सेंटर चला रही हैं और उनकी क्षमता प्रति वर्ष कम से कम एक हजार वाहनों को स्क्रैप करने की है. चूंकि सरकार की ओर से ऐसी संस्थाओं को अनुमति देने वाला परिवहन विभाग भी मेरे अधिकार क्षेत्र में है, इसलिए मुझे विश्वास है कि एसटी के अध्यक्ष और परिवहन मंत्री के रूप में इस परियोजना को गति देकर भविष्य में एसटी के माध्यम से अधिकतम वाहनों को वैज्ञानिक तरीके से स्क्रैप करने और निपटाने का सबसे बड़ा केंद्र स्थापित किया जाएगा और इससे आय का नया स्रोत बनाया जाएगा. इस दौरान समीक्षा बैठक में संविदा के आधार पर आवश्यक मानव संसाधन की भर्ती, कर्मचारियों व अधिकारियों के स्थानांतरण व पदोन्नति के मापदंड निर्धारित व लागू किए जाने, नई वाहन खरीद नीति तैयार करने आदि पर विचार किया जाएगा.

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