50 फीसद प्रौढों को साक्षर करने का लक्ष्य
नवभारत साक्षरता उपक्रम पर किया जा रहा अमल

* सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडलों से भी लिया जा रहा सहयोग
अमरावती/दि.4 – जिले में नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत निरक्षरों को साक्षर करने हेतु सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडलों द्वारा पहल की जाए और प्रत्येक गणेशोत्सव मंडल द्वारा कम से कम 50 प्रौढ निरक्षरों को साक्षर किया जाए, ऐसा नियोजन राज्य के योजना, शिक्षा संचालनालय द्वारा किया गया है.
बता दें कि, समाज में लोकसहभाग से एकजुटता व जनजागृति हेतु लोकमान्य तिलक ने सार्वजनिक गणेशोत्सव शुरु किया था. जिसके चलते आज भले ही प्रत्येक घर में गणेश मूर्तियां स्थापित होती है. साथ ही साथ विविध मंडलों द्वारा भी सार्वजनिक गणेशोत्सव मनाया जाता है. जिसके चलते गणेशोत्सव मंडलों से गणेश पंडाल में ही श्री गणराया के समक्ष प्रौढों की कक्षा लगाई जाए, इस संकल्पना के तहत निरक्षरों को साक्षर करने हेतु पहल करने का आव्हान किया गया है. यद्यपि इस अभियान को गणेशोत्सव मंडलों हेतु अनिवार्य नहीं किया गया है. परंतु साक्षरता को लेकर जनजागृति करने हेतु जिला परिषद के योजना शिक्षण विभाग के मार्फत यह उपक्रम वरिष्ठ स्तर से प्राप्त निर्देशों के अनुरुप चलाया जा रहा है. जिसके तहत इस बार अमरावती जिले को 11 हजार 556 प्रौढों को साक्षर करने का लक्ष्य दिया गया है. वहीं 2 सितंबर तक अमरावती जिले में 2 हजार 343 निरक्षरों का पंजीयन हुआ है.
* साक्षरता की झांकी तथा रंगोली व चित्रकला स्पर्धा
इस अभियान के अंतर्गत साक्षरता की झांकियां साकार करने तथा रंगोली व चित्रकला स्पर्धा आयोजित कर जनजागृति करने का आवाहन योजना शिक्षा संचालनालय द्वारा सभी गणेशोत्सव मंडलों से किया गया है.
* श्री गणेश के सामने ही लगेंगी कक्षाएं
गणेशोत्सव में आरती व भजन सहित सामूहिक चेतना जगाने के उपक्रम चलाए जाते है. जिसके तहत व्यसनमुक्ति, दहेज बलि व पर्यावरण संरक्षण जैसे विषयों पर उपक्रम आयोजित किए जाते है. इसके साथ ही इस वर्ष गणेश पंडालों में श्री गणेश मूर्ति के सामने ही निरक्षरों को साक्षर बनाने हेतु कक्षाएं लगाने का निर्देश दिया गया है.
* जिले में 1417 सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल
जिले में इस वर्ष सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडलों का प्रमाण काफी अधिक है. जिसके तहत ग्रामीण क्षेत्र के 14 तहसीलों के विविध गांवों में करीब 1 हजार 417 सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडलों द्वारा श्री गणराय की स्थापना की गई है. इसके साथ ही शहर में भी 547 गणेशोत्सव मंडलों द्वारा विघ्नहर्ता विनायक की स्थापना की गई है. इन सभी मंडलों द्वारा प्रति वर्ष गणेशोत्सव दौरान विविध सामाजिक उपक्रम चलाए जाते है. ऐसे में यदि साक्षरता अभियान को लेकर सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडलों द्वारा सहभागिता व सक्रियता दिखाई जाती है, तो जिले में निरक्षरता का प्रमाण कम होने में सहायता मिल सकती है.
* राज्य योजना शिक्षा संचालनालय ने इस वर्ष गणेशोत्सव पर्व को साक्षरता अभियान के साथ जोडने का निर्णय लिया है. जिसे विविध गणेशोत्सव मंडलों की ओर से उत्स्फूर्त प्रतिसाद भी मिल रहा है. यद्यपि गणेशोत्सव मंडलों के लिए इस अभियान हेतु कोई अनिवार्यता नहीं की गई है. परंतु सभी गणेशोत्सव मंडलों को नवभारत साक्षरता का प्रसार करते समय कम से कम 50 निरक्षरों को साक्षर बनाने का निर्देश दिया गया है. ताकि निरक्षरता के प्रमाण को कम किया जा सके.
– निखिल मानकर
शिक्षाधिकारी, योजना शिक्षा विभाग.





