‘50 खोके’ की बात थी पूरी तरह सच!

खुद भाजपा विधायक ने किया सनसनीखेज दावा

* शिंदे द्वारा बांगर को 50 करोड रुपए देने की बात कही
* निकाय चुनाव के चलते जुबानी जंग हुई तेज
हिंगोली./दि.27- महाराष्ट्र की राजनीति में चर्चित नारा ‘50 खोके’ का मुद्दा एक बार फिर सुर्खियों में है. वर्ष 2022 में शिंदे गुट द्वारा की गई बगावत के समय विधायकों को 50-50 करोड़ रुपए दिए जाने के आरोप शिवसेना (ठाकरे गुट) द्वारा बार-बार लगाए जाते रहे, परंतु अब भाजपा के ही विधायक तानाजी मुतकुले ने इस आरोप पर पुष्टि के संकेत देने वाला बड़ा बयान देकर राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है. विधायक तानाजी मुतकुले ने दावा किया कि एकनाथ शिंदे के गुट में शामिल होने के लिए उस समय विधायक संतोष बांगर को 50 करोड़ रुपए दिए गए थे. उनके अनुसार, उनका बयान गंभीर जरूर है, लेकिन बिल्कुल सच है. उन्हें दूसरों के बारे में जानकारी नहीं, लेकिन संतोष बांगर को 50 करोड़ मिले, यह निश्चित जानकारी है. एक दिन पहले तक वे लोगों को ठाकरे गुट के साथ रहने की अपील कर रहे थे, और अचानक 50 करोड़ लेकर शिंदे गुट में शामिल हो गए.
विधायक मुतकुले ने आगे आरोप लगाया कि यह धनराशि एकनाथ शिंदे के नजदीकी व्यक्ति के माध्यम से बांगर को पहुंचाई गई. इस दावे के बाद राजनीतिक वातावरण में जोरदार चर्चा शुरू हो गई है और विरोधियों के आरोपों को आधार मिलने का माहौल बन गया है. बता दें कि, राज्य में सत्ता साझेदार होने के बावजूद भाजपा और शिंदे सेना हिंगोली जिला नगर परिषद चुनाव में प्रत्यक्ष संघर्ष कर रहे हैं. अभी तक परस्पर आरोप-प्रत्यारोप से चुनावी रंगत बढ़ती रही थी, लेकिन कुछ दिन पहले शिंदे सेना द्वारा भाजपा के दो उम्मीदवारों को तोड़ना भाजपा के लिए बड़ा झटका साबित हुआ. हिंगोली में नगराध्यक्ष पद पर भाजपा का दावा मजबूत माना जा रहा था, लेकिन इसी बीच शिंदे सेना विधायक संतोष बांगर ने अचानक चुनाव में कूदते हुए नगराध्यक्ष और नगरसेवक पदों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए. इसके बाद से दोनों दलों के बीच तनाव और बढ़ गया. प्रचार अभियान के दौरान संतोष बांगर और तानाजी मुतकुले कई बार आमने-सामने आए.
मित्र दल होने के बाद भी निर्वाचित प्रतिनिधियों के बीच सीधी टकराव की स्थिति बन गई है. पूरे जिले की नगरपालिकाओं में सत्ता पर कब्जे की होड़ दिखाई दे रही है. मुतकुले के 50 करोड़ दावे ने चुनावी माहौल में हलचल पैदा कर दी है. विरोधकों के साथ ही अब सर्वसामान्य मतदाताओं में भी यह चर्चा जमकर शुरु है कि, यदि शिंदे सेना को लेकर विरोधियों के आरोप सत्य साबित हुए, तो क्या? जिसके चलते आने वाले दिनों में यह मुद्दा चुनावी प्रचार का सबसे बड़ा विषय बनने की पूरी संभावना है.

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