एक कैदी से ही मिली थी अंडा सेल में मोबाइल रहने की ‘टिप’
तीन मोबाइल व दो बैटरियां बरामद होने का मामला हुआ उजागर

* अमरावती सेंट्रल जेल की सुरक्षा व्यवस्था एक बार फिर सवालों के घेरे में
* मीडिया के सवालों का जवाब देने से बच रहा जेल प्रशासन, जब्त फोन अब तक फ्रेजरपुरा पुलिस के हवाले नहीं
अमरावती/दि.7 – स्थानीय मध्यवर्ती कारागार के अंडा सेल में बंद रहनेवाले दो कैदियों की बैरक में की गई जांच-पडताल के दौरान तीन मोबाइल फोन व दो मोबाइल बैटरियां बरामद होने का मामला गत रोज सामने आया था. इस घटना के चलते अमरावती सेंट्रल जेल की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर जबरदस्त सवाल उठ खडे हुए है. वहीं अब यह जानकारी सामने आई है कि, जेल में बंद रहनेवाले एक कैदी ने ही जेल के अधिकारियों को जेल के भीतर मोबाइल रहने की जानकारी दी थी. तब तक जेल के भीतर किसी कैदी के पास मोबाइल रहने की बात का जेल के अधिकारियों को कोई अता पता नहीं था. ऐसे में यह सवाल अब भी अपनी जगह पर बना हुआ है कि, आखिर कडी सुरक्षा वाले अमरावती सेंट्रल जेल तथा अति सुरक्षा वाले अंडा सेल के भीतर मोबाइल फोन व बैटरियां कैसे पहुंची. इन तमाम सवालों का जवाब देने से फिलहाल जेल प्रशासन बच रहा है.
वहीं यह भी पता चला है कि, जब्त किए गए तीनों मोबाइल फोन व दोनों बैटरियों को जेल प्रशासन ने अब भी अपने पास ही रखा हुआ है और उन्हें फ्रेजरपुरा पुलिस के हवाले नहीं किया गया है. ऐसे में वे दोनों कैदी निश्चित तौर पर जेल के भीतर कितने दिनों से मोबाइल का प्रयोग कर रहे थे और उन्होंने जेल के भीतर रहते हुए किन-किन लोगों को कॉल अथवा वीडियो कॉल किया, साथ ही एंड्राईड मोबाइल का प्रयोग करते हुए कहीं जेल के भितरी हिस्सों की कोई वीडियो शूटिंग तो नहीं की गई, जैसे सवालों के जवाब अब तक सामने नहीं आए है. साथ ही यह भी स्पष्ट नहीं है कि, इन तमाम बातों की जांच खुद जेल प्रशासन द्वारा की जाएगी या फिर फ्रेजरपुरा पुलिस द्वारा मांग किए जाने पर जब्त फोन जांच हेतु फ्रेजरपुरा पुलिस के हवाले किए जाएंगे. ऐसे कई सवाल उपस्थित हुए है, जिनका फिलहाल जेल प्रशासन के पास कोई जवाब नहीं है. साथ ही कारागार अधीक्षक कीर्ति चिंतामणी द्वारा इन सवालों का जवाब देने हेतु संपर्क साधे जाने पर कोई प्रतिसाद भी नहीं दिया जा रहा.
* खतरनाक कैदियों को रखा जाता है अंडा सेल में
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, बेहद खुंखार व खतरनाक रहनेवाले कैदियों को ही अंडा सेल में रखा जाता है. जहां पर सुरक्षा व्यवस्था अन्य बैरकों की तुलना में काफी अधिक रहती है. लेकिन इसके बावजूद अंडा सेल के भीतर तीन मोबाइल व दो बैटरियां कैसे पहुंची, यह अपने-आप में बेहद आश्चर्यवाला विषय
* कौन हैं वे दोनों कैदी?
अं में दो कैदियों के पास से तीन मोबाइल फोन व दो बैटरियां बरामद हुई है, उनके नाम तरबेज दरवेश खान व दस्तगीर गफूर शहा बताए गए है. जिसमें से तरबेज खानको बोरीवली-डिंडोशी के अतिरिक्त सत्र न्यायालय ने हत्या, जबरियां चोरी, हत्या का सबूत नष्ट करने जैसे फौजदारी मामलो में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इस कैदी को इससे पहले नाशिक रोड सेंट्रल जेल में रखा गया था, जहां से उसे सुरक्षा कारणों के चलते बची हुई सजा भुगतने हेतु 12 नवंबर 2024 को अमरावती सेंट्रल जेल में भिजवाया गया था.
इसी तरह दस्तगीर गफूर शहा के खिलाफ अहिल्या नगर जिले के श्रीरामपुर पुलिस थाने में हत्या का मामला दर्ज है. जिसे श्रीरामपुर के अतिरिक्त सत्र न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इस कैदी को कोल्हापुर की सेंट्रल जेल से 8 अप्रैल 2024 को अमरावती सेंट्रल जेल में भिजवाया गया था. इन दोनों कैदियों की जेल में गतिविधियां संदिग्ध दिखाई देने के चलते कुछ दिन पहले ही इन दोनों कैदियों को कडी सुरक्षा व निगरानी रहनेवाली अंडा सेल में बंद किया गया था. जहां पर इन दोनों कैदियों के पास से एक एंड्राईड फोन सहित तीन मोबाइल फोन व दो बैटरियां बरामद हुई है. जिसके चलते अंडा सेल सहित अमरावती सेंट्रल जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान लगते नजर आ रहे है.
* ऐसे हुआ मामले का खुलासा
जानकारी के मुताबिक करीब 8 दिन पहले एक सजायाप्ता कैदी ने बातों ही बातों में जेल के एक वरिष्ठ अधिकारी से कहा था कि, हमारे पास जेल के भीतर की गई वीडियो शूटिंग है. 3 अक्तूबर को जेल अधीक्षक द्वारा किए गए दैनंदिन संचार राऊंड के दौरान जेल के भीतर की गई वीडियो शूटिंग अपने पास रहने की बात उस कैदी ने बातों ही बातों में कही थी. जिसे लेकर पैदा हुए संदेह के आधार पर 5 अक्तूबर की सुबह 11.40 बजे के दौरान जेल के अधिकारियों व कर्मचारियों ने कारागार के अति सुरक्षा विभाग में विशेष तलाशी अभियान चलाया और इस दौरान जेल की अंडा सेल में रखे गए दो कैदियों के पास से तीन मोबाइल व दो बैटरियां बरामद हुए.
* इससे पहले भी जेल में मिला था मोबाइल
ध्यान दिला दें कि, इससे पहले 18 अक्तूबर 2023 को सुबह 9.30 बजे के आसपास जेल के भीतर एक मोबाइल बरामद हुआ था. इस मामले में दो कैदियों के खिलाफ फ्रेजरपुरा पुलिस थाने में अपराधिक मामला दर्ज किया गया था. इस मामले की जांच जारी रहने के दौरान ही अगले दो दिन बाद जेल के भीतर गांजा बरामद हुआ था. जिसके चलते जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान लगे थे.
* तीन सजायाप्ता कैदी भी भागे थे
ज्ञात रहे कि, जून 2022 में सेंट्रल जेल की सुरक्षा व्यवस्था को भेदकर तीन कैदी भाग निकले थे. जिन्होंने तडके 2 से 3 बजे के दौरान सुरक्षा रक्षकों की आंखों में धुल झोंकते हुए अपनी बैरक से बाहर निकलकर जेल की उंची दीवार को पार कर लिया था और अंधेरे में गायब हो गए थे. साथ ही अभी हाल-फिलहाल ही विगत 12 जून को बद्री मुजादे नामक कैदी भी जेल से भाग निकला.
* इस मामले में जेल सिपाही की शिकायत के आधार पर दो कैदियों के खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज किया गया है. जेल प्रशासन ने अब तक जब्त मोबाइल को जांच हेतु हमारे पास नहीं सौंपा है. जेल में मोबाइल कैसे पहुंचे, हम इसकी जांच कर रहे है. हमने इस घटना को लेकर मिली शिकायत के आधार पर दो एनसी दर्ज की है.
– रोशन सिरसाट
थानेदार, फ्रेजरपुरा पुलिस.
* इस पूरे मामले की हमने जानकारी हासिल की है. उन दोनों कैदियों को दो अलग-अलग स्थानों से अमरावती सेंट्रल जेल भेजा गया था. जिनका आपस में पहले से कोई संबंध नहीं था. अंडा सेल जैसी अति सुरक्षित बैरक में रखे गए कैदियों के पास मोबाइल मिलना बेहद गंभीर मामला है. कैदियों तक मोबाइल फोन कैसे पहुंचे व किसने पहुंचाए, इसकी अंतर्गत जांच होगी. साथ ही दोषी पाए जानेवाले लोगों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.
– वैभव आगे
उपमहानिरीक्षक (प्रभारी)
कारागार विभाग, नागपुर.
* गांजा व चरस का जेल में मिलना बेहद आम
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, यह अपनी तरह का कोई पहला मामला नहीं है, बल्कि इससे पहले भी जेल में मोबाइल सहित गांजा, चरस, गुटखा व खर्रा मिलने की कई घटनाएं उजागर हो चुकी है. बाहर से कारागार के भीतर मादक व नशिले पदार्थों से भरी गेंद फेंकने की घटनाएं इससे पहले कई बार सामने आ चुकी है. ऐसी गेंदों में मीठी सुपारी, चॉकलेट, काजल की डिब्बी, नागपुरी खर्रा तथा गांजा व चरस जैसी वस्तुएं पाई जाती है. ऐसी घटनाओं के चलते हमेशा ही जेल की अंतर्गत व बाह्य सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवालिया निशान उठते रहे है.
* कैदी के जन्मदिन पर बमसदृश्य पटाखों की आतिषबाजी
हत्या के मामले के तहत सेंट्रल जेल में बंद रहनेवाले ‘भाई’ को जन्मदिन की शुभकामना देने हेतु उसके दो समर्थकों द्वारा कारागार की ओर सीधे बारुद से भरे पटाखे उडाए जाने की बात इससे पहले उजागर हुई थी. गत वर्ष जुलाई माह के पहले सप्ताह के दौरान जिला मध्यवर्ती कारागार में बमसदृश्य दो वस्तुएं फेंकी गई थी, जिसमें से एक में विस्फोट ही हुआ था. इस घटना के चलते जेल प्रशासन सहित शहर पुलिस में अच्छा-खासा हडकंप भी मचा था. परंतु इसके बावजूद ऐसी घटनाओं की अमरावती सेंट्रल जेल में हमेशा ही पुनरावृत्ति होती रहती है.





