बहुत जल्द तोडा जाएगा रेलवे पुल का उपरी हिस्सा
उडानपुल पर अंडरपास वाले हिस्से का होगा ‘डी-लाँचिंग’

* आवाजाही पर मंडराते संभावित खतरे को टालने हेतु किए जाएंगे उपाय
* जिलाधीश आशीष येरेकर ने जारी किए आदेश
अमरावती/दि.16 – शहर के बीचोबीच स्थित रेलवे उडानपुल को पुराना, जर्जर व खस्ताहाल बताते हुए सभी तरह के वाहनों की आवाजाही के साथ ही पैदल राहगिरों के आने-जाने के लिए भी बंद कर दिया गया है. परंतु इसी उडानपुल के नीचे तीन जगहों से रेलगाडी सहित अन्य वाहनों की आवाजाही बिना दिक्कत चल रही है. ऐसे में संभावित खतरे को टालने हेतु बोगदा यानि टनलसदृष्य रहनेवाली इन तीनों जगहों पर स्थित उडानपुल के उपरी हिस्से को तत्काल गिराया जाएगा. इस काम को तकनीकी भाषा में ‘डी-लाँचिंग’ कहा जाता है और यह काम आगामी एक सप्ताह में शुरु हो जाएगा. जिसके लिए एक-दो दिन में रेलवे एवं सार्वजनिक लोकनिर्माण विभाग के अधिकारियों द्वारा संयुक्त रुप से रेलवे उडानपुल सहित तीनों स्थानों का निरीक्षण किया जाएगा, इस आशय की जानकारी जिला व्यवस्थापन प्राधिकरण के प्रमुख होने के नाते जिलाधीश आशीष येरेकर द्वारा सोमवार को दी गई.
उल्लेखनीय है कि, करीब दो वर्ष पहले ही यह स्पष्ट हो गया था कि, लगभग 60 साल पुराना हो चुका रेलवे उडानपुल अब आवाजाही के लिहाज से बिल्कुल भी योग्य नहीं है. तब से ही यह विषय रेलवे, सार्वजनिक लोकनिर्माण, पुलिस एवं राजस्व ऐसे चार विभागों में लगातार चर्चित था. परंतु निश्चित तौर पर पहल किसे करनी है, यह तय नहीं हो पा रहा था. जिसके बाद 23 जुलाई की देर रात इस बारे में पहला निर्णय शहर पुलिस विभाग ने जारी करते हुए रेलवे उडानपुल से सभी तरह के भारी वाहनों की आवाजाही को बंद करा दिया गया. जिसके करीब एक माह पश्चात 23 अगस्त से सभी तरह के छोटे-बडे वाहनों सहित पैदल राहगिरों के आने-जाने के लिए भी इस उडानपुल को बंद करा दिया गया. ऐन गणेशोत्सव के मुंहाने पर यह निर्णय लिए जाने के चलते शहर में इसे लेकर अच्छी-खासी चर्चा भी हुई. नागरिकों को बिना कोई पूर्व सूचना दिए पिछली बार की तरह ही देर रात निर्णय लेकर उसे तुरंत ही लागू कर दिए जाने के चलते अगले दिन शहर के पर्यायी रास्तों पर जबरदस्त ट्रैफिक जाम हुआ और वाहन चालकों को एक चौक से दूसरे चौक तक पहुंचने में कई-कई घंटों का समय भी लगा.
इसी बीच एक सवाल पूछा जाने लगा कि, जब रेलवे उडानपुल खतरनाक हो चुका है, तो फिर उडानपुल के नीचे से रेलगाडियों सहित वाहनों की आवाजाही कैसे चल रही है. परंतु उडानपुल के नीचे से होनेवाली आवाजाही को बंद करने का सीधा मतलब अमरावती रेलवे स्टेशन के दिनभर के दौरान चलनेवाली करीब 30 रेलगाडियों की आवाजाही को बंद कराना है. इसके अलावा रेलवे स्टेशन चौक से रेलवे उडानपुल के नीचे से होते हुए राजापेठ की ओर जानेवाले रास्ते को भी बंद करना पडेगा. जबकि यह मार्ग पर्यायी रास्तों की सूची में है. ऐसे में निश्चित तौर पर क्या करना है, इसे लेकर जिला प्रशासन व स्थानीय जनप्रतिनिधियों के बीच कई बार मैराथॉन बैठके हुई. जिसके जरिए कुछ उपाय भी सामने आए. इसी दौरान जिलाधीश आशीष येरेकर ने इस बारे में सोमवार की सुबह ही भुसावल स्थित रेलवे विभाग के सीनियर डिवीजनल इंजीनियर सुशांत मुसले के साथ चर्चा की. इसके बाद संयुक्त सर्वेक्षण व ‘डी-लाँचिंग’ के मुद्दे पर सहमति बनी.
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, खुद जिलाधीश आशीष येरेकर भी स्थापत्य अभियंता यानि सिवील इंजीनियर है. जिसके चलते उन्होंने इस विषय पर अच्छा-खासा ‘होमवर्क’ भी किया है. वहीं जब इस बारे में जानकारी हेतु रेलवे के सहायक डिवीजनल इंजीनियर विनोद राणे से संपर्क साधा गया, तो उन्होंने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि, आगामी एक-दो दिनों में ही उनकी यंत्रणा अमरावती में दाखिल हो जाएगी.
* निश्चित तौर पर क्या बदल होगा?
‘डी-लाँचिंग’ को लेकर तैयार की गई नई योजना रेलवे पटरी के उपर स्थित रेलवे उडानपुल के हिस्से सहित अंबापेठ व रायली प्लॉट तथा रेलवे स्टेशन चौक से राजापेठ की ओर आवाजाही हेतु खाली छोडी गई जगह के उपर स्थित उडानपुल के हिस्से को तोडकर उस जगह को पूरी तरह से खुला किया जाएगा. जिसके परिणामस्वरुप रेलवे की आवाजाही को राजापेठ की ओर आगे ले जाने अथवा उसे बडनेरा या नई अमरावती रेलवे स्टेशन पर स्थलांतरित करने की नौबत नहीं आएगी.
* इन पर्यायों पर काम शुरु
नया रेलवे उडानपुल तैयार होने में फिलहाल काफी समय लगना है. तब तक ट्रैफिक जाम की समस्या को हल करने हेतु विधायक खोडके दंपति ने जिला प्रशासन सहित सभी संबंधित विभागों को तीन पर्याय सुझाए है. जिसके तहत नेहरु मैदान में अस्थाई रास्ता तैयार कर जयस्तंभ चौक से राजकमल चौक के बीच होनेेवाली आवाजाही को मोडने, हमालपुरा से एसटी स्टैंड की ओर जानेवाले रास्ते को अधिक चौडा करने तथा रेलवे स्टेशन से बेलपुरा होते हुए राजापेठ की ओर जानेवाले रास्ते को सक्षम करने जैसे सुझावों का समावेश है.
हमने रेलवे उडानपुल की स्ट्रक्चरल ऑडिट रिपोर्ट मंगाई है. साथ ही रेलवे एवं सार्वजनिक लोकनिर्माण विभाग के अभियंताओं के मार्फत रेलवे पुल का इस्टीमेट बनाने का काम चल रहा है. रेलवे उडानपुल की ‘डी-लाँचिंग’ को लेकर रेलवे के सीनियर डिवीजनल इंजीनियर सुशांत मुसले से चर्चा की गई है. रेलवे उडानपुल की ‘डी-लाँचिंग’ प्रक्रिया करने हेतु टाइम टेबल बनाने का भी निर्देश दिया गया है. इस चर्चा में रेलवे की ओर से बताया गया कि, रेलवे द्वारा यात्रियों की सुरक्षा को लेकर पूरी फिक्र व सतर्कता बरती जा रही है. साथ ही एक-दो दिन में रेलवे विभाग के अधिकारियों व अभियंताओं द्वारा अमरावती का दौरा किया जाएगा और रेलवे के अभियंता विभाग एवं सार्वजनिक लोकनिर्माण विभाग के स्थानीय अभियंताओं द्वारा संयुक्त निरीक्षण करते हुए ‘डी-लाँचिंग’ के बारे में कृति कार्यक्रम तय किया जाएगा. इसके अलावा रेलवे उडानपुल के नीचे से रेलगाडियों सहित अन्य वाहनों की होनेवाली आवाजाही को सुचारु रखने हेतु आवश्यक कदम उठाए जाएंगे.
– आशीष येरेकर
जिलाधीश, अमरावती.





