माहुर की रेणुका माता के पास की गई मन्नत मंगरूल में की जाती है पूरी

धामणगांव रेलवे /दि.29 – मंगरूल दस्तगीर में मंगला माता का प्राचीन व जागृत स्थान है. संत लाहनुजी महाराज व संत गणपती महाराज का जन्म यहीं हुआ है.
मंगला माता को भवानी माता भी कहते है. यह स्थान माहुर क्षेत्र का ‘उपशक्ति पीठ’ रहने से माहुर की रेणुका माता के पास की गई मन्नत यहा पूरी की जाती है. सरसंगचालक गोलवलकर गुरूजी भगवती के दर्शन को आए थे. स्वामी शिलानंद सरस्वती साधना करने के लिए माहुर से यहां आए थे. मंगलादेवी का भारत में एक काशी क्षेत्री मंगलागवरी और दूसरा मंगरूल में स्थान है.
* मन्नत पूरी करनेवाली तलेगांव ठाकुर की कुलस्वामिनी रेणुका माता
तलेगांव ठाकुर- तिवसा तहसील के तलेगांव ठाकुर में आदिशक्ति मां रेणुका देवी का जागृत और विख्यात पुरातन मंदिर है. कुलस्वामिनी रेणुका माता यह भक्तों की मन्नत पूरी करती है, ऐसी सभी में आस्था है. मंदिर परिसर स्वच्छ व मनमोहक, दिल को प्रसन्न करनेवाला है.
मंदिर परिसर में दर्शनी भाग में दिखनेवाला विठ्ठल रूक्मिणी का पूर्वमुखी मंदिर, राम मंदिर, उंची टेकडी पर दत्त मंदिर, पुरातन हरीहर मंदिर, जगदीश महाराज मंदिर, पुरातन मस्ताराम बाबा की धूनी और पुरातन आखला का अद्भुत संगम दिखाई देता है. पिंगलाई नदी के तट पर स्थित सभी मंदिर के साथ रेणूका माता पूर्व मुखी है. सूर्योदय की पहली किरण मंदिर के गर्भगृह में पडती है. प्रारंभ में सुपारी जितनी रहनेवाली देवी की एक-एक कण बढोत्तरी होकर उसने भव्य स्वरूप धारण किया है. नवरात्रि के दिनों में इस मंदिर में अखंड जप-तप, सप्तशती पाठ, भजन-किर्तन, होम हवन, महापूजा, आरती, प्रार्थना होती दिखाई देती है. इस मंदिर में भक्तगण बडी संख्या में हर दिन उपस्थित रहते है. इस रेणूकामाता मंदिर की संपूर्ण जिम्मेदारी अशोक भारती महाराज के पास है.





