चिखलदरा के निकट है दुनिया का पहला गणपति संग्रहालय
एक ही छत के नीचे 6 हजार गणेश मूर्तियां हैं स्थापित

* देश-विदेश से लाई गई गणेश मूर्तियों का है संग्रह
अमरावती /दि.29 – विदर्भ के एकमात्र हिल स्टेशन चिखलदरा की ओर जाते समय मोथा गांव के निकट दुनिया का पहला गणपति संग्रहालय स्थापित किया गया है. करीब ढाई एकड क्षेत्रफल में विस्तारित इस संग्रहालय में देश-विदेश के अलग-अलग स्थानों से लाई गई विविध आकार-प्रकार वाली करीब 6 हजार गणेश मूर्तियां स्थापित है. जिसके चलते चिखलदरा के निकट स्थित यह गणपति संग्रहालय अब पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है.
जानकारी के मुताबिक इस गणपति संग्रहालय में स्थापित 6 हजार गणेश मूर्तियों में देश के अलग-अलग हिस्सों सहित इंडोनेशिया, बैंकॉक, सिंगापुर, चीन व नेपाल जैसे अलग-अलग देशों से लाई गई गणेश मूर्तियों का समावेश है. जिन्हें देखने हेतु यहां पर बडी संख्या में पर्यटक पहुंचते है. चिखलदरा से केवल 8 किलोमीटर की दूरी पर नंद उद्यान गणपति संग्रहालय नामक यह स्थान स्थित है. जहां पर पितल, तांबे, कांच व फाईबर से बनी अनेकों छोटी-बडी मूर्तियां है. खास बात यह है कि, यहां पर बेहद सुक्ष्म यानि दूर्बिन से दिखाई देनेवाले गणपति चावल व तिल्ली के दाने पर बनाए गए है. इसके अलावा पेन्सील की नोक, चॉक व दवाओं वाली गोली पर भी गणेश मूर्ति का शिल्प उकीरा गया है. साथ ही साथ फूलों की पंखुडियों पर बनी गणेश मूर्ति का भी यहां पर समावेश है.
बता दें कि, अकोला निवासी व्यवसायी प्रदीप नंद व उनकी पत्नी दीपाली नंद को गणपति बाप्पा के विविध रुपों सहित अलग-अलग आकार प्रकार वाली गणेश मूर्तियों को संग्रहित करने का शौक है. ऐसे में नंद दंपति जहां कहीं भी घूमने-फिरने हेतु जाते है, तो वहां पर मिलनेवाली अलग-अलग आकार-प्रकार वाली गणेश प्रतिमाओं को खरीदकर अपने पास संग्रहित करते है. देश-विदेश से लाई गई 2 हजार से अधिक गणेश मूर्तियों का संग्रह हो जाने के बाद नंद दंपति को गणपति संग्रहालय शुरु करने की कल्पना सूझी जिसके बाद उन्होंने चिखलदरा के निकट मोथा गांव स्थित अपनी ढाई एकड जमीन पर सन 2020-21 में गणपति संग्रहालय स्थापित किया.
* इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड ने ली दखल
कांच, मिट्टी, पत्थर, लकडी, धातू व फाईबर जैसे विविध माध्यमों से बनी गणेश मूर्तियां इस संग्रहालय में देखी जा सकती है. जिनमें श्री गणेश के बाल रुप से लेकर भव्य-दिव्य स्वरुप का यहां दर्शन किया जा सकता है. यहां पर हॉकी, फुटबॉल व क्रिकेट खेलनेवाले गणपति, नृत्य करते गणपति, वाद्य बजाते गणपति के साथ ही 26 हजार पेन्सीलों से साकार किए गए गणपति जैसी विविध गणेश प्रतिमाओं को देखकर पर्यटक आश्चर्यचकित हो जाते है. साथ ही संग्रहालय में गणगति के विविध सिक्के भी उपलब्ध है. जिसके चलते इस गणपति संग्रहालय की दखल इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड द्वारा भी ली गई है.





