मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प में 100 से अधिक बाघ, किसे पकडोगे?

वन्यजीव प्रेमियों ने सरकार की योजना पर उठाया सवाल

अमरावती/दि.13 – देश के पहले व्याघ्र प्रकल्प के रूप में स्थापित मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प क्षेत्र में हाल के महीनों में मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं. मुंबई और हरीसाल में दो महत्वपूर्ण बैठकों में नरभक्षक वाघ को पकडकर यहां से कहीं अन्य स्थलांतरित करने का निर्णय लिया गया है, जिस पर सवालिया निशान उठाते हुए वन्यजीव प्रेमियों ने जानना चाहा है कि, मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प में इस वक्त 100 से अधिक बाघ है. ऐसे में नरभक्षी बाघ की पहचान कैसे सुनिश्चित की जाएगी और किस बाघ को पकडा जाएगा.
बता दें कि, मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प क्षेत्र सिपना, गुगामल और आकोट वन्यजीव विभाग मिलाकर लगभग 2,000 वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में फैला है. इसका 1,500 वर्ग किलोमीटर हिस्सा ‘क्रिटिकल टाइगर हॅबिटॅट’ के रूप में घोषित है. यहाँ का दुर्गम भौगोलिक स्वरूप व विशेष पर्वतरांगे इसे अनोखा बनाती हैं. यहां पर प्रारंभ में केवल 27 वाघों की गिनती हुई थी, लेकिन अब यहाँ 100 से अधिक वाघ मौजूद पाए गए हैं. वहीं पीछले तीन महीनों में छह व्यक्तियों की वाघ के हमले में मौत हो चुकी है. विशेषकर 2 सितंबर को गुगामल वन्यजीव विभाग के धामणीखेड़ा बीट में वनमजूर की हत्या से पूरे इलाके में दहशत फैल गई. मेलघाट क्षेत्र में रहनेवाले बाघों में से अधिकांश का नामकरण कर दिया गया है, लेकिन कथित नरभक्षक बाघ की पहचान अभी भी एक चुनौती बना हुआ है. कॅमेरा ट्रॅप तकनीक के जरिए इस बाघ की खोज की जा रही है, जिसे स्थलांतरीत करने का निर्णय लिया गया है. साथ ही बाघ के हमलों से बचाव के लिए चेकपोस्ट बनाकर लोगों का रेकॉर्ड रखा जा रहा है और गांववासियों में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है.
इसी बीच मुंबई व हरिसाल में वनमंत्री गणेश नाईक व सांसद बलवंत वानखडे की मौजूदगी में हुई बैठक में बाघ को पकडकर यहां से स्थलांतरित करने का निर्णय लिया गया. वहीं वन्यजीवन संरक्षण के क्षेत्र में काम करनेवाली ‘वॉर’ संस्था के अध्यक्ष नीलेश कंचनपुरे ने भी मानव-वन्यजीव संघर्ष से बचाव की जरूरत पर जोर दिया. साथ ही कंचनपुरे ने यह भी कहा कि, बाघों की संख्या बढ़ना जैवविविधता के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन मानव सुरक्षा व संरक्षण के बीच संतुलन बनाए रखना अति आवश्यक है. वन्यजीव विभाग को यह सुनिश्चित करना होगा कि मानव और वाघ दोनों सुरक्षित रूप से सह-अस्तित्व में रहें.

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