वनविभाग के लकडा बिक्री में भारी अनियमितता
हाईकोर्ट में याचिका ई-निलामी की मांग

नागपुर/दि.20 – विदर्भ के जंगलों से निकलनेवाले लकडों की खुलेआम बिक्री कर करोडो रुपए की अनियमितता बरते जाने का आरोप करनेवाली जनहित याचिका एड. अरविंद मून ने मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ में दायर की हैं. लकडो की खुले तरीके से बिक्री बंद कर ई- निलामी बिक्री प्रक्रिया का पालन करने की मांग इस याचिका में की गई हैं.
विदर्भ में घने जंगल है, इस कारण राज्य के 80 प्रतिशत प्रमुख लकडा डिपो विदर्भ में ही हैं. इस डिपो के लकडो की हर माह निलामी की जाती है. इससे राज्य सरकार को करोडो रुपए का राजस्व मिलता हैं. ई- गवर्नस नियम 2011 और 3 दिसंबर 2014 की अधिसूचना के मुताबिक ई- निलामा प्रक्रिया का इस्तेमाल करना अनिवार्य हैं. लेकिन वनाधिकार ई- नीलामी प्रक्रिया को नजरअंदाज कर खुली बिक्री को प्रोत्साहन दिया जा रहा है. 2022-23 से ऐसे अवैध मामले बढे है. इस संदर्भ में महाराष्ट्र वनविकास महामंडल को शिकायत करने पर उन्होंने उचित कार्रवाई नहीं की, ऐसा याचिकाकर्ता का कहना हैं.
* वन सचिव को नोटिस
इस प्रकरण पर शुक्रवार 19 दिसंबर को न्यायमूर्ति अनिल किलोर व न्यायमूर्ति रजनीश व्यास के समक्ष सुनवाई हुई. पश्चात न्यायालय ने वन व राजस्व विभाग के प्रधान सचिव, प्रधान मुख्य वनसंरक्षक और महाराष्ट्र वन विकास महामंडल के व्यवस्थापकीय संचालक को नोटिस देकर 10 सप्ताह में जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए है. याचिकाकर्ता की तरफ से एड. निर्भय चव्हाण ने काम संभाला.





