वन विभाग की चराई पर पाबंदी नहीं

मुंबई मंत्रालय की बैठक में निर्णय

* बच्चू कडू के प्रयास सफल
* चरवाहों को बडी राहत
अमरावती/ दि. 4-प्रहार जनशक्ति पार्टी के संस्थापक व पूर्व राज्यमंत्री बच्चू कडू द्बारा शुरू किए गये अनशन की पार्श्वभूमि पर गुरूवार को मंत्रालय में आयोजित बैठक में वन विभाग की चराई पर पाबंदी नहीं होगी, ऐसा निर्णय लिया गया. इस निर्णय से चरवाहों को बडी राहत मिली है वही बच्चू कडू के प्रयास भी सफल हुए. अब चरवाहों को अपने पशुओं को वन परिक्षेत्र में चराने पर प्रतिबंध नहीं रहेगा.
मुंबई मंत्रालय में आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में पूर्व विधायक बच्चू कडू सहित संबंधित विभागों के मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे. बच्चू कडू द्बारा किए गये आंदोलन की पार्श्वभूमि पर इस उच्चस्तरीय बैठक में बच्चू कडू ने चरवाहों और धनगर समुदायों की समस्याओं को विस्तार के साथ प्रस्तुत किया. इसके बाद राज्य सरकार ने इसे सकारात्मक प्रतिसाद दिया. किसान, खेतीहर मजदूर, मजदूर, चरवाहे, मछवारे, विकलांग, विधवा महिलाएं, ग्रापं कर्मचारी और बेरोजगार युवकों की समस्याओं को लेकर पूर्व विधायक बच्चू कडू द्बारा अनशन किया गया था.
पूर्व विधायक बच्चू कडू ने बताया कि 3 जुलाई को मंत्रालय में आयोजित बैठक में आंदोलन में उठाई गई 17 महत्वपूर्ण मांगों पर विस्तृत चर्चा हुई. जल्द ही सरकार इन मुद्दों को लेकर निर्णय लेगी. बैठक में किसानों की पूर्ण कर्जमाफी, समर्थन मूल्य पर 20 प्रतिशत अनुदान के साथ- साथ खेतीहर मजदूरों को भी किसानों की तरह आर्थिक सहायता देने तथा उनके लिए अलग बोर्ड गठित करने जैसी मांगे भी शामिल थी. उसी प्रकार दिव्यांग और विधवा महिलाओं को प्रतिमाह 6 हजार रूपए मानधन, युवाओं को रोजगार और उसके लिए योग्य मुआवजा, भर्ती प्रक्रिया शुरू करने और ग्रामीण इलाकों में घरकुल योजना अंतर्गत 5 लाख रूपए अनुदान देने जैसी मांगों पर भी सकारात्मक चर्चा हुई.
बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए बच्चू कडू ने कहा कि उम्मीद है कि अनशन आंदोलन समाज के उन वर्गो के जीवन में बदलाव लाने में निर्णायक साबित होगा. जो कई वर्षो से अपेक्षित रहे है. हम सिर्फ विरोध नहीं कर रहे हैं. बल्कि लोगों के अधिकारों के लिए लड रहे है. सरकार सकारात्मक है और जल्द ही मांगे स्वीकार कर लिए जाने के अधिकारिक निर्णय की घोषणा की जायेगी. ऐसा बच्चू कडू ने कहा.

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