नया रेलवे पुल बनाने की जरुरत ही नहीं, मौजूदा पुल की जगह बनाई जाए सीधी सडक
वीआईटी वेल्लोर से पासआऊट मेकेनिकल इंजीनियर वेदांश खंडेलवाल ने सुझाया ‘नया रास्ता’

* मॉडल रेलवे स्टेशन को बडनेरा की ओर 700 मीटर आगे खिसकाने का दिया सुझाव
* मौजूदा रेलवे स्टेशन की जगह पर स्पोर्टस् व कमर्शियल कॉम्प्लेक्स बनाने का सुझाया विकल्प
* शहर में रेलवे उडानपुल की कोई जरुरत ही नहीं रहने की बात कही
* जिलाधीश सहित सभी जनप्रतिनिधियों के नाम लिखा विस्तृत पत्र
* पत्र में अपने विचारों का दिया ‘पॉइंट टू पॉइंट प्रेझेंटेशन’
* रेल यात्रियों सहित अमरावती शहरवासियों को हमेशा के लिए सुविधा होने की बात कही
अमरावती/दि.10 – अमरावती शहर के लिहाज से हार्ट लाइन व लाइफ लाइन रहनेवाले तथा राजकमल व जयस्तंभ चौक से रेलवे स्टेशन व हमालपुरा की ओर आते हुए शहर के दो हिस्सो को आपस में जोडनेवाले रेलवे उडानपुल को पुराना, जर्जर व खस्ताहाल बताते हुए सार्वजनिक लोक निर्माण विभाग की सिफारिश पर अमरावती शहर पुलिस द्वारा तमाम तरह के वाहनों की आवाजाही सहित पैदल राहगिरों के आने-जाने के लिए भी विगत अगस्त माह के अंत में बंद करा दिया गया. जिसके चलते हमालपुरा व रेलवे स्टेशन से जयस्तंभ व राजकमल की ओर आने-जाने वाले वाहन चालकों को काफी लंबा फेरा लगाकर एक ओर से दूसरी ओर आना-जाना करना पड रहा है. जिसकी वजह से आम शहरवासियों को काफी समस्याएं व दिक्कते भी हो रही है. विशेष उल्लेखनीय है कि, मौजूदा रेलवे उडानपुल को कब तोडा जाएगा और उसके स्थान पर नए रेलवे उडानपुल का निर्माण कब शुरु होकर कब तक पूरा हो पाएगा. इसकी जानकारी का फिलहाल दूर-दूर तक कोई अता-पता नहीं है. जिसके चलते फिलहाल यह निश्चित नहीं है कि, अमरावतीवासियों को इन समस्याओं व दिक्कतो का सामना कब तक करना पडेगा. ऐसे में करीब 15 दिन पहले ही वेल्लोर स्थित वीआईटी से मेकेनिकल इंजीनियरिंग की पढाई पूरी कर वापिस लौटे वेदांश नितेश खंडेलवाल नामक युवा ने इस समस्या का समाधान करने हेतु जिला प्रशासन सहित जनप्रतिनिधियों के समक्ष कुछ बेहद अनूठे पर्यायों एवं विकल्पों का सुझाव दिया है. विशेष यह है कि, वेदांश खंडेलवाल ने अपने द्वारा दिए गए पॉवरपॉइंट प्रेझेंटेशन में यहां तक दावा किया है कि, यदि अमरावती रेलवे स्टेशन की मौजूदा संरचना में थोडाबहुत बदलाव भी किया जाता है, तो अमरावती शहर में नए रेलवे उडानपुल को बनाने की जरुरत ही नहीं रहेगी, बल्कि इसकी बजाए मौजूदा रेलवे उडानपुल को गिराकर उसके स्थान पर सीधी, सपाट व समतल सडक बनाई जा सकती है. वेदांश खंडेलवाल के मुताबिक इसके लिए मौजूदा रेलवे स्टेशन को रेलवे उडानपुल के 700 मीटर आगे राजापेठ यानि बडनेरा की ओर ले जाना होगा और मौजूदा रेलवे उडानपुल के पास रेल पटरी का ‘डेड एंड’ बनाना होगा. जिसके बाद मौजूदा रेलवे उडानपुल वाली जगह पर हमालपुरा व रेलवे स्टेशन की ओर से राजकमल व जयस्तंभ चौक की ओर आने-जाने हेतु सीधी व समतल सडक बनाई जा सकती है. साथ ही वेदांश खंडेलवाल ने यह सुझाव भी दिया कि, ऐसा करने के बाद मौजूदा रेलवे स्टेशन की खाली होनेवाली जगह का स्थानीय प्रशासन द्वारा विभिन्न महकमों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए व्यवसायिक व वाणिज्यिक उपयोग भी किया जा सकता है.
इस संदर्भ में जिलाधीश सहित राज्य एवं केंद्र के वरिष्ठ मंत्रियों तथा सभी मौजूदा व पूर्व जनप्रतिनिधियों के नाम जारी किए गए पत्र में वेदांश खंडेलवाल ने अपने विचार व सुझाव को ‘पॉइंट टू पॉइंट’ समझाते हुए कहा है कि, अमरावती शहर का प्रमुख परिवहन मार्ग रहा रेलवे पुल अत्याधिक जर्जर और असुरक्षित होने के कारण बंद कर दिया है. इसके चलते नागरिकों को भारी असुविधा हो रही है तथा शहर के मध्य भागों में गंभीर यातायात जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई है. इसका प्रतिकूल प्रभाव शैक्षणिक (स्कूल बसें व विद्यार्थी), व्यावसायिक (व्यापार) और सामाजिक गतिविधियों पर भी पड रहा है. इन परेशानियों को देखते हुए कुछ ऐसे विकल्पो एवं पर्यायों पर विचार करना बेहद जरुरी है. जिसके चलते सरकार का पैसा भी कम खर्च हो और आम नागरिकों को भी जल्द से जल्द फिलहाल हो रही परेशानियों व दिक्कतो से छुटकारा मिले. साथ ही साथ भविष्य में रेलवे उडानपुल की वजह से कभी भी दुबारा ऐसी स्थिति पैदा न हो. अपने इस प्रतिपादन के साथ ही वेदांश खंडेलवाल ने अपने द्वारा सुझाए गए सुझाव और योजना का खाका प्रेषित किया है. जिसके मुताबिक वेदांश ने अपने पहले सुझाव में बताया है कि, जर्जर व असुरक्षित पुल को ध्वस्त कर आधुनिक एवं मजबूत सडक का निर्माण किया जाए. उनका मानना है कि, यह सडक राजकमल चौक से रेलवे चौक, जयस्तंभ चौक से रुक्मिणी नगर के अलावा यह सडक रायली प्लॉट, अंबापेठ, बेलपुरा, बस स्टैंड, इर्विन चौक से सीधा और आसान संपर्क प्रदान करेगी. वेदांश के अनुसार यह वैकल्पिक मार्ग यातायात जाम को काफी हद तक कम करेगा और नागरिकों को सुरक्षित, तेज व निर्बाध यात्रा उपलब्ध कराएगा.
वेदांश ने अपनी विकास योजना के अंतर्गत रेलवे यात्रियों हेतु वैकल्पिक व्यवस्था का भी सुझाव दिया है. रेलवे संचालन प्रभावित न हो इसके लिए पुल से लगभग 700 मीटर पहले वैकल्पिक प्लेटफॉर्म बनाए जाए. इसके लिए उन्होंने अंबापेठ-बेलपुरा क्षेत्र व राजापेठ पुलिस स्टेशन व नगर निगम जोन कार्यालय के पीछे की भूमि का उपयोग करने का सुझाव दिया है. इससे यात्रियों की सुविधा सुनिश्चित होगी और रेलवे संचालन सुचारु रहेगा.
इसके साथ ही वेदांश ने व्यावसायिक विकास योजना भी बनाई है. उन्होंने सुझाव देते हुए कहा है कि, पुल ध्वस्तीकरण के बाद उपलब्ध भूमि का उपयोग नियोजनबद्ध तरीके से सडक चौडीकरण और व्यावसायिक विकास के लिए किया जाए. इसके तहत नेहरु मैदान तथा मुक्त रेलवे भूमि (विरासत भवन और शहीद स्मारक को छोडकर) पर मॉल, वाणिज्यिक कॉम्प्लेक्स और पार्किंग हब बनाए जा सकते है. इससे आधुनिक व्यावसायिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी और आर्थिक गतिविधियां तेज होंगी.
वेदांश खंडेलवाल ने सुझाव दिया है कि, मॉल, वाणिज्यिक कॉम्प्लेक्स और पार्किंग हब से प्राप्त आय का उपयोग इस परियोजना में किया जा सकता है. पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल अपनाकर परियोजना को तेजी, कुशलता और वित्तीय रुप से व्यवहार्य तरीके से पूरा किया जा सकता है. वेदांश ने इस योजना के लाभ गिनाते हुए कहा कि, इस योजना से सभी नागरिकों के लिए सुगम यातायात सुविधा उपलब्ध होगी. वहीं साइकिल चालकों, विद्यार्थियों, व्यापारियों और ठेला चालकों को सीधा लाभ पहुंचेगा. बसों, ट्रकों और मालवाहक वाहनों हेतु निर्बाध मार्ग उपलब्ध होगा. इसके साथ ही शहर के चारों दिशाओं में प्रभावी संपर्क, जिससे अमरावती का समग्र विकास संभव है. वेदांश ने बताया कि, पुल से उत्पन्न पूर्व-पश्चिम विभाजन समाप्त होकर एकीकृत अमरावती का निर्माण होने में सहजता मिलेगी. इसके साथ ही नियोजनबद्ध विकास व आधुनिक अवसंरचना से रोजगार के नए अवसर और व्यापार तथा पर्यटन को बढावा मिलेगा.
वेदांश खंडेलवाल ने सभी संबंधितों से अपील की है कि, वे प्रस्ताव पर विचार करें, संबंधित विभागों के साथ चर्चा आरंभ करें और नागरिकों व शहर के व्यावसायिक विकास के हित में इस परियोजना को शीघ्र लागू करने के लिए आवश्यक कदम उठाएं. वेदांश ने कहा है कि, अगर उन्हें बुलाया जाए तो वे संपूर्ण विस्तृत प्रस्ताव पीडीएफ व पावरपॉइंट सहित प्रस्तुत करने के लिए तैयार है.
* युवा नेता यश खोडके को प्रत्यक्ष समझाया पूरा प्रस्ताव
विशेष उल्लेखनीय है कि, आज अपने द्वारा तैयार किए गए मॉडल का पूरा खाका समझाने हेतु वेदांश खंडेलवाल खुद दैनिक अमरावती मंडल कार्यालय पहुंचे थे. जहां पर उनकी मुलाकात अपने किसी काम से आए अजीत पवार गुट वाली राकांपा के युवा नेता यश संजय खोडके से भी हुई, तो वेदांश खंडेलवाल ने अपनी ही तरह मेकेनिकल इंजीनियर रहनेवाले यश खोडके के साथ भी अपना विचार और सुझाव साझा किया. इस समय महज 21-22 वर्ष की आयु वाले और हाल-फिलहाल ही अपनी पढाई पूरी कर अपने शहर वापिस लौटे वेदांश खंडेलवाल जैसे नवयुवा की अमरावती के विकास को लेकर रहनेवाली सोच और उसके द्वारा काफी सोच-विचार के बाद तैयार किए गए सुझाव को सुनने व समझने के बाद यश खोडके भी वेदांश खंडेलवाल से काफी प्रभावित नजर आए. हालांकि इस समय यश खोडके ने अपने अनुभवों के आधार पर यह भी कहा कि, यद्यपि यह सुझाव अपने-आप में काफी शानदार है. परंतु इसमें जिन-जिन जगहों का उल्लेख किया गया है, वे सभी जमीने अलग-अलग विभागों से वास्ता रखती है तथा एक विभाग से वास्ता रखनेवाली जमीन को दूसरे विभाग के पास हस्तांतरित करने में काफी समस्याएं व दिक्कते भी पेश आती है. ऐसे में इस प्रस्ताव पर अमल करना काफी हद तक मुश्किल काम है.
* वेदांश द्वारा दिए गए सुझाव के प्रमुख मुद्दे
वेदांश खंडेलवाल ने मौजूदा रेलवे उडानपुल को तोडकर उसके स्थान पर नया रेलवे उडानपुल बनाने की बजाए सीधी व सपाट सडक बनाने का सुझाव देन के साथ ही अपने द्वारा तैयार किए गए प्रस्ताव में कई प्रमुख मुद्दों का उल्लेख किया है, जो निम्ननुसार है.
– मौजूदा रेलवे स्टेशन की जगह को खाली करने के लिए राजापेठ की ओर वॉशिंग यार्ड से लगकर नए रेलवे स्टेशन का निर्माण किया जाए.
– नए रेलवे स्टेशन का ‘डेड एंड’ पॉइंट मौजूदा रेलवे उडानपुल से पहले ही तय किया जाए.
– वॉशिंग यार्ड से लगकर बनाए जानेवाले नए रेलवे स्टेशन पर आने-जाने हेतु राजापेठ पुलिस थाने से लगकर खाली पडी जमीन व पुराना मध्यवर्ती नाका की रेलवे पटरी की ओर खाली पडी जमीन का उपयोग किया जाए. साथ ही उस जमीन पर पार्किंग एरिया, टिकट घर व रेलवे स्टेशन की मुख्य इमारत का निर्माण किया जाए.
– रेलवे पटरी के किनारे राजापेठ व बेलपुरा परिसर में स्थित अतिक्रमण को खाली कराते हुए वहां पर भी पार्किंग एरिया व बुकिंग विंडो बिल्डींग का निर्माण किया जा सकता है.
– मौजूदा रेलवे पुल के पास बनाए जाने वाले ‘डेड एंडींग’ पॉइंट से नए रेलवे स्टेशन की ओर आने-जाने हेतु नवी मुंबई के रेलवे स्टेशनों की तर्ज पर अंडरग्राउंड रास्ते बनाए जा सकते है.
– मौजूदा मॉडल रेलवे स्टेशन की खाली होनेवाली जमीन पर एक शानदार स्पोर्टस् कॉम्प्लेक्स साकार करने के साथ ही उसके चारों ओर एक बेहतरीन कमर्शियल कॉम्प्लेक्स साकार किया जा सकता है.
– मौजूदा रेलवे उडानपुल को तोडकर उसके स्थान पर सीधी, सपाट व समतल सडक बनाए जाने से फिलहाल उडानपुल के दोनों ओर स्थित इलाकों के बीच सीधी कनेक्टीवीटी स्थापित हो सकती है. साथ ही नेहरु मैदान की ओर खाली होनेवाली जमीन पर ‘पे एंड पार्क’ वाली पार्किंग सुविधा भी शुरु की जा सकती है. जिसके लिए नेहरु मैदान पर स्थित शहीद स्मारक व ऐतिहासिक विरासत रहनेवाली इमारत को धक्का भी लगाने की जरुरत नहीं पडेगी.
– मौजूदा रेलवे उडानपुल के स्थान पर समतल सडक बनाए जाने पर आम नागरिकों व यात्री वाहनों सहित मालवाहक वाहनों विशेषकर कटला रिक्शा चालकों को अपने वाहनों में माल लादकर सीधी चढाई चढने और ढलान पर संभलते हुए उतरने की मशक्कत नहीं करनी पडेगी.
* कौन हैं वेदांश खंडेलवाल?
स्थानीय गणेश कॉलोनी परिसर में रहनेवाले प्रतिष्ठित नागरिक व व्यवसायी नीलेश खंडेलवाल के बेटे वेदांश खंडेलवाल ने स्थानीय पोदार इंटरनेशनल स्कूल से कक्षा 10 वीं की पढाई पूरी की थी. जिसके बाद 11 वीं व 12 वीं की पढाई पूरी करने के साथ ही जेईई की परीक्षा उत्तीर्ण कर वेल्लोर स्थित वीआईटी में प्रवेश लेकर सन 2021 से 2025 तक मेकेनिकल इंजीनियरिंग की पढाई पूरी की. वेल्लोर से अपनी पढाई पूरी कर महज 15 दिन पहले ही वेदांश खंडेलवाल अपने घर व शहर वापिस लौटे और यहां आते ही उनका सामना रेलवे उडानपुल को बंद किए जाने और उसकी वजह से आम नागरिकों को हो रही तकलीफों से संबंधित खबरों से हुआ. जिसके चलते वेदांश खंडेलवाल ने इस बारे में अपना ‘इंजीनियरिंग दिमाग’ लगाना शुरु किया और रेलवे स्टेशन से राजापेठ परिसर के गुगल मैप को हासिल कर उसका अध्ययन करते हुए कई निष्कर्ष निकाले. जिसके आधार पर पॉइंट टू पॉइंट प्रेझेंटेशन तैयार करते हुए इससे संबंधित प्रस्ताव जिलाधीश सहित सभी जनप्रतिनिधियों को भेजा. विशेष उल्लेखनीय है कि, वेदांश खंडेलवाल का वास्ता स्थानीय सक्करसाथ स्थित थोक शक्कर विक्रेता फर्म गंगाबकस बंसीधर के संचालक मनोज खंडेलवाल के परिवार से है और मनोज खंडेलवाल रिश्ते में वेदांश खंडेलवाल के दादाजी लगते है.





