एक बार किसानों के लिए भी हो ‘मुंबई बंद’

बच्चू कडू ने राज ठाकरे के सामने रखा निवेदन

* मनसे प्रमुख से मिलने ‘शिवतीर्थ’ पहुंचे बच्चू
* राज ठाकरे को यवतमाल यात्रा में आने किया निमंत्रित
* दोनों नेताओं के बीच किसानों के मुद्दों को लेकर हुई चर्चा
मुंबई/दि.6 – विगत लंबे समय से किसान कर्जमाफी की मांग को लेकर लगातार आंदोलन कर रहे प्रहार जनशक्ति पार्टी के मुखिया व पूर्व राज्यमंत्री बच्चू कडू आज सुबह करीब 9 बजे के आसपास मनसे प्रमुख राज ठाकरे से मिलने हेतु उनके निवासस्थान शिवतीर्थ पर पहुंचे. जहां पर बच्चू कडू ने राज ठाकरे से कहा कि, हमने अक्सर कई मुद्दों व मांगों को लेकर मुंबई को बंद होते देखा है. ऐसे में एक बार किसानों के लिए भी मुंबई बंद होना चाहिए. कम से कम कुछ घंटों के लिए मुंबई ने किसानों के साथ खडे होना चाहिए. क्योंकि मुंबई महाराष्ट्र की राजधानी रहने के साथ ही देश की आर्थिक राजधानी भी है और यहां से किसानों के लिए यदि आवाज उठती है, तो उसकी गूंज पूरे देशभर में सुनाई देगी.
आज सुबह मनसे प्रमुख राज ठाकरे के उनके आवास पर मुलाकात के बाद बच्चू कडू ने मीडिया के साथ बातचीत करते हुए अपनी मुलाकात व चर्चा के बारे में विस्तृत जानकारी दी और बताया कि, उनकी चर्चा में केवल किसानों की समस्या ही एकमात्र विषय था. इस समय किसान कर्जमाफी की मांग को लेकर किस तरह आगे बढना है, अगला आंदोलन कब व कैसे करना है, इन तमाम बातों को लेकर चर्चा हुई. साथ ही इस मुलाकात में कोई राजनीतिक बातचीत नहीं की गई. साथ ही बच्चू कडू ने बताया कि, जल्द ही यवतमाल में किसान कर्जमाफी के मुद्दे को लेकर एक यात्रा निकाली जानी है. जिसमें राज ठाकरे को शामिल होते हुए किसानों के साथ संवाद साधने हेतु आमंत्रित किया गया है. इस समय बच्चू कडू ने यह भी कहा कि, किसानों का विषय किसी एक जाति व धर्म या राजनीतिक पार्टी से संबंधित विषय नहीं है. ऐसे में यदि किसानों के मुद्दे पर मनसे भी हमारे साथ आती है, तो इससे किसान आंदोलन को निश्चित ही ताकत मिलेगी. यही वजह है कि, वे आज मनसे प्रमुख राज ठाकरे से मिलने आए है और उन्होंने राज ठाकरे को किसान आंदोलन के साथ जुडने तथा किसान कर्जमाफी को लेकर यवतमाल जिले में निकाली जानेवाली कर्जमाफी यात्रा में शामिल होने का निवेदन किया.
इस समय बच्चू कडू ने यह भी कहा कि, इस वक्त किसान काफी संकट में है. लेकिन सरकार द्वारा इस विषय को हलके में लिया जा रहा है, जो पूरी तरह से गलत है. राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस कहते है कि, यदि अकाल पडता है, तो वे कर्जमाफी के बारे में विचार करेंगे. ऐसे में क्या अब किसानों ने अकाल पडने की राह देखनी चाहिए. सरकार की यह मानसिकता पूरी तरह से गलत है. क्योंकि विगत कुछ वर्षों के कृषि उपज को समूचित दाम नहीं मिल रहे है. ऐसे में किसान हर ओर से आर्थिक दुष्चक्र में फंसा हुआ है, जिसके चलते एक के बाद एक कई किसानों द्वारा आत्महत्या की जा रही है और किसान आत्महत्याओं के आंकडे लगातार बढ रहे है, ऐसे में हमारा उद्देश्य मृत्यु के दरवाजे पर खडे किसान को बचाना है. अत: इसे चुनाव एवं राजनीति से जोडकर नहीं देखा जाना चाहिए.
* चुनाव व मतदान की जरुरत ही क्या है, भाजपा कार्यालय में बैठकर ठप्पे मारो
उल्लेखनीय है कि, गत रोज ही राज्य निर्वाचन आयोग ने स्वायत्त निकायों के चुनाव में वीवीपैट मशीन का प्रयोग नहीं करने का निर्णय घोषित किया था. इसके बारे में पूछे जाने पर पूर्व मंत्री बच्चू कडू ने इस निर्णय की आलोचना करते हुए कहा कि, यदि ऐसा ही चलता रहा तो चुनाव एवं मतदान कराने की कोई जरुरत ही नहीं है. बल्कि इसकी बजाए भाजपा कार्यालय में बैठकर ही मतपत्रिकाओं पर ठप्पे मारे जाने चाहिए. बच्चू कडू के मुताबिक यदि किसी सामान्य कार्यकर्ता से भी पूछा जाए तो वह भी बता देगा कि, अगर चुनाव में इवीएम मशीन का प्रयोग हो रहा है, तो फिर चुनाव कराने की कोई जरुरत ही नहीं है. इस समय बच्चू कडू ने एक अन्य सवाल का जवाब देते हुए कहा कि, मनसे व प्रहार द्वारा साथ मिलकर स्वायत्त निकायों का चुनाव लडना यह फिलहाल कोई विषय ही नहीं है, बल्कि इस समय किसानों को एकजुट करना ही सबसे प्रमुख मुद्दा है.

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