गौवंश कानून में हो दुरुस्ती, 14 वर्ष वाले बैलों को काटने की मिले अनुमति
जमीयतुल कुरैश ने पुलिस आयुक्त को सौंपा ज्ञापन, 4 मार्च को निषेध दिवस मनाने की घोषणा की

अमरावती/दि.31 – महाराष्ट्र में 4 मार्च 2015 से सरकार द्वारा गौवंश अधिनियम को लागू किया. जिसके चलते कुरैशी समाज सहित अन्य कई समाजों के हजारों-लाखों लोग बेरोजगार हो गए है और उन पर भुखमरी की नौबत आ गई है. ऐसे में गरीबों की रोजीरोटी छीननेवाले इस काले कानून का निषेध करने हेतु महाराष्ट्र में कुरैशी समाज द्वारा 4 मार्च को निषेध दिवस मनाया जाएगा, इस आशय की घोषणा करने के साथ ही अमरावती जमीयतुल कुरैश संगठन ने पुलिस आयुक्त अरविंद चावरिया के नाम ज्ञापन सौंपते हुए मांग उठाई कि, लाखों लोगों को बेरोजगार करनेवाले गौवंश अधिनियम में तत्काल दुरुस्ती की जाए तथा 14 वर्ष से अधिक आयु वाले भाकड बैल को काटने व उसके मांस की विक्री करने की अनुमति दी जाए.
इस समय अमरावती जमीयतुल कुरैश की ओर से पुलिस आयुक्त अरविंद चावरिया को बताया कि, गौवंश अधिनियम जैसे काले कानून का विरोध करते हुए विगत 10 दिनों से अमरावती जिले में भाकड बैल व भैंस जैसे बडे जानवरों की कटाई तथा मांस की खरीदी-विक्री बंद कर दी गई है. जिसके चलते जहां एक ओर पूरे कुरैशी समाज पर बेरोजगारी व भुखमरी की नौबत आन पडी है. वहीं किसानों के भाकड बैलों को कुरैशी समाज के लोगों द्वारा खरीदे नहीं जाने के चलते महाराष्ट्र में अकालसदृष्य स्थिति निर्माण हो गई है. साथ ही महाराष्ट्र सरकार द्वारा जानवरों की चारा छावनिया रद्द कर दिए जाने के चलते राज्य में किसान आत्महत्याएं बडे पैमाने पर बढ गई है. इसका सीधा मतलब है कि, सरकार ने इस काले कानून को लागू करने से पहले इसके दुष्परिणामों को लेकर कोई विचार नहीं किया था. साथ ही जानवरों को बचाने के लिए भी सरकार के पास कोई एक्शन प्लान तैयार नहीं है. इसके अलावा सरकार ने किसानों को किसी भी तरह का अनुदान भी नहीं दिया है. ऐसे में अब सरकार को चाहिए कि, 14 वर्ष से अधिक आयु वाले भाकड बैल, अपंग बैल तथा खेती-किसानी व ब्रिडींग के काम में नहीं आनेवाले बैलों की कटाई करने और उनके मांस विक्री की अनुमति दी जाए एवं इसके लिए गौवंश कानून में एक पंक्ति वाली दुरुस्ती की जाए. साथ ही राज्य में अलग-अलग स्थानों पर बंद पडे स्लॉटर हाउस को तुरंत शुरु किया जाए. इसके अलावा गौवंश कानून के चलते बेरोजगार हो चुके युवाओं को प्रति माह 5 हजार रुपए का भत्ता दिया जाए अथवा उन्हें सरकारी नौकरी में समायोजित किया जाए, ऐसी मांग भी इस ज्ञापन के जरिए उठाई गई.
ज्ञापन सौंपते समय संगठन के विदर्भ अध्यक्ष अ. सादिक कुरैशी, जिलाध्यक्ष हाजी मो. शब्बीर कुरैशी, शहराध्यक्ष मो. आगाज कुरैशी सहित हाजी अ. कलाम कुरैशी, इमरान खान कुरैशी, अ. रशीद कुरैशी, मुख्तार अहमद, मो. एहफाज कुरैशी व शेख भुरु पहेलवान आदि उपस्थित थे.





