पावस सत्र के दूसरे दिन विधानसभा में जमकर हंगामा

विधानसभाध्यक्ष की ओर लपके नाना पटोले

* सीएम भडके, पटोले का दिनभर के निलंबन
मुंबई/दि.1 – राज्य विधान मंडल के पावसकालिन सत्र के आज दूसरे दिन विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ, जब कांग्रेस विधायक नाना पटोले सीधे विधानसभाध्यक्ष राहुल नार्वेकर की आसंदी के पास लपककर पहुंचे और उन्होंने राजदंड को भी हाथ लगाया. जिसके बाद नाना पटोले को एक दिन के लिए सदन से निलंबित कर दिया गया. साथ ही इस पूरे घटनाक्रम को लेकर सीएम फडणवीस ने अपना जबरदस्त रोष व्यक्त किया. सीएम फडणवीस ने कहा कि, नाना पटोले खुद किसी समय विधानसभा अध्यक्ष रह चुके है. अत: उनसे इस तरह का कृत्य अपेक्षित नहीं है और नाना पटोले ने अपने इस कृत्य के लिए अध्यक्ष से माफी मांगनी चाहिए. वहीं दूसरी ओर नाना पटोले ने अपनी भूमिका पर अडीग रहते हुए कहा कि, सदन में किसानों का अपमान करनेवाले कृषिमंत्री माणिकराव कोकाटे व विधायक बबनराव लोणीकर ने किसानों से माफी मांगनी चाहिए अन्यथा हम शांत नहीं बैठेंगे.
उल्लेखनीय है कि, आज विधानसभा में कामकाज जारी रहते समय भाजपा के पूर्व मंत्री व विधायक बबनराव लोणीकर ने कथित तौर पर एक किसान विरोधी बयान दिया. जिसके चलते सत्ताधारी व विपक्षी विधायक आमने-सामने हो गए. साथ ही विपक्ष ने सदन के कामकाज का बहिष्कार भी कर दिया. इसी बीच विधायक नाना पटोले ने सरकार के खिलाफ तीव्र भूमिका अपनाते हुए किसानों को लेकर आपत्तिजनक बयान देनेवाले कृषिमंत्री कोकाटे व विधायक लोणीकर के खिलाफ त्वरीत कार्रवाई किए जाने की मांग उठाई और वे सीधे विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर की आसंदी के पास पहुंच गए और उन्होंने राजदंड को उठाने का भी प्रयास किया. जिसके बाद विधायक नाना पटोले को एक दिन के लिए सदन से निलंबित कर दिया गया.
इस पूरे मामले को लेकर कांग्रेस विधायक नाना पटोले ने कहा कि, राज्य के कृषिमंत्री माणिकराव कोकाटे एवं विधायक बबनराव लोणीकर द्वारा जिस तरह लगातार किसानों का अपमान किया जा रहा है, उसे अब राज्य के किसानों द्वारा बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. साथ ही नाना पटोले ने कहा कि, वे किसानों के मुद्दों को लेकर सदन में लगातार आवाज उठाते रहेंगे, चाहे इसके लिए उन्हें कितनी ही बार निलंबन की कार्रवाई का सामना क्यों न करना पडे. पटोले ने यह भी कहा कि, उनसे माफी की मांग करनेवाले राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ही खुद अपने मंत्रियों द्वारा दिए गए किसान विरोधी बयानों के लिए राज्य के किसानों से माफी मांगनी चाहिए.

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