बीन फेरे और बिना दहेज के 17 मिनटों में हुए ‘एक दूजे के’
संत रामपाल महाराज के अनुयायी ने समाज के समक्ष प्रस्तुत की अनोखी मिसाल

अमरावती /दि.4- संत रामपाल महाराज के अनुयायी द्बारा बिना बैंड बाजा और फेरे लिए बगैर दहेज प्रथा को दूर रख केवल 17 मिनट में विवाह संपन्न किया गया. आजकल शादी दिखावे और भारी खर्च भी होने लगे है. ऐसे में संत रामपाल महाराज के इस अनुयायी ने अमरावती में समाज के समय अनोखी मिसाल कायम की है. इस विवाह समारोह के जरिए उन्होंने समाज को प्रेरणादायक संदेश दिया है.
संत रामपाल महाराज के अनुयायी शुभम तथा प्राची ने बिन फेरे, बिना दहेज और बिना बैंड बाजे के केवल 17 मिनट में शादी कर ली. इस अनोखी शादी में ना बारात न विवाह मंडप था. 17 मिनट में गुरूवाणी के माध्यम से दोनों एक दूजे के लिए हो गए. इस सादगी पूर्ण विवाह समारोह को देख सभी ने उनके इस पहल की प्रशंसा की. दूल्हा- दूल्हन ने शादी के दौरान कहा कि आजकल शादियां दिखावे और खर्च का साधन हो गई है. हम इस रिवाज को बदलना चाहते है और समाज को यह संदेश देना चाहते है कि, विवाह एक संस्कार है, न कि प्रदर्शन का माध्यम. जिला कॉर्डीनेटर नरेशदास ने पत्रकारों को बताया कि, संत रामपाल महाराज एक स्वच्छ समाज निर्माण के कार्य में लगे है. जो भी रूढी परंपरा इंसान के गले का फंदा बनी है उसे खत्म करने के लिए संत रामपाल महाराज दिनरात प्रयास कर रहे है. उसी में से एक प्रथा है दहेज. आज हम सभी संत रामपाल महाराज की प्रेरणा से हमारे बच्चो की शादी बिना दहेज और फिजुल खर्च के कर रहे है. देहेज में इस सादगीपूर्ण विवाह समारोह में दोनों पक्षों के परिजन उपस्थित थे. इस समारोह ने उपस्थित तथा समाज को आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को राहत देने का रास्ता दिखाया. यह भी साबित कर दिखाया कि सच्चा बंधन दिलों का होता है, न कि दिखावे और फिजुल खर्च का.





