इस दीपावली पर घर-घर प्रांगण में खिलेगी रंगबिरंगी रंगोली

बाजार में आंखों को लुभा रही रंगबिरंगी रंगोली

* दाम हुए कम, 20 ग्राम तक मात्र 10 रुपए में
अमरावती /दि.13 -त्यौहारों से सुबह सबेरे उठना आंगण को साफ करना पानी मारना और फिर गोबर से लीपा-पोती के बाद उस पर सुंदर सी रंगोली सजाना, यह महिलाओं की दिनचर्या होती हैं. जिसमें परिवार के सदस्य भी महिलाओं का हाथ बटाते हैं. घर के आंगण को आकर्षक रंगोली से सजाने के लिए सफेद रंगोली के साथ रंगबिरंगे रंगों की भी आवश्यकता होती हैं. बाजार में सालभर मिलने वाले ये रंग दशहरे के बाद और भी निखरते दिखाई देते हैं. जिसके कारण हर किसी को विशेषकर महिलाओं को वह अपनी और आकर्षित करने लगता हैं. इस बार दशहरा नहीं लेकिन अब दिवाली के लिए बाजार में रंगोली के विविध रंग दिखाई देने लगे हैंं. जिनकी कीमत भी कम रहने से आम आदमी के लिए इन रंगों पर पैसे खर्च करना बडा मुश्किल नहीं हो रहा हैं. विशेष यह कि किसी भी स्थान पर जायेंगे तो विविध रंगों से बनी रंगोलियां करीब 20 से 20 ग्राम के पैकेट में मात्र 10 रुपए में मिल रही हैं. यानि 120 रुपए में पूरे 12 रंग ले जा सकते हैं. दिवाली यह हिंदू धर्म का सबसे बडा त्यौहार हैं. इस कारण दशहरे के बाद से ही घर आंगण को सजाने की होड महिलाओं में साथ ही घर के पुरूषों में भी दिखाई देती हैं. अब रंगोली साकार करना यह केवल महिलाओं का काम नहीं रहा हैं. बल्कि पुरूष मंडली भी इस काम में जुट चूके हैं. इस कारण महिलाओं के साथ युवा व पुरूष वर्ग भी त्यौहारों से पूर्व रंगोली बनाने के विविध प्रशिक्षण वर्ग में उपस्थिति दर्ज कर रंगोली बनाना सीखते दिखाई देते हैं. यही कारण है कि अब घर के बाहर बनने वाली संस्कारभारती की विविध शैलियों को युवा वर्ग भी साकार करते दिखाई देते हैं. घर के साथ आंगण को सजाने की परंपरा पौराणिक काल से चली आ रही हैं. पुराने जमाने में आंगण मिट्टी के होेने से लोग उसे पहले गोबर से लीपते थे. उसके बाद उन पर रंगबिरंगे रंगों की रंगोली निकाली जाती थी. अब मिट्टी के आंगण की जगह आकर्षक स्टाइल की टाइल्स व सीमेंट के आंगण ने ले ली हैं. इस कारण अब भले ही लीपापोती नहीं होती लेकिन कुछ घरों में सीमेंट व टाईल्स पर आकर्षक रूप से रंगोली साकार की जाती है. समय के साथ भले ही त्यौहार कनाने का तरीका बदला हो, लेकिन फिर भी आंगण को रंगोली से सजाने का क्रेज कम नहीं हुआ हैं. आज भी त्यौहारों में घंटो समय बिताकर आकर्षक डिजाईन को साकार कर विविध रंग भरते हुए रंगोली साकार की जाती हैं. इस कारण दिवाली में विशेष रूप से घर की महिलाएं विवध रंगों की रंगोली की जमकर खरीदारी करती है. आम तौर पर फुटपाथ या छोटे दुकानों में नजर भी न आनेवाली रंगोली दशहरा- दिवाली में विविध रंगों के साथ आंखों को लुभाती हैं.
शहर के गांधी चौक में रंगोली की नियमित दुकाने हैं. इसके अलावा सीजनेबल व्यवसाय करनेवाले छोटे व फुटपाथ पर बेचनेवालों की संख्या भी इन दिनों यहां देखने मिल रही हैं. साथ ही जवाहर गेट, गाडगे नगर शेगांव नाका, रवि नगर चौक, साई नगर चौक के अलावा रिहायशी इलाकों में भी अब रंगोली की बिक्री की जा रही है. विगत कुछ सालों से भले ही रंगोली की बैग की कीमत 10 से 20 रुपए फीसदी तब बढी हैं. लेकिन बाजार में चाय पीने वाले एक कांच के गिलास से विक्रेता ग्राहकों को मात्र 10 रुपये में विविध रंगोवाली रंगोली उपलब्ध करवा रहे हैं. जिसमें ज्यादातर पसंद किया जाने वाला लाल, पीला, हरा, केसरी, नीला, जामुनी, गुलाबी, बैगनी, मोरपंखी, रामा, काला, सुनहरा, ईटकरी, चॉकलेटी, हरे रंग के विविध शेड पीले रंग के शेड वाले कलर ग्राहकों को खूब लुभा रहे है. छोटे व्यापारियों ने बताया कि वे शहर के फ्रेजरपुरा वडाली परिसर में बनाई जानेवाली होलसेल मार्केग्ट से सफेद रंगोली खरीदकर लाते हैं, जो करीब 30 किलो की होती हैं. पश्चात अपनी सुविधा अनुसार उसमें रंग मिक्स कर उसे बेचा जाता हैं. एक बैग के पीछे छोटे ही सही लेकिन अच्छा खासा मुनाफा होता हैं. वहीं सफेद रंगोली आम तौर पर 20 रुपए में डेढ या 2 किलो बेची जाती हैें. वहीं दिवाली के सीजन में यह सफेद रंगोली 20 रुपए में 3 किलो की बैग छोटे व्यापारी को 300 से 400 रुपए अनुसार मिल रही हैं. लेकिन उसे बेचने पर दुकानदार को भी भारी मुनाफा होता हैं.

* रेडिमेड छापे के साथ ऑनलाइन डिजाईन भी उपलब्ध
भागदौड भरी जिंदगी में लोग घर के आंगण को रंगोली तैयार कर सजाने में खुद को असमर्थ महसूस करते हैं, तो ऐसे लोगों के लिए अब बाजार में विविध प्रकार की रंगोली बनाने के छापे उपलब्ध हैें. यहां तक की ऑनलाइन में रेडिमेड रंगोली मिल रही है. जिसमें केवल पसंदीदा रंग भरकर उसे महिलाएं आंगन में रखकर इस त्यौहार अपने घर आंगन को सजा सकती हैं. रंगोली विक्रेता ने बताया कि ऐसे वस्तुओं की कीमतें 10 से 650 रुपए तक हैं. इसके अलावा लक्ष्मी माता के पैर 10 से 50 रुपये, गो पद्म 10 से 50 रुपए, स्वस्तिक 10 से 30 रुपए, रंगोली ेपेन 30 रुपए तक उपलब्ध हैें. यहीं नहीं अब रंगोली बनाने के लिए नये-नये सांचे आ रहे हैं. वह भी 50 से लेकर 250 रुपए तक पूरे सेट में बाजार में उपलब्ध हैं. जो इन दिनों ऑनलाइन बाजार में विशेष रूप से पसंद किये जा रही हैं. इसके अलावा प्लास्टिक पर बनी रंगोली की आकर्षक डिजाइन जैसे की हाथों में दिया लेकर खडी महिला , माता लक्ष्मी की प्रतिमा, गुलाब, गेंदा व अन्य फूलों की डिजाइन, राधा-कृष्ण की छवि वाली डिजाईन जैसे छापे भी लोग बेहद पसंद कर रहे हैें. इस प्रकार की डिजाइन वाली रंगोली इन दिनों शहर में त्यौहारों निमित्त लगनेवाली प्रदर्शनियों में साफ दिखाई देने लगी हैं, जिसकी कीमते 150 से लेकर 800 रुपए तक हैं.

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