आज शाम होगी भेंडवल की घट रचना, कल सुबह व्यक्त होंगे अनुमान

बुलढाणा जिले में कई दशकों से चली आ रही परंपरा

* जलगांव जामोद के भेंडवल गांव में अक्षय तृतीया पर रची जाती है भेंडवल
* कृषि व मौसम सहित राजनीति को लेकर की जाती है भविष्यवाणी, समूचे राज्य की टिकी होती है निगाहें
बुलढाणा/दि.30 – फसल परिस्थिति, बारिश समेत सामाजिक, आर्थिक एवं देश की राजकीय परिस्थिति का अनुमान व्यक्त करने वाले पूरे महाराष्ट्र में प्रसिद्ध भेंडवल की घट रचना आज 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया के मुहूर्त पर की गई. जिसका भविष्यफल कल 1 मई को घोषित किया जाएगा.
बता दें कि, बुलढाणा जिले की जलगांव जामोद तहसील अंतर्गत भेंडवल गांव में अक्षय तृतीया के पर्व पर की जाने वाली इस विशिष्ट पूजा के जरिए फसल परिस्थिति का अनुमान, अतिवृष्टि, अकाल, देश की आर्थिक परिस्थिति, राजकीय भविष्यवाणी, पृथ्वी तालाब पर आनेवाले संकट, परकीय शत्रु से होनेवाले खतरे जैसे कई सवालों का जवाब खोजने का प्रयास किया जाता है. जिसके चलते समूचे महाराष्ट्र के किसानों का ध्यान लगा रहा है.
ज्ञात रहे कि, अक्षय तृतीया पर भेंडवल गांव में की जाने वाली विशिष्ट घटरचना के जरिए बरसात, फसल परिस्थिति, राजकीय स्थिति एवं आर्थिक संकट के संदर्भ में बताए जाते हैं. जिस कारण सामान्य जनता समेत राजकीय लोगों को भी इस रचना को लेकर बहुत उत्सुकता रहती है.
* 300 वर्षों से चली आ रही परंपरा
जलगांव जामोद तहसील के पूर्णा नदी के किनारे बसे भेंडवल गांव में घट रचना की यह परंपरा 300 साल से शुरू है. भेंडवल की घट रचना अक्षय तृतीया को शाम में की जाती है तथा अगले दिन सुबह चंद्रभान महाराज के वंशज पुंजाजी महाराज एवं सारंगधर महाराज द्वारा घट रचना के जरिए मिले संकेतों के आधार पर भविष्यफल घोषित किया जाता है. खास बात यह है कि, घट रचना हमेशा ही किसानों की उपस्थिति में की जाती है और अगले दिन सुबह बडे पैमाने पर किसान इस घट रचना की भविष्यवाणी सुनने के लिए उपस्थित रहते हैं.
* क्या होती है भेंडवल की घट रचना?
अक्षय तृतीया को शाम के समय भेंडवल गांव के बाहर बस स्थानक समीप के खेत में घट की रचना की जाती है. घट में गेहूं, ज्वार, तुअर, उड़द, मूंग, चना, जवस, तिल, भादली, बाजरी, चावल, अंबाड़ी, सरकी, वटाणा, मसूर, करडी आदि 18 प्रकार के अनाज रखे जाते हैं. घट के मध्यभाग मिट्टी के ढेकले, उस पर पानी से भरी गागर रखते हैं. पान-सुपारी, पुड़ी, पापड़, सांडोली, कुरडई यह खाद्य पदार्थ रखे जाते हैं. पूरी रात इस उस जगह कोई भी नहीं रूकता. दूसरे दिन सुबह इस घट में हुए बदलाव का निरीक्षण किया जाता है, पश्चात भविष्यवाणी बताई जाती है.
* किसान करते हैं बुआई का नियोजन
किसानों का इस रचना पर विश्वास है, संभावना सुनकर किसान खरीफ एवं रबी मौसम का नियोजन करते हैं. आधुनिक काल में मौसम विभाग कितना भी सटीक अनुमान व्यक्त करता हो, तब भी इस दौर में भी भेंडवल घट रचना का महत्व कम नहीं हुआ.

Back to top button