‘उन’ 6 मोबाइल में वापरे गए थे 60 से 65 सिमकार्ड

सेंट्रल जेल में कैदियों के पास मोबाइल मिलने के मामले में बडा खुलासा

* आईएमईआई नंबर की डिटेल खंगालने पर सामने आई नई जानकारी
* कैदियों तक सिमकार्ड पहुंचाने हेतु बडे पैमाने पर आर्थिक लेन-देन भी हुआ था
* कैदियों के रिश्तेदारों ने कुछ बाहरी लोगों के जरिए जेल कर्मियों तक पहुंचाए थे पैसे
अमरावती /दि.9 – समूचे राज्य में दूसरे क्रमांक की सुरक्षित जेल माने जानेवाली अमरावती सेंट्रल जेल के अति संरक्षित अंडा सेल में रखे गए कैदियों के पास से मोबाइल फोन व स्मार्ट फोन मिलने का मामला करीब एक-डेढ माह पहले सामने आया था. जिसके बाद शुरु की गई पडताल के जरिए सेंट्रल जेल में बंद अलग-अलग कैदियों के पास से कुल 6 मोबाइल फोन बरामद हुए थे. ऐसे में मामले की गंभीरता को समझते हुए सघन जांच-पडताल करनी शुरु की गई. जिसके जरिए अब एक बेहद सनसनीखेज जानकारी सामने आई है. जिसमें पता चला है कि, ‘उन’ 6 मोबाइल फोन के जरिए कॉल करने हेतु अलग-अलग 60 से 65 सिमकार्ड का प्रयोग किया गया था. ऐसे में अब सबसे बडा सवाल यह है कि, मोबाइल फोन के साथ-साथ जेल के भीतर इतनी बडी संख्या में मोबाइल फोन कब और कैसे पहुंचे.
बेहद विश्वसनीय सूत्रों के जरिए मिली जानकारी के मुताबिक जेल में कैदियों के पास से मोबाइल फोन मिलने का मामला सामने आते ही जेल प्रशासन ने कैदियों के पास से बरामद मोबाइल हैंडसेट को अपने कब्जे में लेकर साइबर विशेषज्ञों के जरिए उनके आईएमईआई नंबरों की पडताल करनी शुरु की, तो यह जानकारी सामने आई कि, उन 6 मोबाइल हैंडसेट के जरिए अलग-अलग नंबरों पर कॉल करने के लिए करीब 60 से 65 अलग-अलग सिमकार्डों का प्रयोग किया गया था. जाहीर है कि, जेल प्रशासन से जुडे अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलिभगत के बिना मोबाइल फोन के साथ-साथ इतनी बडी संख्या में सिमकार्डों का जेल के भीतर पहुंचना संभव नहीं है. जिसके चलते मामले की पडताल के दौरान उन कैदियों के रिश्तेदारों तथा जेल के अधिकारियों व कर्मचारियों के कनेक्शनों को भी खंगाला जाना शुरु किया गया. जिसके चलते यह जानकारी सामने आई कि, जेल के अधिकारी व कर्मचारी तथा कैदियों के रिश्तेदार सीधे तौर पर तो एक-दूसरे के साथ कनेक्ट नहीं थे. लेकिन वे कुछ बाहरी लोगों को ‘कॉमन’ अथवा ‘म्युच्युअल’ संपर्क के जरिए प्रयोग में ला रहे थे. ऐसे कुछ लोगों के बैंक अकाउंट में कैदियों के रिश्तेदारों द्वारा अलग-अलग समय पर कुछ रकम जमा कराई गई थी. जिसके बाद उन लोगों के जरिए वह रकम अमरावती सेंट्रल जेल के कुछ अधिकारियों व कर्मचारियों तक पहुंचाई गई. जिसकी ऐवज में जेल के भीतर कैदियों तक मोबाइल फोन व सिमकार्ड पहुंचाने का रास्ता साफ किया गया. ऐसे में अब जांच पथक द्वारा कैदियों के रिश्तेदारों से ‘लाभान्वित’ होनेवाले जेल अधिकारी व कर्मचारियों की पहचान सुनिश्चित की जा रही है, ताकि उनके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जा सके.
बता दें कि, अमरावती सेंट्रल जेल को राज्य में दूसरे क्रमांक की सबसे सुरक्षित जेल माना जाता रहा है. परंतु विगत कुछ वर्षों के दौरान जेल में बंद कैदियों द्वारा इस जेल की अभेद्य सुरक्षा व्यवस्था में कई बार सेंध लगाई गई. जिसके तहत कुछ कैदी इस जेल से भाग निकलने में सफल रहे. तो कुछ कैदियों ने जेल के भीतर चरस, अफीम व गांजे जैसे मादक पदार्थों सहित मोबाइल फोन व सिमकार्ड के प्रबंध भी करवा लिए. हर बार ऐसे मामलो के सामने आने के बाद कुछ समय तक जमकर होहल्ला मचता रहता है और फिर पूरा मामला ठंडे बस्ते में भी चला जाता है. लेकिन इस बार मामले की गंभीरता इस वजह से बढ गई कि, जेल के अंडा सेल में रखे गए कैदियों के पास से मोबाइल फोन बरामद हुए थे. ज्ञात रहे कि, अंडा सेल में बेहद खतरनाक कैदियों को ही सबसे अलग-अलग रखा जाता है. खास बात यह है कि, खास बात यह है कि, अमरावती सेंट्रल जेल में कई ऐसे खुंखार व खतरनाक अपराधियों को सजा काटने हेतु बंद रखा गया है. जिनके खिलाफ आतंकी हमले और बम धमाके जैसे कई संगीन मामले दर्ज हुए थे, इसमें से कुछ बेहद खुंखार व खतरनाक कैदियों को ही अंडा सेल में रखा जाता है. जहां से कुछ समय पहले कैदियों के पास मोबाइल फोन बरामद हुए थे. जिसके चलते अमरावती सेंट्रल जेल की सुरक्षा व्यवस्था में रहनेवाली गंभीर चुक उजागर होकर सामने आई है और पूरा जेल प्रशासन इस समय आरोपों व सवालों के घेरे में है.

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