फर्जी क्रीडा प्रमाणपत्र के जरिए नौकरी हासिल करनेवालों की होगी जांच

क्रीडा मंत्री कोकाटे ने जारी किए निर्देश

* पात्र खिलाडियों को न्याय देने की बात कही
* क्रीडा शिक्षकों व प्रशिक्षकों से भी साधा संवाद
अमरावती /दि.22 – राज्य में फर्जी क्रीडा प्रमाणपत्रों के आधार पर सरकारी नौकरियां हासिल करने से संबंधित शिकायते काफी अधिक बढ गई है. ऐसे सभी मामलों की अब जांच-पडताल की जाएगी, इस आशय की जानकारी राज्य के क्रीडा मंत्री माणिक कोकाटे द्वारा दी गई. क्रीडा मंत्री कोकाटे गत रोज स्थानीय संत ज्ञानेश्वर सांस्कृतिक भवन में आयोजित युवा व क्रीडा संवाद कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे. इस समय मंत्री कोकाटे ने कहा कि, कुछ लोगों ने हजारों-लाखों रुपए खर्च करते हुए फर्जी क्रीडा प्रमाणपत्र हासिल किए है. जिसके चलते असली व पात्र खिलाडी सरकारी नौकरियों से वंचित रह गए. साथ ही मैदान पर पसीना बहाते हुए राज्य को राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर गौरव दिलानेवाले खिलाडियों पर अन्याय हुआ, ऐसे में अब फर्जी क्रीडा प्रमाणपत्रों से संबंधित मामलों की जांच करते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और पात्र खिलाडियों को न्याय दिलाया जाएगा.
इसके साथ ही क्रीडा मंत्री कोकाटे ने यह भी कहा कि, राज्य की सभी शालाओं में क्रीडा एवं शारीरिक शिक्षा के विषय को अनिवार्य करने का प्रयास चल रहा है. कई शालाओं द्वारा क्रीडा शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की जाती. इसमें अल्पसंख्यक शालाओं का प्रमाण काफी अधिक होता है. ऐसे में अब जब तक शालाओं द्वारा क्रीडा शिक्षक की नियुक्ति नहीं की जाती तब तक ऐसी शालाओं को कोई मान्यता नहीं दी जाएगी, ऐसा भी मंत्री कोकाटे द्वारा स्पष्ट किया गया. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, अब से क्रीडा समितियों पर राजनीतिक पदाधिकारियों की बजाए पूर्व राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय खिलाडी, प्रशिक्षक, मार्गदर्शक व संगठक को ही स्थान दिया जाएगा, ताकि खिलाडियों को योग्य न्याय मिल सके. इसके अलावा मंत्री कोकाटे ने यह भी कहा कि, क्रीडा क्षेत्र में निधि की कमी है. अत: जिला नियोजन समिति द्वारा जिला क्रीडा संकुल की देखभाल व दुरुस्ती तथा साहित्य खरीदी के लिए एक फीसद निधि आरक्षित रखी जाए, ऐसी मांग खुद उन्होंने राज्य के उपमुख्यमंत्री व वित्तमंत्री अजीत पवार से की है.
गत रोज सांस्कृतिक भवन में आयोजित युवा व क्रीडा संवाद कार्यक्रम में हव्याप्र मंडल की सचिव डॉ. माधुरी चेंडके सहित डॉ. संजय तिरथकर, जितू ठाकुर, डॉ. अतुल पाटिल, संदीप इंगोले, शिवदत्त ढवले, प्रमोद चांदुरकर, डॉ. अरुण खोडस्कर, शिव छत्रपति पुरस्कार प्राप्त नितिन चव्हाले, भूषण शिरसाट, यशवंत महाजन, मयूर पाबले, मंगेश पाटिल, ताराचंद चव्हाण, नितेश हिंगे, डॉ. सागर नारखेडे, डॉ. सुभाष डोंगरे, मुकुंद देशपांडे, जितेंद्र सातपुते, डॉ. मनोज व्यवहारे व संगीता शिंदे के साथ ही वाशिम, यवतमाल, बुलढाणा व अकोला जिलो से आए खिलाडियों, शिक्षकों व प्रशिक्षकों ने क्रीडा मंत्री के समक्ष अपने-अपने सुझाव रखे.

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