धोखाधडी के इंटरनेशनल रकैट में अमरावती के भी तीन युवक धरे गए
किराए के खातों का इस्तेमाल कर विदेशो में भेज रहे थे करोडो रुपए

* हवाला, बेटींग व ऑनलाइन गेमिंग के जरिए चीन व कंबोडिया भेजते थे रकम
* 21 राज्यों में दर्ज हुई थी 174 शिकायतें, महाराष्ट्र में भी 25 मामले दर्ज
* पहली बार गिरोह लगा पुलिस के हाथ, 23 सदस्य गिरफ्तार, 23 में से 3 अमरावती के
अमरावती/दि.13- गत रोज नागपुर के शहर पुलिस आयुक्त रविंद्र सिंगल ने एक पत्रवार्ता को संबोधित करते हुए बताया था कि किराए के खातों का इस्तेमाल कर हवाला, बेटिंग व ऑनलाइन गेमिंग के जरिए करीब 40.87 करोड रुपए चीन व कंबोडिया जैसे देशो में भेजनेवाले अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय गिरोह के 23 सदस्य पुलिस के हत्थे चढे है. पुलिस द्बारा गिरफ्तार किए गए इन 23 सदस्यों में अमरावती के राहुल जुनी, देवेश वजीर व अमर वाघोलकर नामक तीन युवक भी शामिल रहने की जानकारी सामने आयी है. जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि देश के 21 राज्यों में अपना नेटवर्क रहनेवाले इस गिरोह के साथ अमरावती के भी तार जुडे हुए हैं. यह जानकारी सामने आते ही अमरावती शहर में भी अच्छा खासा हडकंप व्याप्त हो गया है. साथ ही पकडे गए युवकों से मिली जानकारी के आधार पर अब इस बात की पडताल की जा रही है कि कहीं अमरावती शहर सहित जिले में रहनेवाले और कितने लोग इस गिरोह में शामिल हैं तथा कितने लोग इस गिरोह द्बारा की जाती धोखाधडी का शिकार हुए है.
बता दें कि गत रोज नागपुर शहर पुलिस की अपराध शाखा ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हवाला, बेटिंग व ऑनलाइन गेमिंग की आड लेते हुए करोडो रुपए इधर से उधर भेजनेवाले एक रैकेट का पर्दाफाश किया था तथा 23 लोगों को गिरफ्तार करते हुए फिलहाल फरार रहनेवाले दो मुख्य आरोपियों की तलाश करनी शुरू की थी. पता चला है कि इस गिरोह के खिलाफ 21 राज्या में कुल 174 शिकायते दर्ज हैं. जिसमें से 25 शिकायते नागपुर सहित महाराष्ट्र के अलग-अलग राज्यों में दर्ज रहने की जानकारी हैं.
पता चला है कि इस गिरोह द्बारा नौकरी व रोजगार की तलाश में रहनेवाले लोगों को अपनी जाल में फांसकर उन्हें पार्टनशिप में व्यापार करने का झांसा दिया जाता था और ऐसे लोगों का विश्वास जीतने के साथ ही उनके आधार कार्ड व पैनकार्ड महत्वपूर्ण दस्तावेज प्राप्त करते हुए उनके नाम पर बैंक अकाउंट खोला जाता था, जिसका एक्सेस आरोपियों द्बारा अपने पास रखा जाता था और खाताधारक व्यक्ति को कमिशन के तौर पर 15 से 20 हजार रुपए दे दिए जाते थे और उन खातों के जरिए हवाला, बेटिंग व ऑनलाइन गेमिंग सहित अन्य गैर कानूनी कामों के लिए करोडो रुपयों का आर्थिक लेन-देन किया जाता था. जिसके बारे में खाता धारक को कभी कोई जानकारी नहीं रहती थी. इसके अलावा इन ऑनलाइन धोखाधडी के लिए टेलीग्राम व वॉट्सअॅप जैसे सोशल मीडिया एप का इस्तेमाल किया जाता था. जिसके बारे में कोई अन्य समझ न सके इस हेतु गिरोह के मुखिया व कुछ खास सदस्यों द्बारा चीनी भाषा के कोड वर्ड का प्रयोग किया जाता था.
* ये 23 आरोपी चढे पुलिस के हत्थे
करोडो रुपयों की इस आर्थिक व अंतरराष्ट्रीय धोखाधडी के मामले में अमरावती के राहुल जुनी, देवेश वजीर व अमोल वाघोलकर सहित नागपुर के वैभव बघेल, रोहित कांबले, सोहेल अब्दुल व सलीम खान, पंकज शेखर टेटे, श्रेयस मस्के, अभिषेक गुप्ता, सुजीतसिह बेदी, सागर बागडे, गोंदिया के सुमित पटले, पुणे के अजहर शेख, अक्षय काजले, नाशिक के विजय नरोटे, चंद्रकांत शिरोले, मध्यप्रदेश के अश्विन भार्गव, अनिल कुमार, सुशांत राउत, दीपक विश्वकर्मा, पंकज विश्वकर्मा, आशीष बसेडिया तथा ओडिशा के शेख मैदुल शेख शफीउल रहमान इस समय पुलिस की हिरासत में हैें. जिनके कनेक्शनों को अब नागपुर पुलिस द्बारा खंगाला जा रहा है.
* अमरावती पुलिस भी लगी काम पर
हवाला, बेटिंग व ऑनलाइन गेमिंग की आड लेते हुए देश का पैसा विदेशों में भेजनेवाले नेटवर्क का खुलासा होने के साथ ही इस रैकेट में शामिल रहनेवाले 3 युवकों की नागपुर पुलिस द्बारा गिरफ्तारी किए जाने की जानकारी सामने आते ही अब अमरावती की शहर व ग्रामीण पुलिस भी हरकत में आ गई है तथा अब इस बात का पता लगाया जा रहा है कि पकडे गए तीनों युवकों ने अमरावती शहर सहित जिले में कितने लोगों के बैंक खातों को अपने काम के लिए किराए पर लिया था. साथ ही उन तीनों युवकों के साथ और कितने लोग इस गिरोह के लिए काम करने हेतु सक्रिय थे. यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि मनी लॉड्रींग से जुडे किसी अंतराष्ट्रीय रॉकेट के साथ पहली बार अमरावती शहर के तीन युवाओं का जुडाव सामने आया है, जिसके चलते शहर पुलिस के साथ-साथ ग्रामीण पुलिस भी इसे बेहद गंभीरता से देख रही हैं.





