मेलघाट में फिर बाघ का आतंक
बाघ ने किया वन मजदूर का शिकार

* तारुबांदा निवासी प्रेम कास्देकर के तौर पर हुई मृतक की शिनाख्त
* चिखलदरा के राजदेव बाबा कैम्प की घटना
अमरावती /दि.3- मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प क्षेत्र में इंसान और बाघ के बीच संघर्ष थमने का नाम नहीं ले रहा है. मंगलवार को एक और हादसे में तारुबांदा क्षेत्र के एक मजदूर को बाघ ने शिकार बना लिया. इस हमले में प्रेम मुन्ना कास्देकर (30, तारुबांदा) नामक मजदूर की मौके पर ही मौत हो गई. बता दें कि, पिछले पांच माह में मेलघाट क्षेत्र में बाघ के हमलों की यह छठी घटना है. लगातार हो रही घटनाओं ने ग्रामीणों में दहशत फैला दी है और स्थानीय लोगों में आक्रोश भी बढ़ता जा रहा है. घटना की खबर मिलते ही मेलघाट विधायक केवलराम काले ने तुरंत वन विभाग के अधिकारियों से संपर्क साधा और आवश्यक कदम उठाने की मांग की.
वन मजदूर पर बाघ द्वारा हमले की खबर मिलते ही रेस्क्यू टीम और पुलिस बचाव पथक घटनास्थल के लिए रवाना हुए. ग्रामीण इलाकों में सुरक्षा बढ़ाने और बाघ की गतिविधियों पर निगरानी रखने के प्रयास तेज कर दिए गए हैं. लगातार हो रही घटनाओं से मेलघाट में इंसानों और वन्यजीवों के बीच संघर्ष और तीव्र हो गया है. विशेषज्ञों का मानना है कि जंगल क्षेत्र में मानव हस्तक्षेप और बाघों की बढ़ती गतिविधियाँ इस टकराव की प्रमुख वजह हैं.
इस बीच मेलघाट निर्वाचन क्षेत्र के विधायक केवलराम काले ने मृतक वन मजदूर प्रेम कास्देकर के परिवार को जल्द से जल्द आर्थिक सहायता दिलाने हेतु प्रयास करने की बात कही. साथ ही साथ नरभक्षी बाघ को तत्काल पकडकर मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प से बाहर निकाले जाने की मांग भी उठाई है.





