अब तक केवल 57.57 फीसद ही भर पाया है अप्पर वर्धा प्रकल्प
इस समय 339.47 मीटर तक 324.74 दलघमी जलसंग्रह

* जिले के 7 मध्यम प्रकल्पो में 46.34 व 48 लघु प्रकल्पो में 40.45 फीसद जलसंग्रहण
अमरावती/दि.2 – विगत जुलाई माह के दौरान चहुंओर हुई झमाझम बारिश के चलते यह उम्मीद जताई जा रही थी कि, जिले के एकमात्र सबसे बडे अप्पर वर्धा बांध सहित 7 मध्यम प्रकल्पों व 48 लघु प्रकल्पों में लबालब जलसंग्रहण हो जाएगा तथा अगस्त माह का प्रारंभ होते-होते कई बांधों से जल विसर्ग शुरु करने की नौबत भी आएगी. परंतु विगत एक सप्ताह से बारिश एक बार फिर नदारद है. ऐसे में ओवरफ्लो होना तो दूर, जिले के छोटे-बडे व मध्यम बांध पूरी तरह से भर भी नहीं पाए है. सिंचाई विभाग के अधीक्षक अभियंता कार्यालय द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक 564.05 दलघमी की जलसंग्रहण क्षमता रहनेवाले जिले के एकमात्र सबसे बडे बांध अप्पर वर्धा प्रकल्प में इस समय 339.47 मीटर तक 324.74 दलघमी जलसंग्रहण हुआ है. जो बांध की कुल क्षमता की तुलना में 57.57 फीसद है. वहीं जिले के 7 मध्यम प्रकल्पो में इस समय 118.74 दलघमी यानि 46.34 फीसद व 48 लघु प्रकल्पो में 105.44 दलघमी यानि 46.45 फीसद जलसंग्रहण है. यानि कुल मिलाकर 1047.30 दलघमी की क्षमता रहनेवाले जिले के 56 छोटे-बडे व मध्यम प्रकल्पो में इस समय 548.92 दलघमी जलसंग्रहण है. जो कुल क्षमता की तुलना में 52.41 फीसद है.
इस संदर्भ में सिंचाई विभाग की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक जहां अमरावती जिले के एकमात्र सबसे बडे अप्पर वर्धा बांध में इस समय 324.74 दलघमी यानि 57.57 फीसद जलसंग्रहण है. वहीं मध्यम प्रकल्प रहनेवाले शहानूर बांध में 29.72 दलघमी (64.55 फीसद), चंद्रभागा बांध में 29.36 दलघमी (71.17 फीसद), पूर्णा बांध में 21.18 दलघमी (59.88 फीसद), सापन बांध में 25.04 दलघमी (64.87 फीसद), पांढरी प्रकल्प में 11.74 दलघमी (20.81 फीसद) व बोर्डी नाला बांध में 1.70 दलघमी (14.03 फीसद) जलसंग्रहण हुआ है. जबकि 26.45 दलघमी की क्षमता रहनेवाले गडगा प्रकल्प में जलसंग्रहण के आंकडे फिलहाल उपलब्ध नहीं हुए है.
खास बात यह भी है कि, विगत दिनों हुई झमाझम बारिश के चलते सापन प्रकल्प के दो दरवाजों को 10 सेंटीमीटर तक खोलते हुए प्रति सेकंड 5.02 घनमीटर पानी को नहर में छोडा जा रहा था. जबकि अमरावती शहर सहित जिलावासियों को प्रति वर्ष अप्पर वर्धा बांध से जल विसर्ग शुरु होने का इंतजार रहता है. परंतु अप्पर वर्धा बांध अभी तक पूरी तरह से भर ही नहीं पाया है.
संभाग के 9 बडे बांधो में औसत 50.54 फीसद जलसंग्रहण
* 27 मध्यम प्रकल्पो में 63.91 व 253 लघु प्रकल्पो में 50.74 फीसद पानी जमा
इसके साथ ही अमरावती संभाग के 9 बडे प्रकल्पो में इस समय 707.52 दलघमी यानि 50.54 फीसद जलसंग्रहण हुआ है. संभाग के बडे प्रकल्पो में अमरावती के अप्पर वर्धा, यवतमाल के पुस, अरुणावती व बेंबला, अकोला काटेपूर्णा व वाण तथा बुलढाणा के नलगंगा, पेनटाकली व खडकपूर्णा प्रकल्पों का समावेश होता है. जिनकी कुल जलसंग्रहण क्षमता 1399.92 दलघमी है और इस समय इन 9 बांधों में 50.54 फीसद यानि 707.52 दलघमी जलसंग्रहण है. जिसमें से सर्वाधिक 71.07 फीसद जलसंग्रहण बुलढाणा जिले के पेनटाकली व सबसे कम 29.26 फीसद जलसंग्रहण यवतमाल जिले के अरुणावती प्रकल्प में रहने की जानकारी है. इसके अलावा संभाग के 27 मध्यम प्रकल्पों की कुल जलसंग्रहण क्षमता 771.72 है. जिनमें इस समय 63.91 यानि 493.23 फीसद जलसंग्रहण हो चुका है. इन 27 मध्यम प्रकल्पो में अमरावती के शहानूर, चंद्रभागा, पूर्णा, सापन, पंढरी, गडगा व बोर्डीनाला, यवतमाल के अधरपूस, सायखेडा, गोकी, वाघाडी, बोरगांव व नवरगांव, अकोला के निगूर्णा, मोरणा, उमा व घुंगशी बैरेज, वाशिम के अडाण, सोनल व एकबुर्जी, बुलढाणा ज्ञानगंगा, पलढग, मस, कोराडी, मन, तोरणा व उतावली प्रकल्पों का समावेश है. इन 27 प्रकल्पो में से सायखेडा, वाघाडी, निगुर्णा, सोनल, कोराडी व उतावली मध्यम प्रकल्प शत-प्रतिशत लबालब भर गए है. जिसके चलते इन प्रकल्पो से बडे पैमाने पर जल विसर्ग किया जा रहा है. इसके साथ ही बांध में लगातार हो रही पानी की आवक को देखते हुए अमरावती जिले के सापन प्रकल्प से भी जल निकासी की जा रही है. इसके अलावा 930.77 दलघमी की जलसंग्रहण क्षमता रहनेवाले संभाग के 253 लघु प्रकल्प में इस समय 472.27 दलघमी यानि 50.74 फीसद जलसंग्रहण हो चुका है. ऐसे में कहा जा सकता है कि, 3102.41 दलघमी की क्षमता रहनेवाले संभाग के कुल 289 छोटे-बडे व मध्यम प्रकल्पो में इस समय 1673.02 दलघमी जलसंग्रहण के साथ 53.93 फीसद पानी भरा हुआ है.
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