राज्य के तीन प्रमुख हाईवे पर इलेक्ट्रिक वाहनों को टोल-माफी

विधानसभा अध्यक्ष का आठ दिन में टोल वसूली बंद करने का आदेश

नागपुर/दि.10 – पर्यावरण अनुकूल परिवहन को बढ़ावा देने के लिए महाराष्ट्र सरकार द्वारा लागू की गई ई-वाहन टोल-माफी नीति के बावजूद समृद्धि महामार्ग, मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे और अटल सेतु पर इलेक्ट्रिक वाहनों से टोल वसूला जा रहा है. यह मामला बुधवार को विधानसभा में जोरदार तरीके से उठा. प्रश्नोत्तर काल में विधायक अनिल पाटिल ने पिछले तीन महीनों से ई-वाहनों से की गई टोलवसूली को पूरी तरह अवैध बताते हुए मांग की कि यह राशि वाहन मालिकों को वापस की जाए या सरकारी खातों में जमा कराई जाए. साथ ही संबंधित टोल कंपनी की जांच करने की भी मांग की गई. विधायक नाना पटोले ने भी अवैध टोल वसूलने वाली कंपनियों की निविदा रद्द करने की मांग उठाई.
इस गंभीर मुद्दे पर संज्ञान लेते हुए विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने परिवहन विभाग को सख्त निर्देश जारी करते हुए कहा कि अगले आठ दिनों में किसी भी ई-वाहन चालक से एक रुपया भी टोल नहीं लिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार ई-वाहनों को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन दे रही है, ऐसे में उन पर टोल वसूली करना नीति का ही उल्लंघन है. अध्यक्ष नार्वेकर ने यह भी कहा कि राज्य में पर्याप्त क्षमता के ई-चार्जिंग स्टेशन अभी उपलब्ध नहीं हैं. मौजूदा 30 वॉट के चार्जिंग स्टेशनों पर वाहन फुल चार्ज होने में 8 घंटे लग जाते हैं, जबकि 120 वॉट की फास्ट चार्जिंग सुविधा की आवश्यकता है.
इसी दौरान नगरविकास मंत्री दादा भुसे ने जानकारी दी कि सरकार ने 23 मई 2025 को ई-वाहनों के लिए टोल-माफी नीति घोषित की थी और यह 22 अगस्त 2025 से लागू भी कर दी गई थी. लेकिन परिवहन विभाग की देरी की वजह से कुछ मार्गों पर टोलवसूली जारी रही. उन्होंने बताया कि ई-वाहनों का अद्यतन डेटा टोल सिस्टम में जोड़ने का काम जारी है और जल्द ही पूरी व्यवस्था लागू हो जाएगी. इसके साथ ही उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी स्वीकार किया कि अटल सेतु के लिए 21 अगस्त 2025 को तथा समृद्धि महामार्ग और मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे के लिए 22 अगस्त 2025 को आवश्यक अधिसूचनाएं जारी की गई थीं. इसके बावजूद कुछ टोल प्लाज़ाओं पर टोल वसूली बंद नहीं हुई.
इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष नार्वेकर ने सरकार को स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि जीआर लागू हो चुका है, इसलिए टोल-माफी की नीति का तत्काल और कठोरता से पालन होना चाहिए. किसी भी टोल नाके पर ई-वाहन चालक से एक भी रुपया न वसूला जाए. राज्य के हजारों ई-वाहन मालिकों को अब राहत मिलने की उम्मीद है, क्योंकि सरकार पर तत्काल कार्रवाई करने का दबाव बढ़ गया है.

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