टमाटर पहुंचा हाफ सेंच्युरी तक

मांग की तुलना में आवक घटने से भाव में बढोत्तरी

अमरावती /दि. 27 – रोज़मर्रा के खाने में अहम भूमिका निभाने वाले टमाटर की कीमतों में भारी उछाल आया है. मांग के मुकाबले आवक कम होने से उपभोक्ताओं को इस समय महंगाई का सामना करना पड़ रहा है. छोटे बाज़ार को देखते हुए टमाटर की कीमत 50 रुपये प्रति किलो है, जबकि खुदरा बाज़ार में यह 60 से 80 रुपये किलो है.
टमाटर का इस्तेमाल होटलों, रेस्टोरेंट और घरों में बड़े पैमाने पर होता है. गणेशोत्सव के साथ-साथ महालक्ष्मी का त्यौहार नजदीक आ रहा है, इसलिए बड़ी संख्या में महाप्रसाद का आयोजन होनेवाला है. ऐसे में टमाटर की बढ़ी हुई कीमतें उपभोक्ताओं की चिंता बढ़ा रही हैं. कीमतों के बारे में अधिक बात करते हुए सब्जी व्यवसायी संदीप ढवले ने कहा कि, हर साल इस सीजन के दौरान टमाटर की कीमत 25 से 30 रुपये प्रति किलो होती है. इस बार सभी क्षेत्रों में उत्पादन कम हुआ है. इस वजह से आवक कम हुई है और कीमतें बढ़ी हैं.

* हरी मिर्ची के भाव बढे
प्रति किलो मिर्च की कीमत 50 से 60 रुपये तक पहुंच गई है. पंद्रह दिन पहले मिर्च की कीमत 70 से 80 रुपये थी. हालांकि बुलढाणा, परतवाड़ा, औरंगाबाद और नासिक से मिर्च आने से कीमतों में थोड़ी कमी आई है, लेकिन मध्यम वर्ग के उपभोक्ताओं के लिए मिर्च की कीमतें अभी भी बहुत ज़्यादा हैं. थोक सब्जी विक्रेताओं ने संभावना जताई है कि अगर निकट भविष्य में अन्य गांवों से मिर्च की आवक शुरू हुई तो कीमत 30 रुपये तक पहुंच सकती है. वर्तमान में स्थानीय आवक पूरी तरह से बंद है. संगमनेर से आनेवाले टमाटर भी नहीं आ रहे हैं . स़िर्फ मैंगलोर से टमाटर की आवक हो रही है. पिछले दो-तीन महीनों से टमाटर के दाम बढ़े हुए हैं. हमारे इलाके में स्थानीय टमाटर की आवक सितंबर के आखिरी या अक्टूबर के पहले हफ़्ते में होती है. तब तक उपभोक्ताओं को क़ीमतों में बढ़ोतरी का सामना करना पड़ेगा. इस बात को ध्यान में रखते हुए, कद्दु और लवकी दो ऐसी सब्ज़ियां हैं जो इस समय आम आदमी की पहुंच में हैं. थोक बाज़ार में दोनों की कीमत 15 से 20 रुपये प्रति किलो है. बाकी सब्ज़ियां तुलनात्मक रूप से महंगी हैं.

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