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पांढूर्णा के गोटमार मेले में २५२ लोग घायल

  • मेला रद्द करने के बावजूद भी हुआ आयोजन

  • जिलाधिकारी के आदेशों की उड़ी धज्जियां

वरूड़/दि.१९- बीते सप्ताहभर से कोरोना की पृष्ठभूमि पर पांढूर्णा में गोटमार मेले का आयोजन नहीं किया जाए, इसके लिए जिलाधिकारी सहित अन्य अधिकारियों ने बैठक लेकर गोटमार रद्द किए जाने की घोषणा १८ अगस्त को कर दी थी. लेकिन प्रशासन के आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए बुधवार को पांढूर्णा व सावरगांव वासियों ने गोटमार शुरू की. सुबह ११ बजे के दरम्यिान पांढूर्णा में गोटमार की शुरूआत की गई. इससे पहले सुबह ७ बजे के दौरान सावरगांव के कावले परिवार ने जाम नदी के पुल के मध्य हिस्से में झंडा बांधा. सुबह १० बजे तक झंडे की पूजा की गई. लेकिन गोटमार समिति सहित शांतता समिति की बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार दोनों पक्षों की सहमति से सुबह १० बजे झंडा पांढूर्णावासी नागरिकों को स्वाधीन कर मां चंडिका के मंदिर में लेकर जानेवाले थे.
परंतु सहमति नहीं बनने के बाद पांढूर्णा पार्टी के नागरिक झंडा ले जाने में विफल साबित हुए. जिसके बाद सुबह ११ बजे गोटमार को शुरूआत हुई. इस गोटमार में २५२ नागरिक जख्मी और २ लोग गंभीर घायल हुए है. सावरगांव और पांढूर्णा के नागरिकों के बीच जमकर गोटमार शुरू हुई. हालांकि इस गोटमार में बाहरी इलाकों के नागरिक शामिल नहीं हो पाए. वहीं गोटमार देखनेवाले लोगों और खेलनेवाले नागरिकों की संख्या भी कम दिखाई दी. दोनों पक्ष एक रूसरे पर जमकर पत्थर बरसा रहे थे. शाम ६ बजे तक गोटमार निरंतर शुरू था. सुबह ११ बजे शुरू हुई गोटमार शाम को ६ बजे रोक दी गई. इसके बाद आपसी सहमति से झंडा पांढूर्णा वासियों ने मां चंडिका देवी के मंदिर में ले जाकर रख दिया. गोटमार में घायल लोगों को उपचार के लिए नागपुर रेफर किया गया है.

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