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जिले में 1.45 लाख निर्माण मजदूर पंजीबध्द, उठा रहे योजनाओं का लाभ

2500 घरेलू जिला कामगार भी पंजीकृत

* 2 लाख का दुर्घटना बीमा
* 1 लाख की मदद एक्सीडेंट होने पर
अमरावती/ दि. 1- श्रमिकों के लिए केंद्र की मोदी सरकार द्बारा लायी गई कल्याणकारी योजनाएं क्रांतिकारी साबित हो रही है. आर्थिक सहायता और आवश्यक सामग्री के सीधे वितरण के कारण लाभार्थियों की संख्या निरंतर बढ रही है. जिले में 1 लाख 45 हजार से अधिक निर्माण कार्य के श्रमिक रजिस्टर्ड है. उसी प्रकार ढाई हजार महिला घरेलू कामगारों ने भी पंजीयन कराया हैं. श्रम विभाग का दावा है कि इन पंजीकृत श्रमिकों को शासन के विभिन्न लाभ प्राप्त हो रहे हैं.
* प्लंबर, टाइल फिटिंग मजदूर
श्रम विभाग अधिकारियों ने बताया कि निर्माण कार्य अंतर्गत श्रमिक, प्लंबर, टाइल फीटर, ब्रिक वर्क, पीओपी, इलेक्ट्रीक फिटिंग, लिफट मेंटेनेंस आदि छोटे बडे काम करनेवाले असंगठित कामगारों का पंजीयन जिले में हुआ है. उसी प्रकार घरेलू कामगार महिलाओं का भी पंजीयन कर उन्हें घरेलू आवश्यक सामग्री का वितरण किया गया. हजारों महिलाओं ने आवेदन कर इसका लाभ लिया.
* कीट का वितरण
शासन के श्रम विभाग ने बताया कि भले ही 1 लाख 45 हजार श्रमिकों का पंजीयन हुआ है. सक्रिय श्रमिकों की संख्या 70 हजार हैं. राज्य शासन ने श्रमिकों के लिए बोर्ड की स्थापना की है. बोर्ड के माध्यम से श्रमिकों को औजार और सुरक्षा कीट दी गई है. प्रतिवर्ष 5 हजार रूपए की आर्थि सहायता अलग से दी जाती है. 2 लाख रूपए का दुर्घटना बीमा भी रहता हैं. आंशिक रूप से दिव्यांग होने पर एक लाख रूपए की सहायता दी जाती है.
* प्रतिवर्ष रिनीवल
मजदूरों को पंजीयन प्रक्रिया को रिनीव करना आवश्यक हैं. श्रम अधिकारियों ने कहा कि पंजीयन का नाममात्र शुल्क है और प्रक्रिया ऑनलाइन है. जिससे मजदूरों को ही नाना प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं. उनका दुर्घटना बीमा होता हैं. जटिल बीमारी होने पर 5 लाख की आर्थिक सहायता देने का प्रावधान है. पंजीकृत मजदूर की मृत्यु पश्चात उसके वारिसों को लाभ मिलता हैं. श्रमिक के दो पाल्यों को शिक्षा हेतु वित्तीय सहायता और आवास योजना अंतर्गत आर्थिक सहायता दी जाती हैं. यहां तक की अंतिम संस्कार के लिए भी दो हजार रूपए की मदद का प्रावधान है.

* केवल 1 रूपए में पंजीयन
निर्माण मजदूर मात्र एक रूपए में महाराष्ट्र बीओसी डब्ल्यू डॉट इन/एमआर इस संकेतस्थल पर आवेदन करनेवाले कामगारों को शासन की ओर से प्रमाणपत्र दिए जाते हैं. पहले पंजीयन के लिए 37 रूपए लगते थे. अब मात्र एक रूपया शुल्क लिया जा रहा है. निर्माण ठेकेदार अथवा ग्रामसेवक का पत्र जोडकर श्रमिक का ऑनलाइन पंजीयन किए जाने की जानकारी राजदीप धुर्वेे ने दी.

* शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए सहायता
पंजीकृत श्रमिक के पहली दो संतानों को शिक्षा के लिए 2500 से लेकर 25 हजार रूपए तक मदद के साथ कक्षा पहली से स्नातक होने तक विशेष सहायता का प्रावधान कानून में हैं. उसी प्रकार श्रमिक और उसके परिजनों के उपचार हेतु 15 हजार से एक लाख तक आर्थिक सहायता दी जाती है. जिसमें प्रसूति और गंभीर बीमारी का समावेश हैं. पहली संतान बेटी होने पर परिवार नियोजन शस्त्रक्रिया करवाने पर बेटी के नाम पर 1 लाख रूपए की राशि डिपॉजिट की जाती है. बेटी के विवाह के लिए 30 हजार रूपए की सहायता और एक बेटी के लिए 51 हजार रूपए की सहायता का भी प्रावधान हैं.

 

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