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45 दिनों में जिले में 10 लोगों की मौत

तालाब, नाले और नदियों से रेस्क्यू दल ने शव निकाले बाहर

* मानसून में दो जिला खोज व बचाव दल रहते है कार्यरत
* जिलाधिकारी के मार्गदर्शन में जिला आपदा व्यवस्थापन अधिकारी के नेतृत्व में किया जाता है रेस्क्यू
अमरावती/दि. 25 – अमरावती जिले में मानसून के अवसर पर किसी भी आपदा के समय जिला खोज व बचाव दल की भूमिका महत्वपूर्ण रहती है. मानसून की शुरुआत होते ही जून माह से यह दल सुसज्ज रहता है और जिलाधिकारी के निर्देश मिलते ही यह दल तत्काल संबंधित घटनास्थल रवाना होकर बचाव अभियान शुरु करता है. मानसून के शुरुआत होने के बाद पिछले 45 दिनों में इस दल ने कुल 9 रेस्क्यू ऑपरेशन किए है और बाढ में बहे 10 लोगों के शव बाहर निकाले है.
हर वर्ष मानसून में जिले की 14 तहसीलो में बाढ की स्थिति निर्माण होने पर अथवा किसी आपदा के समय जिला खोज व बचाव दल की सहायता ली जाती है. बारिश के दौरान नदी-नालो में आई बाढ में किसी व्यक्ति बहने पर जिलाधिकारी कार्यालय के नियंत्रण कक्ष को सूचना मिलते ही जिला आपदा व्यवस्थापन विभाग को सूचना दी जाती है. पश्चात जिला आपदा व्यवस्थापन अधिकारी सुरेंद्र रामेकर के नेतृत्व में आरक्षित रहा जिला खोज व बचाव दल तत्काल घटनास्थल की तरफ रवाना होता है. जिले में ऐसी कोई आपदा आने पर 12-12 सदस्यों के दो दल तैयार रखे गए है. उनका वाहन और आवश्यक सभी साहित्य सुसज्ज रहता है. जानकारी मिलते ही यह दल तत्काल घटनास्थल की तरफ रवाना होकर अपना अभियान शुरु कर देता है. अब तक 7 जून से जुलाई माह तक 45 दिनों में इस दल द्वारा कुल 9 रेस्क्यू ऑपरेशन किए गए है. इसमें 6 लोगों की बाढ की चपेट में आने से और 4 लोगों की तालाब में डूबने से मृत्यु हुई है. जिला खोज व बचाव दल 24 घंटे सुसज्ज रहता है. किसी भी समय कोई भी सूचना मिलते ही तत्काल घटनास्थल की तरफ दौड लगाकर अपना कार्य शुरु कर देते है. इस दल ने अनेक बार सैकडों नागरिको को आपदा की स्थिति में बचाया भी है और अपनी जान की परवाह किए बगैर यह दल बाढ में बहे लोगों की तलाश में जलप्रवाह तेज रहने के बावजूद जुट जाता है.

* इन स्थानों पर चला अभियान
7 जून से 20 जुलाई तक जिले के विभिन्न स्थानों पर 9 रेस्क्यू किए गए है. इसमें 10 लोगों के शव इस दल द्वारा खोजकर बाहर निकाले गए है. इनमें गौरखेडा बाजार, चांदुर बाजार तहसील के विश्रोली, अमरावती शहर के छत्री तालाब, वडकी बांध, भिवापुर तालाब, अंबा नाला, लालखडी अंबा नाला, पूर्णा नदी और पेढी नदी का समावेश है. छत्री तालाब में 17 जून को डूबे शहर के कुंभारवाडा परिसर निवासी शेख उमर लिलागर मेहबूब (19) और अयान शहा राजीक शहा (16) नामक युवक डूब गए थे. उनके शव खोज व बचाव दल ने बाहर निकाले थे. इसी तरह वडकी बांध में विलासनगर निवासी आर्यन बनसोड (17) नामक युवक 23 जून को डूब गया था. इसी तरह भिवापुर तालाब में भी महेंद्र कालोनी निवासी अक्षय नसकरी (27) की डूबने से मृत्यु हुई थी. यह शव भी रेस्क्यू दल द्वारा खोजकर बाहर निकाले गए थे.

* बाढ के हुए 6 लोग शिकार
चिखलदरा तहसील के सालोना ग्राम निवासी पायल धिकार (9) की 7 जून को गौरखेडा बाजार में डूबने से मृत्यु हुई थी. इसी तरह विश्रोली में शिरजगांव बंड निवासी शंकर माकोडे (33) की 11 जून को, वनारसी के पास से बहनेवाले अंबा नाले की बाढ की चपेट में आने से राहुल मकेश्वर (33) की 7 जुलाई को, लालखडी के अंबा नाले में आई बाढ से 14 जुलाई को परवेज शेख बिसमिल्ला (14) नामक किशोर की मृत्यु हुई थी. इसी तरह चांदुर बाजार तहसील के थुगांव पिंपरी निवासी शिवराय सावलकर (45) की 18 जुलाई को पूर्णा नदी में बहने से और 20 जुलाई को ब्राह्मणवाडा भगत निवासी अशोक राहाटे (60) नामक व्यक्ति की पेढी नदी में बहने से मृत्यु हुई थी.

* दल के यह सदस्य रहते है 24 घंटे सुसज्ज
जिला आपदा व्यवस्थापन अधिकारी सुरेंद्र रामेकर के नेतृत्व में जिला व खोज बचाव दल के 24 सदस्य 24 घंटे सुसज्ज रहते है. जिला नियंत्रण कक्ष से सूचना मिलते ही यह दल जिलाधिकारी व निवासी जिलाधिकारी के मार्गदर्शन में तत्काल घटनास्थल की तरफ रवाना होता है. जिला खोज व बचाव दल में सचिन धरमकर, दीपक डोरस, गजानन वाडेकर, दिलीप भिलावेकर, आकाश निमकर, गणेश जाधव, प्रफुल भुसार, श्रीकांत जवंजाल, अमोल सालुंके, देवानंद भुजाडे, दीपक पाल, विशाल निमकर, भूषण वैद्य, अर्जुन सुंदल्डे, महेश मांडले, दीपक चिल्लोरकर, अतुल कपले, शरद भंडारांगे सहित अन्यो का समावेश है. इस दल में और 5-6 सदस्य को शामिल करने की मांग की गई है.

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