नये स्ट्रेन का पता लगाने 100 और सैंपल भेजे गये
अमरावती में नया स्ट्रेन पाये जाने की अभी तक अधिकृत पुष्टि नहीं
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कल 50 और आज 50 नमूने भेजे
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रिपोर्ट आने 3 से 4 दिन लगेंगे
अमरावती प्रतिनिधि/दि.२२ – अमरावती में कोरोना फिर अपना कहर बरपा रहा है. कोरोना के लगातार बढते मामलों के बीच यह भी पता लगाया जा रहा है कि, क्या अमरावती में कोरोना वायरस की कोई नई जमात तो नहीं फैल गयी? यह पता लगाने के लिए कि, क्या कोरोना वायरस ने अपना स्वभाव और खुद को बदल दिया है, जिला प्रशासन की ओर से पिछले 15 दिनों से लगातार प्रयास किये जा रहे है. इसी कडी के रुप में जिला स्वास्थ्य विभाग (इर्विन प्रशासन) की ओर से जिले के अलग-अलग ठिकानों से कलेक्ट किये गये कोरोना मरीजों के 50 नये सैंपल आज पुणे भेजे गये. इतने ही नमूने कल भी जांच के लिए पुणे भेजे गये थे.
गैरतलब है कि, पुणे में एनआईवी (नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ विरॉलॉजी) में यह नमूने जांचे जाएंगे. याद दिला दें कि, एनआईवी यह इंडियन कॉन्सिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (भारत सरकार का उपक्रम) के तहत मान्यता प्राप्त इंस्टिट्यूट है जिसे ‘वायरस रिसर्च सेंटर’ भी कहा जाता है. इसकी स्थापना 1952 में हुई थी. इर्विन अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि, उन्होंने अमरावती के कोरोना मरीजों में नया स्ट्रेन पता लगाने के लिए पहली दफा कल और आज सैंपल भेजे. इसकी रिपोर्ट का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है.
दूसरी तरफ यह बताना भी आवश्यक है कि, देश का नैशनल मिडिया विशेेषकर टाईम्स ऑफ इंडिया और एनडीटीबी पिछले 1 सप्ताह से अमरावती में कोरोना का नया स्ट्रेन 484ई पाये जाने की पुष्टि कर रहे है, परंतु सीविल सर्जन श्यामसुंदर निकम और जिलाधिकारी शैलेश नवाल दोनों ने अभी तक इसकी अधिकृत पुष्टि नहीं की है. पता चला है कि, अमरावती विद्यापीठ ने नये स्ट्रेन का पता लगाने के लिए कुछ नमूने पुणे के बीजे मेडिकल कॉलेज में भेजे थे. जहां से नये स्ट्रेन की पुष्टि हुई है. परंतु बीजे मेडिकल कॉलेज की रिपोर्ट को सरकारी तौर पर कन्फर्म करने हेतु एनआईवी की रिपोर्ट काफी आवश्यक है. सरकारी कागजो में बीजे मेडिकल कॉलेज मान्यता प्राप्त इंस्टीट्यूट नहीं है. एक यह भी गूंजाईश है कि, देश के कुछ राष्ट्रीय मिडिया इंस्टीट्यूट को यह रिपोर्ट सीधी मिल गई है. इसीलिए कोरोना के नये स्ट्रेन 484ई को लेकर संभ्रम बना हुआ है. अधिकृत रुप से जिले में इसकी कोई पुष्टि नहीं कर रहा है.