आगे टल सकती है 10 वीं व 12 वीं की परीक्षाएं
एक-दो दिन में शिक्षा बोर्ड लेगा फैसला
अमरावती/प्रतिनिधि दि.10 – इस समय समूचे राज्य में कोविड संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ रही है. जिसके मद्देनजर पूरी संभावना है कि, राज्य शिक्षा मंडल द्वारा ली जानेवाली कक्षा 10 वीं व 12 वीं की परीक्षाओं को कुछ समय के लिए आगे टाल दिया जाये. ऐसी जानकारी विभागीय शिक्षा बोर्ड से जुडे सूत्रों द्वारा दी गई है.
पता चला है कि, विगत कुछ दिनों से राज्य के शालेय शिक्षा विभाग तथा राज्य शिक्षा मंडल द्वारा हर स्तर पर कक्षा 10 वीं व 12 वीं की ऑफलाईन परीक्षा लिये जाने के संदर्भ में समीक्षा की जा रही है और शनिवार की दोपहर इस संदर्भ में एक महत्वपूर्ण बैठक भी बुलायी गयी है. जिसमें कक्षा 10 वीं व 12 वीं की परीक्षा को कुछ समय के लिए मुलतवी किये जाने का निर्णय लिया जा सकता है.
उल्लेखनीय है कि, इस समय राज्य में कोविड संक्रमण के खतरे को देखते हुए मिनी लॉकडाउन लागू किया गया है. किंतु हालात कडे लॉकडाउन की ओर आगे बढ रहे है. जिसके मद्देनजर रविवार 11 अप्रैल को होनेवाली एमपीएससी की परीक्षा को भी आगे के लिए स्थगित किया गया है. इस परीक्षा में समूचे राज्य से करीब ढाई लाख परीक्षार्थी शामिल होनेवाले थे. वहीं राज्य शिक्षा मंडल द्वारा 29 अप्रैल से 20 मई के दौरान कक्षा 10 वीं तथा 23 अप्रैल से 21 मई के दौरान कक्षा 12 वीं की लिखीत परीक्षा लेने का नियोजन किया गया है. इसमें से कक्षा 10 वीं की परीक्षा में 17 लाख तथा कक्षा 12 वीं की परीक्षा में 15 लाख के आसपास विद्यार्थी शामिल होंगे. उल्लेखनीय है कि, राज्य शिक्षा मंडल द्वारा कक्षा 10 वीं व 12 वीं की परीक्षा ऑफलाईन लेने का निर्णय लिया गया है. क्योंकि इस परीक्षा में शामिल होनेवाली अधिकांश विद्यार्थी तहसील एवं ग्रामीण क्षेत्रों से वास्ता रखते है. जहां पर इंटरनेट कनेक्टिविटी के साथ-साथ मोबाईल, लैपटॉप व कंप्यूटर जैसे साधनों का भी अभाव रहता है. अत: यह परीक्षा ऑनलाईन लेना काफी मुश्किल है. ऐसे में विद्यार्थियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए फिलहाल इस परीक्षा को स्थगित करने की मांग मंत्रिमंडल द्वारा की गई है. वहीं राज्य के गृहनिर्माण मंत्री जीतेंद्र आव्हाड द्वारा परीक्षा को रद्द करने की मांग की गई है. इसके अलावा विगत दिनोें मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने अन्य कक्षाओं की तरह कक्षा 10 वीं व 12 वीं के विद्यार्थियों को भी अगली कक्षाओं में प्रमोट करने की मांग उठायी थी. हालांकि इसे लेकर शिक्षा बोर्ड द्वारा फिलहाल तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है. किंतु इस बात की पूरी संभावना है कि, शिक्षा बोर्ड द्वारा परीक्षाओं को रद्द करने की बजाय इन्हें कुछ समय के लिए स्थगित किया जायेगा.