10 पुलिस थानों के आरोपियों का बोझ कोतवाली थाने पर
अब केवल कोतवाली का लॉकअप् ही आरोपी रखने के लिए उपलब्ध
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राजापेठ का लॉकअप् लंबे समय के लिए हुआ लॉक
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खोलापुरी गेट व फ्रेजरपुरा में लॉकअप् बनाने के पर्याय पर विचार
अमरावती/प्रतिनिधि दि.24 – शहर पुलिस आयुक्तालय अंतर्गत कुल 10 पुलिस थाने है. किंतु पुलिस द्वारा पकडे गये तथा अदालत से पुलिस कस्टडी रिमांड का आदेश प्राप्त कैदियों को रखने के लिए हवालात यानी लॉकअप् की सुविधा केवल राजापेठ एवं शहर कोतवाली पुलिस थाने में ही उपलब्ध है. जिसमें से विगत 19 अगस्त को राजापेठ थाने के लॉकअप् में एक कैदी द्वारा अपनी शर्ट से फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर लिये जाने के चलते राजापेठ थाने के लूॅकअप् को मामले की जांच पूरी होने तक बंद कर दिया गया है. ऐसे में अब शहर में केवल सिटी कोतवाली पुलिस थाने का ही एकमात्र लॉकअप् बचा है. जहां पर सभी 10 पुलिस थानों द्वारा पकडे गये आरोपियों को रखा जा रहा है. ऐसे में सभी पुलिस थानोें के कामकाज का भार एक तरह से सिटी कोतवाली के लॉकअप् पर आ गया है.
हालांकि जानकारी के मुताबिक गाडगेनगर को छोडकर अन्य सभी 9 पुलिस थानों की ईमारत में लॉकअप् बनाया गया है. किंतु लॉकअप् का निर्माण व अन्य बातें सुरक्षा की दृष्टिकोण से त्रृटीपूर्ण रहने के चलते सभी थानों द्वारा आरोपियों को सिटी कोतवाली व राजापेठ के लॉकअप् में ही भेजा जाता है. वहीं अब सागर ठाकरे नामक आरोपी की आत्महत्या के बाद राजापेठ थाने के लॉकअप् में आरोपी रखना बंद कर दिया गया है और अब केवल सिटी कोतवाली थाने के लॉकअप् को प्रयोग में लाया जा रहा है. जहां सभी दस पुलिस थानों के आरोपी लाकर रखे जा रहे है.
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, गाडगेनगर पुलिस थाने को छोडकर अन्य सभी पुलिस थानों के पास स्वतंत्र एवं नवनिर्मित इमारतें है. सन 2013 में खोलापुरी गेट व फ्रेजरपुरा पुलिस थानों को नई इमारतें मिली थी. इन दोनों पुलिस थानों में लॉकअप् का भी निर्माण किया गया था. किंतु यह निर्माण पुराने प्लान के अनुसार किये जाने के चलते इसे लॉकअप् के तौर पर प्रयोग में नहीं लाया जाता. वहीं मुंबई व पुणे शहर में मध्यवर्ती लॉकअप् की संकल्पना को साकार किया गया है. ऐसी ही किसी व्यवस्था पर अब अमरावती शहर में भी विचार मंथन किया जा रहा है.
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कोतवाली के लॉकअप् को किया जा रहा चुस्त-दुरूस्त
राजापेठ के लॉकअप् पर अगले आदेश तक लॉक लगने की वजह से अब कोतवाली के लॉकअप् को सुरक्षा के लिहाज से और अधिक चुस्त-दुरूस्त किया जा रहा है. जहां पर सुरक्षा के लिहाज से जाली लगाने के साथ-साथ अन्य छोटे-मोटे कामकाज भी तेजी के साथ निपटाये जा रहे है.
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सुरक्षा व्यवस्था पर सवालियां निशान
राजापेठ थाने के लॉकअप् में बंद आरोपी द्वारा अपनी शर्ट से फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिये जाने की घटना ने ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों की उपस्थिति पर सवालिया निशान लगा दिये है. लॉकअप् में बंद आरोपियों की तमाम हरकतों पर नजर रखने के लिए लॉकअप् के सामने पूरा समय संतरी तैनात रहता है. साथ ही लॉकअप् के अंदर व बाहर सीसीटीवी कैमेरे लगे हुए है. जिन्हें पुलिस थाने द्वारा मॉनिटर किया जाता है, लेकिन इसके बावजूद इतनी बडी घटना घटित हो गई और किसी का इस पर ध्यान नहीं गया. इससे संदेह पैदा होता है. वहीं दूसरी ओर अब खुद पुलिस महकमे में यह आवाज उठती दिखाई दे रही है कि, एक थाने द्वारा दूसरे थाने के बोझ को क्योें उठाया जाये. बता दें कि, राजापेठ थाने के लॉकअप् में आत्महत्या करनेवाला सागर ठाकरे नामक आरोपी फ्रेजरपुरा पुलिस थाने द्वारा पकडा गया था और उस पर फ्रेजरपुरा थाने में ही मामला दर्ज था. किंतु चूंकि फ्रेजरपुरा थाने में लॉकअप् की सुविधा नहीं है. अत: उसे राजापेठ थाने के लॉकअप् में लाकर रखा गया था, जहां पर उसने आत्महत्या कर ली और अब इस मामले को लेकर पूरा राजापेठ थाना ‘लाईन हाजीर’ हो गया है.
राजापेठ पुलिस थाने का लॉकअप् फिलहाल बंद रखा गया है. ऐसे में सिटी कोतवाली के लॉकअप् पर काम का पूरा बोझ पड गया है. हालांकि नांदगांव पेठ पुलिस थाने में भी लॉकअप् की सुविधा है, किंतु उसकी दूरी शहर के अन्य पुलिस थानों से काफी अधिक है. ऐसे में सुरक्षा की दृष्टि से फ्रेजरपुरा अथवा अन्य पुलिस थानों में बने लॉकअप् को प्रयोग में लाया जा सकता है अथवा नहीं, इस पर विचार किया जा रहा है.