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शहर में 1100 मकान के काम अधूरे

रमाई आवास योजना अटकी

* लागत 4 लाख तक बढ़ी
अमरावती/दि.8- सरकारी योजनाओं में विलंब का असर रमाई आवास योजना के गरीब लाभार्थियों को भुगतना पड़ रहा है. मंथर गति से चल रहे काम के कारण जुग्गीवासियों की स्थिति बुरी है. 12 वर्षों में 6 हजार आवास निर्माण का उद्देश्य रखा गया था. अभी भी एपीएल के करीब 1100 आवास अधूरे पड़े रहने की जानकारी सरकारी सूत्रों ने दी. जबकि आवास निर्माण का खर्च लगभग 4 लाख रुपए बढ़ गया है. अब आवास बनकर तैयार होगा भी या नहीं, यह चिंता हितग्राहियों को सता रही है.
रमाई आवास योजना लगभग 12 वर्ष पूर्व 2010-11 में शुरु हुई थी. पहले चरण में बीपीएल और दूसरे चरण में एपीएल के लिए शहर में 6 हजार आवास बनाए जाने थे. बीपीएल हेतु 4900 घरों का निर्माण 70 फीसद हो गया है. 30 प्रतिशत आवास का काम प्रगति पर है. लेकिन एपीएल के 1100 आवास बनाने के लिए मनपा अभी भी सर्वे कर रही है. जबकि केवल प्रसाधनगृह बनाने का खर्च 25 हजार रुपए बढ़ गया है.
* क्या कहते हैं मनपा अभियंता?
मनपा के निर्माण विभाग के कार्यकारी अभियंता रवींद्र पवार ने बताया कि बीपीएल के आवास लगभग पूर्ण हो गए हैं. एपीएल हेतु झुग्गियों में सर्वेक्षण शुरु है. शासन ने 1100 घरों को मंजूरी दी है. ढाई लाख रुपए प्रति आवास अनुदान दिया जाता है. जबकि बांधकाम का खर्च अब 4 लाख रुपए तक बढ़ गया है. दूसरी तरफ एक लाभार्थी तुलजा दमाये ने बताया कि छोटासा घर बनाने का सपना था. सरकार से किश्त मिलने में हो रही देरी के कारण अब तक मकान का काम पूरा नहीं हो सका. अब तो लागत भी बढ़ गई है. जिससे काम पूरा कैसे कराए, यह समस्या उभरी है.
पूर्व नगरसेवक और राजनेता मनपा की कछुआचाल का विरोध करते हैं. कई बार मोर्चेे,आंदोलन हो चुके हैं. मनपा प्रशासन पर रमाई आवास योजना पूर्ण करने का दबाव बढ़ा है. ऐसे ही लागत बढ़ने से अनुदान बढ़ाए जाने की भी मांग विविध दलों के पदाधिकारी कर रहे हैं.
* 2021 में नहीं आया अनुदान
मनपा सूत्रों ने बताया कि रमाई आवास योजना का फंड समाजकल्याण विभाग के माध्यम से आता है. मनपा द्वारा गंभीरता से फालोअप नहीं लिया गया. आंदोलन, मोर्चे के बाद मनपा सक्रिय हुई. फिर भी बताया गया कि वर्ष 2021 में कोरोना के कारण पूरे वर्ष आवास योजना का फंड नहीं आया.

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