नागपुर/प्रतिनिधि दि.10 – इस समय दीपावली का पर्व शुरू होने में मात्र दो से तीन दिनों का समय शेष है और कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम होने के चलते बाजार में उत्साह का वातावरण है. इसी बीच शहर में करीब 10 से 12 करोड रूपयों के पटाखे बिक्री हेतु उपलब्ध है. इसमें भी अधिकांश ग्रीन पटाखे है. जिनकी आवक शिवकाशी से हुई है. वहीं दूसरी ओर अक्तूबर माह से भले ही कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम हुई है, लेकिन इसके बावजूद पटाखों की मांग में पिछले वर्ष की तुलना में 50 फीसदी की कमी है.
उल्लेखनीय है कि, प्रतिवर्ष दीपावली पर्व के अवसर पर समूचे राज्य में पटाखों की जबर्दस्त बिक्री होती है, लेकिन इस बार कोरोना के खतरे को देखते हुए सरकार एवं प्रशासन द्वारा कहा गया है कि, अगर इस बार आतीषबाजी की वजह से वायू प्रदूषण होता है, तो हाल ही में कोरोना मुक्त हुए लोगों को इससे श्वसन संबंधी काफी तकलीफे हो सकती है. वहीं दूसरी ओर पटाखों के खिलाफ पर्यावरण प्रेमियों द्वारा की जा रही जनजागृति, पटाखों की दरों में वृध्दि और बेहद कम फूटकर दुकानों को मिली मंजूरी की वजह से इस बार वैसे भी पटाखों की बिक्री कम होना तय है. साथ ही साथ कोरोना काल व लॉकडाउन की वजह से लोगों की आर्थिक स्थिति पहले ही काफी तंग है. इस वजह से भी लोगबाग इस बार पटाखे खरीदने से बच रहे है. प्रतिवर्ष गांधी बाग के पटाखा बाजार में 500 से अधिक पटाखा दुकाने लगा करती थी. जिनकी संख्या इस बार 150 पर आ गयी है.
कुछ होलसेल विक्रेताओं के मुताबिक इस बार पटाखे बनाने के लिए लगनेवाले कच्चे माल की कीमते भी बढ गयी है. साथ ही पटाखों पर 28 फीसदी जीएसटी भी लग रही है. ऐसे में पटाखों की कीमतों में 20 प्रतिशत की वृध्दि हुई है. इस वजह से भी इस बार पटाखों की बिक्री घट सकती है. प्रतिवर्ष नागपुर में 15 से 16 करोड रूपयों के पटाखे बिका करते थे. वहीं इस बार 10 से 12 करोड रूपयों के पटाखे बिक्री हेतु उपलब्ध कराये गये है. जिसमें से कितना माल बिक पाता है, यह देखनेवाली बात होगी.