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कोयले की किल्लत से बंद हुए 13 विद्युत निर्मिती केंद्र

लगातार गहरा रहा लोडशेडिंग का खतरा

  • महावितरण लगा रहा एडी-चोटी का जोर

  • बिना जरूरत बिजली का प्रयोग टालने का किया गया आवाहन

अमरावती/प्रतिनिधि दि.११ – कोयले की किल्लत के चलते महावितरण को विद्युत आपूर्ति करनेवाले विविध औष्णिक विद्युत निर्मिती केद्रों के 13 सेट इस समय बंद पड चुके है. जिसके चलते करीब 3 हजार 330 मेगावॉट की विद्युत आपूर्ति ठप्प हो गयी है. बिजली की इस कमी को पूरा करने के लिए तत्काल अन्य राज्यों से विद्युत खरीदी करने सहित जल विद्युत व अन्य स्त्रातों के जरिये विद्युत आपूर्ति उपलब्ध कराने के प्रयास जारी है. उक्ताशय की जानकारी देते हुए महावितरण की ओर से बताया गया कि, अमरावती शहर व जिले सहित समूचे राज्य में लोडशेडिंग को टालने हेतु महत प्रयास जारी है. साथ ही विद्युत की उपलब्धता व मांग में संतुलन बनाये रखने हेतु विद्युत उपभोक्ताओं द्वारा रोजाना सुबह 6 से 10 बजे तक व शाम 6 से रात 10 बजे तक विद्युत का प्रयोग बेहद जरूरी होने पर संभालकर किया जाये.
महावितरण की ओर से जारी किये गये परिपत्रक में कहा गया कि, समूचे देश में कोयले की किल्लत पैदा होने के चलते विगत कुछ दिनों से औष्णिक विद्युत निर्मिती कम हो रही है तथा कोयले के अभाव के चलते औष्णिक विद्युत निर्मिती केंद्र के 13 सेट बंद पड चुके है. जिनमें महानिर्मिती के चंद्रपुर, भुसावल व नासिक स्थित 210 मेगावैट के एक-एक, पारस स्थित 250 मेगावैट के एक तथा भुसावल व चंद्रपुर स्थित 500 मेगावैट के एक-एक सेट का समावेश है. इसके अलावा कोस्टल गुजरात पॉवर लिमिटेड के 640 मेगावॉटवाले चार सेट तथा रतन इंडिया पॉवर लिमिटेड (अमरावती) के 810 मेगावॉटवाले तीन सेट बंद पडे है. इसकी वजह से महावितरण को औष्णिक विद्युत केंद्रों से करार के तहत मिलनेवाली बिजली की आपूर्ति अब काफी हद तक कम हो गई है.
महावितरण द्वारा बताया गया कि, विद्युत की मांग और उपलब्धता में इस समय 3 हजार 330 मेगावैट का फर्क है. जिसे पूरा करने हेतु खुले बाजार (पॉवर एक्सचेंज) से विद्युत खरीदी शुरू है. इस समय समूचे देश में विद्युत की मांग बढने की वजह से विद्युत खरीदी की दरे भी महंगी हो गई है. खुले बाजार में इस समय 700 मेगावैट बिजली की खरीदी 13 रूपये 60 पैसे प्रति यूनिट की दर से की जा रही है. वहीं आज सुबह रियलटाईम व्यवहार से 900 मेगावैट बिजली की खरीदी 6 रूपये 23 पैसे प्रति यूनिट की दर से की गई है. इसके साथ ही कोयना बांध तथा अन्य लघु जलविद्युत निर्मिती केंद्र व अपांरपारिक उर्जा स्त्रोतों के जरिये विद्युत उपलब्ध करायी जा रही है. जहां एक ओर कोयले की किल्लत रहने के चलते विद्युत का उत्पादन घट गया है, वहीं दूसरी ओर राज्य में गर्मी व उसमी बढने के चलते बिजली की मांग भी बढ गई है. राज्य में मुंबई को छोडकर बीते शनिवार को मांग के अनुरूप 17 हजार 289 मेगावैट विद्युत की आपूर्ति महावितरण द्वारा की गई. वहीं बीते 24 घंटे के दौरान राज्य के कई हिस्सों में बारिश होने के चलते बिजली की मांग घटी और रविवार की सुबह 11.30 बजे राज्य में 18 हजार 200 मेगावैट तथा महावितरण के कार्यक्षेत्र में 15 हजार 800 मेगावैट बिजली की मांग थी.
इस समय विद्युत लोडशेडिंग को टालने हेतु महाराष्ट्र विद्युत नियामक के आदेशानुसार कृषि वाहिनी पर रोजाना आठ घंटे दिन अथवा रात के समय चक्राकार पध्दति से थ्री फेज विद्युत आपूर्ति की जा रही है. साथ ही महावितरण द्वारा आवाहन किया गया है कि, विद्युत ग्राहकों द्वारा बिजली की मांग व आपूर्ति में संतुलन बनाये रखने हेतु रोजाना सुबह 6 से 10 तथा शाम 6 से रात 10 बजे के दौरान बिजली का प्रयोग कम से कम किया जाये. बिजली की सर्वाधिक मांग रहनेवाली इस कालावधी में यदि बिजली का प्रयोग कम होता है, तो मांग व आपूर्ति में फर्क को घटाया जा सकेगा तथा लोडशेडिंग करने की जरूरत नहीं रहेगी.

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