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अप्पर वर्धा बांध के १३ दरवाजों को दो मीटर खोला गया

  • प्रति सेकंड ४२३८ घनमीटर पानी का हो रहा विसर्ग

  • बांध में लगातार हो रही पानी की आवक, जलस्तर लगातार बढ रहा

अमरावती प्रतिनिधि/दि.२९– सतपुडा पहाडी क्षेत्र में लगातार जारी बारिश की वजह से इस समय वर्धा नदी पर बनाये गये अप्पर वर्धा (Upper Wardha) बांध में पानी की जबर्दस्त आवक हो रही है. जिसके चलते गत रोज इस बांध के सभी १३ दरवाजों को खोल दिया गया था और यहां से जलविसर्ग शुरू किया गया था. जलविसर्ग शुरू किये जाने के बावजूद बांध में लगातार हो रही पानी की जबर्दस्त आवक को देखते हुए पहले कुछ सेंटीमीटर (Centimeter) तक खोले गये बांध के दरवाजों को धीरे-धीरे दो मीटर तक खोल दिया गया है.
जिसके चलते इस बांध से अब प्रति सेकंड ४ हजार २३८ घनमीटर पानी की निकासी हो रही है. बता दें कि, लगातार जारी जलनिकासी के बाद भी शनिवार २९ अगस्त की दोपहर तक यह बांध ९६.४३ फीसदी भरा हुआ था और यहां पर ५४३.९० दलघमी जलसंग्रहण रहने के साथ ही ३४२.२८ मीटर तक जलस्तर की लेवल पहुंच चुकी थी. ज्ञात रहे कि, बांध में लगातार हो रही पानी की आवक और बढते जलस्तर को देखते हुए गत रोज ही इस बांध में ९६ फीसदी से अधिक जलसंग्रहण हो चुका था.
जिसके चलते गत रोज ही इस बांध के सभी १३ दरवाजों को खोल दिया गया था, लेकिन प्रति सेकंड सैकडों घनमीटर जलविसर्ग किये जाने के बावजूद भी बांध में जलस्तर कम नहीं हो रहा और बांध की कुल क्षमता की तुलना में यहां पर ९६ प्रतिशत जलसंग्रहण की स्थिति बरकरार है. जिसका सीधा मतलब है कि, इस बांध से जितना पानी छोडा जा रहा है, लगभग उतना ही पानी इस बांध के संग्रहण क्षेत्र में आ रहा है. ऐसे में जब तक बांध में पानी की लगातार आवक होती रहेगी, तब तक यहां से लगातार जल विसर्ग जारी रहेगा.

  • बेंबला के चार दरवाजे खोले

वहीं दूसरी ओर बेंबला जलप्रकल्प में इस समय ९५.०३ फीसदी जलसंग्रहण हो चुका है. ऐसे में यहां के चार दरवाजों को २५ सेंटीमीटर तक खोलकर यहां से प्रति सेकंड १० घनमीटर जलविसर्ग किया जा रहा है. इससे पहले इस प्रकल्प से प्रतिसेकंड ४० घनमीटर पानी छोडा जा रहा था, लेकिन बांध में पानी की लगातार जारी आवक और बढते जलस्तर को देखते हुए बांध से जलविसर्ग की मात्रा बढायी गयी है.

  • चंद्रभागा के ३ गेट खुले

इसके अलावा चंद्रभागा प्रकल्प में ९३.२६ फीसदी जलसंग्रह हो जाने के चलते इस प्रकल्प के तीन दरवाजों को ५ सेंटीमीटर खोलते हुए यहां से प्रति सेकंड १६.९५ घनमीटर जलविसर्ग शुरू किया गया है. इन सभी प्रकल्पों से नदी में पानी छोडे जाने के साथ ही नदियों व नहरों के किनारे रहनेवाले सभी गांवों को पहले ही सतर्क कर दिया गया है.

  • जिले में ९५.९५ व संभाग में ८३.५० जलसंग्रह

बता दें कि, अमरावती जिले में एकमात्र बडे प्रकल्प अप्पर वर्धा के साथ ही शहानूर, चंद्रभागा, पूर्णा, सापन व पंढरी यह पांच मध्यम प्रकल्प है. इसके अलावा ८४ लघु प्रकल्प है. जिसमें से अप्पर वर्धा में ९७.५५, शहानूर में ९०.७९, चंद्रभागा में ९२.५१, पूर्णा में ८४.९०, सापन में ८१.०१ तथा पंढरी प्रकल्प में १३.६९ फीसदी जलसंग्रहण हो चुका है. वहीं जिले के ८४ लघु प्रकल्पों में ७४ फीसदी जलसंग्रहण है. इस लिहाज से जिले में औसत जलसंग्रहण ८५.९५ फीसदी है. वहीं संभाग के ९ बडे प्रकल्पों में औसत ८९.६४, २५ मध्यम प्रकल्पों में ८४.५९ तथा ४७७ लघु प्रकल्पों में ७५.३२ फीसदी जलसंग्रहण है. संभाग में औसत जलसंग्रहण का प्रतिशत ८३.५० फीसदी है.

  • काटेपूर्णा से जलविसर्ग किया गया कम

वहीं दूसरी ओर अकोला जिले के काटेपूर्णा प्रकल्प में जलसंग्रहण की स्थिति नियंत्रित होते ही इस बांध से जलविसर्ग की रफ्तार को कुछ कम किया गया. बता दें कि, बीती रात लगातार बढते जलस्तर को देखते हुए काटेपूर्णा प्रकल्प के १० दरवाजों को ३० सेंटीमीटर खोलकर प्रति सेकंड २५५.८२९ घनमीटर पानी छोडा जा रहा था. पश्चात २९ अगस्त को तडके ४ बजे इस प्रकल्प के आठ दरवाजों को बंद किया गया और दो दरवाजों को ३० सेंटीमीटर तक खुला रखते हुए अब नदी में मात्र ५१.१६ घनमीटर पानी छोडा जा रहा है. हालांकि बांध में लगातार हो रहीं पानी की आवक को देखते हुए काटेपूर्णा नदी किनारे रहनेवाले सभी लोगोें को पूरी तरह से सतर्क व सचेत रखा गया है..

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