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अमरावती में 13 महिलाओं के हाथ आयेगा एसटी का स्टेअरिंग

  •  सालभर में राज्य में 215 महिला चालक कम वाहक होगी ज्वाईंन

  •  यवतमाल की 21 आदिवासी महिलाओं का भी समावेश

  •  जल्द ही शुरु होगा प्रशिक्षण

अमरावती/प्रतिनिधि दि. 8 – अमरावती एसटी महामंडल ने फिलहाल महिला वाहक कार्यरत है, लेकिन आगामी सालभर में 13 महिला चालक कम वाहक सेवा में ज्वाईंन होंगे. जल्द ही इनका प्रशिक्षण शुरु करने के आदेश दिये गए है. एसटी महामंडल में चालक के रुप में पहली बार ही महिलाओं की नियुक्ति होने वाली है. विशेष यह कि इसी भर्ती प्रक्रिया में संभाग की यवतमाल जिले के पांढरकवडा की 21 आदिवासी महिलाओं को भी एसटी में बतौर चालक नियुक्ति की गई है. उनका प्रशिक्षण पूर्ण होने के बाद एक वर्ष में एसटी का स्टेअरिंग अब महिलाओं के हाथों में रहेगा. उल्लेखनीय है कि एक वर्ष पहले राज्य में एसटी चालक कम वाहक की भर्ती प्रक्रिया शुरु हुई थी. जिसमें राज्यभर में 225 महिला चालक कम वाहक की नियुक्ति कर उनका प्रशिक्षण भी शुरु किया गया था, लेकिन पिछले वर्ष मार्च महिने में जारी लॉकडाउन के कारण यह प्रशिक्षण बीच में ही बंद पडा था. जिसे जल्द ही शुरु करने के आदेश दिये गए है. इस कारण अमरावती जिले की 13 महिला चालक को एसटी महामंडल की ओर से एक साल का प्रशिक्षण दिया जाएगा. विशेष यह कि इसमें आदिवासी महिलाओं का समावेश है.
उल्लेखनीय है कि राज्य में फिलहाल एसटी महामंडल में 4 हजार 500 महिला वाहक कार्यरत है, लेकिन अब चालक के रुप में भी महिला काम करेगी. महिला चालकों की भर्ती प्रक्रिया वर्ष 2019 में शुरु हुई थी. उसके लिए राज्यभर में एसटी महामंडल के पास 600 आवेदन आये थे. कागजातों की छाननी कर सर्वसाधारण क्षेत्र की 194 तथा आदिवासी क्षेत्र की 21 महिलाओं का चयन हुआ. प्रशिक्षण के बाद लर्निंग लाईसेंस, प्रशिक्षण और अंतिम टेस्ट के बाद 2021 में यह महिला चालक सेवा में ज्वाईंन होना अपेक्षित था. किंतु कोरोना के चलते उनका प्रशिक्षण प्रलंबित रहा. अब इन उम्मीदवारों का एक वर्ष भारी वाहन चलाने का प्रशिक्षण फिर से शुरु होने वाला है. सालभर में वह सेवा में दाखिल होेंगी. पुणे की भोसरी में एसटी का टेस्टिंग ट्रैक है. वहां इन महिला चालकों की अंतिम टेस्ट होगी. शुरुआत में उन्हें कम दूरी के मार्ग पर ही काम दिया जाएगा.

  • आदिवासी महिलाओं को मिलेगा रोजगार

आदिवासी क्षेत्र की महिलाओं को रोजगार मिलना चाहिए, इस कारण एसटी में चालक-वाहक पद के लिए आदिवासी व सुखाग्रस्त क्षेत्र की महिलाओं का चयन करने का निर्णय पूर्व परिवहन मंत्री व एसटी महामंडल के अध्यक्ष दिवाकर रावते ने लिया था. उसके अनुसार 21 महिला आदिवासी क्षेत्र की है. यह सभी महिलाएं अमरावती संभाग के यवतमाल जिले के

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