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पीडीएमसी का वह डॉक्टर फिलहाल परभणी में है
अमरावती प्रतिनिधि/दि.३० – ड्राईविंग लाईसेंस के लिए लगने वाले वैद्यकीय फिटनेस प्रमाणपत्र फर्जी सिक्के इस्तेमाल कर तैयार करने वाले ज्ञानेश्वर ड्राईविंग स्कूल के संचालक व ऑपरेटर का स्थानीय न्यायालय व्दारा 3 फरवरी तक पीसीआर लेने के बाद अब कही जाकर गाडगे नगर पुलिस इस फर्जीवाडे की जांच में जूट गई है. गाडगे नगर पुलिस ने बताया कि वे आरटीओ कार्यालय से 14 नंबर का वह रजिस्टर जब्त करेगी. जिसमें ड्राईविंग स्कूल की जानकारी और ड्राईविंग लाईसेंस के लिए दिये गये फिटनेस सर्टीफिकेट्स की नोंद रहती है. इस रजिस्टर से पुलिस को यह पता चलेगा कि लाईसेंस के लिए आवेदन करने वाले कौनसे व्यक्ति ने कौनसे डॉक्टर का फिटनेस सर्टीफिकेट लिया है. इसी बीच यह भी खबर मिली है कि आरोपियों के ड्राईविंग स्कूल में जिस डॉ.वैभव गरकल के स्टैम्प मिले है वह फिलहाल परभणी में है. पुलिस ने फोन कर उसे अमरावती बुलाया है. यह डॉक्टर अमरावती में पहुंचते ही उससे भी पुलिस पूछताछ करेगी.
प्रादेशिक परिवहन अधिकारी कार्यालय के परिसर को लगकर एक इमारत में ज्ञानेश्वर ड्राईविंग स्कूल में लाईसेंस दिलवाने की दुकान चलाई जा रही थी. पुलिस ने गुरुवार को दोपहर यहां छापा मारकर संचालक योगेश प्रभुराव घुगे (सुंदरलाल चौक कॅम्प) और ऑपरेटर अंकुश गणोरकर को गिरफ्तार किया है. इस फर्जीवाडे में और कोई दलाल अथवा एजंट का सहभाग तो नहीं तथा आरटीओ के किसी अधिकारी का इन्हें आशिर्वाद तो नहीं, इसका पुलिस पता लगाएगी.
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शहर के डॉक्टरों की जानकारी मांगी जाएगी
ट्रक, बस व अन्य परिवहन संवर्ग के टैक्सी वाहनों के ड्राईविंग लाईसेंस के लिए वाहन चालक का फिटनेस सर्टीफिकेट जरुरी रहता है. वह वाहन चालक या फिर ड्राईविंग स्कूल के संचालक बाहर से ही बनाकर लाते है, इसपर आरटीओ का कोई नियंत्रण नहीं रहता, लेकिन इस मामले के बाद अब सोमवार को एक आदेश जारी कर कहा के डॉक्टर इस तरह के प्रमाणपत्र देते है, उनकी वैद्यकीय सेवा कहा है, इस संदर्भ में सूची मांगी जाएगी.