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संभाग में १६ आस्थापनाओं की ओर १५० करोड जीएसटी बकाया

  • अमरावती के ८ आस्थापनाओं का समावेश

  • सर्वांधिक ५४ करोड क्रिस्टल केमिकल की ओर बाकी

  • बकायादारों में संगाबा अमरावती विवि व अमरावती मनपा का भी समावेश

अमरावती/प्रतिनिधि दि.१६   –  अमरावती संभाग में १६ कंपनियों व आस्थापनाओं की ओर वस्तु व सेवा कर यानि जीएसटी के १४७ करोड २७ लाख ९० हजार ८२३ रुपए बकाया है. जिनमें अमरावती जिले के ८ आस्थापनाओं का समावेश है. इसमें भी क्रिस्टल केमिकल इंडिया नामक कंपनी की ओर सर्वाधिक ५४ करोड से अधिक की राशि बकाया है. साथ ही बकाया दरों में संत गाडगे बाबा अमरावती विद्यापीठ का भी समावेश है. नागपुर के जीएसटी एससी-एसटी-ओबीसी एम्प्लाइज एसो. के महासचिव संजय थुल ने सूचना अधिकार के तहत यह जानकारी प्रकाश में लायी है. विगत कुछ वर्षों से इस रकम को वसूल करने हेतु कार्रवाई का कदम उठाये जाते ही कुछ कंपनियों ने न्यायालय एवं लवाद के दरवाजे खटखटाये है.
जिसकी वजह से फिलहाल सरकारी तिजोरी इस भारी भरकम राशी से वंचित है. जीएसटी भरने से कई कंपनियां व आस्थापनाएं बचना चाह रहे है. ऐसा बकाया राशी के लगातार बढते आंकडों को देखकर स्पष्ट होता है. साथ ही सबसे बडा सवाल यह है कि, जीएसटी विभाग ने कंपनियों और आस्थापनाओं की ओर इतनी बडी रकम बकाया कैसे रहने दी. इसके चलते जीएसटी विभाग की कार्य क्षमता पर भी सवालिया निशान लग रहा है. जीएसटी के अमरावती विभाग में १ करोड से अधिक रकम बकाया रहने वाली १६ फर्मों की जानकारी प्राप्त हुई है. जिसमें सर्वाधिक ५४ करोड ७० लाख ६० हजार रुपए अमरावती की क्रिस्टल केमिकल इंडिया नामक कंपनी की ओर बकाया है. इसके साथ ही अमरावती की एस.एस. पटेल फर्म की ओर ३६ करोड २६ लाख ८८ हजार ४२८ रुपए तथा यवतमाल जिले के वणी डब्ल्यूसीएल की ओर २ जीसटी खातों में १४ करोड ९९ लाख ६५ हजार ४७७ रुपए बकाया है. इसके अलावा अन्य कई नामांकित कंपनियों एवं सरकारी कार्यालयों तथा संस्थाओं ने भी जीएसटी की राशी नहीं भरी है. जिसमें से कुछ संस्थाएं बंद हो गई है. जानकारी के मुताबिक संत गाडगे बाबा अमरावती विद्यापीठ में भी जीएसटी की राशी भरने में टालमटोल की है. विद्यापीठ की ओर २ करोड ३४ लाख ५६ हजार ६२० रुपए बकाया है और उन्होंने इस बकाया राशी को भरने से बचने के लिए आयुक्त के पास गुहार लगाई है. वहीं अमरावती मनपा की जीएसटी की बकायादार है. अमरावती मनपा द्बारा जीएसटी के १६ करोड ६७ लाख ९० हजार २१० रुपए बकाया है और मनपा ने जीएसटी की राशी से बचने के लिए अपील दायर कर रखी है. उधर यवतमाल जिले में ४ संस्थाओं और प्रतिष्ठानों की ओर भी जीएसटी के करोडों रुपए बकाया है. ऐसी जानकारी सूचना अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी से उजागर हुई है.

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