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१८ हजार वर्कर्स को सबसे पहले मिलेंगी कोरोना वैक्सीन

  • प्रशासन स्तर पर चल रही है जोरदार तैयारी

  • ३१ अक्तूबर से पहले डेटा बेस होगा तैयार

  • कोल्ड स्टोरेज को भी लेकर आवश्यक इंतजाम

अमरावती/प्रतिनिधि दि.२९  – कोरोना की संक्रामक महामारी से सबसे आगे रहते हुए लडनेवाले स्वास्थ्य महकमे के कर्मचारियों को सबसे पहले कोरोना की वैक्सीन प्राप्त होगी. ऐसे में इन ‘फ्रंट लाईन‘ वर्कर्स का डेटा तैयार किया जा रहा है, ताकि वैक्सीन उपलब्ध होते ही उन्हें यह सबसे पहले उपलब्ध करायी जा सके. जिला स्वास्थ्य महकमे द्वारा जिले के सरकारी व निजी ऐसे कुल १८ हजार ‘फ्रंट लाईन‘ वर्कर्स की जानकारी आगामी ३१ अक्तूबर से पहले सरकार के पास भेजी जायेगी. साथ ही जिले में कोरोना वै्नसीन की खेप को संरक्षित व संग्रहित करने हेतु कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था भी उपलब्ध करायी जायेगी.
बता दें कि, इस समय हर ओर कोरोना वायरस के खिलाफ प्रतिबंधात्मक दवाई को लेकर जबर्दस्त उत्सूकता देखी जा रही है और जो भी वैक्सीनउपलब्ध होगी, उसे लेकर पूर्व तैयारी भी जोरदार ढंग से की जा रही है. इस बात के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रदीप व्यास ने सोमवार की दोपहर जिला प्रशासन के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये चर्चा की. इस समय उन्होंने जिले के स्वास्थ्य क्षेत्र में निजी व सरकारी स्तर पर कार्य कर रहे ‘फ्रंट लाईन‘ वर्कर्स की जानकारी ३१ अक्तूबर से पहले मांगी है. जिसके चलते मनपा, जिला परिषद व जिला स्वास्थ्य महकमे के लोग काम पर लग गये है. साथ ही अधिनस्त प्रशासन के अधिकारियों व कर्मचारियों सहित आयएमए व संबंधित संगठनों से संलग्नित प्रशासन के लोगों की जानकारी संकलित करने का काम युध्दस्तर पर चल रहा है. इसके साथ ही वैक्सीन के स्टॉक को संरक्षित व सुरक्षित रखने हेतु कोल्ड स्टोरेज, लसीकरण करने हेतु केंद्र आदि तैयारियां भी शुरू कर दी गई है.
ज्ञात रहें कि, राज्य के स्वास्थ्य विभाग द्वारा विगत ३० अक्तूबर को ही सभी विभागीय आयुक्तों, जिलाधीशों व जिला शल्य चिकित्सकों को पत्र जारी कर इस अभियान की जानकारी दी गई थी. इसके बाद सभी जिलों में इस अभियान को लेकर ्नया तैयारियां चल रही है, इसकी समीक्षा प्रधान सचिव ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये की.

इन्हें मिलेगी पहली प्राथमिकता

एएनएम, एमपीडब्ल्यु, आशावर्कर, आशा पर्यवेक्षक, स्टाफ नर्स, हेल्थ सुपरवाईजर, आयुष एलोपैथीक डॉक्टर, डेंटीस्ट, मेडिकल स्टाफ, नर्सिंग स्टाफ, पैरा मेडिकल स्टाफ, मेडिकल विद्यार्थी, फार्मासिस्ट, फिजीओथेरपीस्ट, रेडिओलॉजीस्ट, टे्ननीशियन, स्वास्थ्य महकमे के ड्राईवर, सुरक्षा रक्षक, सफाई कर्मचारी, क्लरीकल व मेडिकल स्टाफ आदि की वर्गवारी की गई है. जिसकी विस्तृत जानकारी सरकार को दी जा रही है, ऐसा स्वास्थ्य महकमे द्वारा बताया गया है.

जिला स्वास्थ्य प्रशासन के १८ हजार अधिकारियों व कर्मचारियों का डेटा ३१ अक्तूबर तक भेजा जायेगा. जिसमें निजी व सरकारी ऐसी दो श्रेणियां है. इसे लेकर तमाम आवश्यक तैयारियां शुरू है.

प्रतिबंध के लिए ‘लाईव्ह अटेन्यूएटेड वैक्सीन‘

जानकारी है कि, कोरोना प्रतिबंध के लिए जो वैक्सीन उपलब्ध होनेवाली है, वह ‘लाईव्ह अटेन्यूएटेड वैक्सीन‘ यानी जिंदा वैक्सीन प्रकार की है. हालांकि यह वैक्सीन कहां से उपलब्ध होनेवाली है, इसे लेकर फिलहाल स्वास्थ्य महकमा पूरी तरह से अनभिज्ञ है. ज्ञात रहे कि, कोरोना के खिलाफ देश में वर्ष २०२१ के प्रारंभ में ही वैक्सीन उपलब्ध होगी, ऐसा दावा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने इससे पहले ही किया था. साथ ही जानकारी दी गई थी कि, भारत में दो तरह की कोरोना वैक्सीन का इंसानी परीक्षण शुरू हो गया है तथा रशिया निर्मित वैक्सीन का परीक्षण भी देश में जल्द ही शुरू किया जायेगा.

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