1837 पुलिसवालों पर है 10 लाख की आबादीवाले शहर का जिम्मा
मनुष्यबल की कमी से जूझ रहा महकमा, 229 पद पडे है रिक्त
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शहर के विस्तार और बढते अपराधों के मद्देनजर पदसंख्या बढाये जाने की जरूरत
अमरावती/प्रतिनिधि दि.२ – किसी भी छोटी अथवा बडी अपराधिक वारदात के बाद लोगों का गुस्सा सबसे पहले पुलिस महकमे पर फूटता है और हर कोई यह चाहता है कि, अपराधी जल्द से जल्द पकडे जाये. साथ ही शहर में कानून व व्यवस्था की स्थिति भी बनी रहे. किंतु एक हकीकत यह भी है कि, जिस रफ्तार से जनसंख्या बढ रही है और शहर का भौगोलिक विस्तार हो रहा है. उसकी तुलना में पुलिस महकमे के पास उपलब्ध कार्यबल की संख्या काफी हद तक अत्यल्प है. इसमें भी कई पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों के पद रिक्त पडे हुए है. बावजूद इसके पुलिस महकमे द्वारा पूरी मुस्तैदी के साथ अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन किया जा रहा है.
बता दें कि, अमरावती शहर की आबादी करीब 10 लाख के आसपास है और शहर सहित नांदगांव पेठ, वलगांव व भातकुली जैसे ग्रामीण इलाकों का समावेश रहनेवाले अमरावती शहर पुलिस आयुक्तालय में इस समय 115 पुलिस अधिकारियों सहित 1 हजार 722 पुलिस कर्मचारियों के पद मंजूर है. 10 लाख की आबादी के अनुपात में कुल जमा 1 हजार 837 की पदसंख्या को बेहद अत्यल्प ही कहा जा सकता है. इसमें भी 42 पुलिस अधिकारियों व 187 पुलिस कर्मचारियों यानी कुल 229 पद रिक्त पडे है. ऐसे में खुद पुलिस महकमा मनुष्यबल की कमी से जूझता हुआ कहा जा सकता है. हालांकि इसके बावजूद लगातार बढती जिम्मेदारियों व आये दिन बढते काम के बोझ के बावजूद शहर पुलिस के अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा चेहरे पर शिकन लाये बिना अपनी जिम्मेदारियों का पूरी मुस्तैदी के साथ निर्वहन किया जा रहा है.
बता दें कि, अमरावती शहर पुलिस आयुक्तालय में 1 पुलिस आयुक्त व 3 पुलिस उपायुक्त के पद मंजुर है और इस समय इन चारों पदों पर नियमित अधिकारियों की नियुक्ति है. वहीं शहर पुलिस आयुक्तालय में सहायक पुलिस आयुक्त के सात पद मंजूर है. जिसमें से केवल 3 सहायक पुलिस आयुक्त कार्यरत है और 4 पद रिक्त पडे है. इसी तरह पुलिस निरीक्षक के कुल मंजूर 34 पदों में से 25 पदों पर अधिकारी नियुक्त है और 9 पद खाली पडे है. साथ ही सहायक पुलिस निरीक्षक के 29 मंजूर पदों में से 3 पद रिक्त है और 26 पदों पर अधिकारियों की नियुक्ति है.
पुलिस महकमे में पुलिस उपनिरीक्षक के पद को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. इस दर्जे का अधिकारी थाने के वरिष्ठ अधिकारियों व कर्मचारियों के बीच संवाद सेतु के तौर पर काम करता है. साथ ही अधिकांश अपराधिक मामलों की जांच का जिम्मा भी पीएसआई स्तर के अधिकारी के पास ही होता है. अमरावती शहर पुलिस आयुक्तालय में पीएसआई के कुल 83 पद मंजूर है. जिसमें से 26 पद रिक्त पडे है और 57 पदों पर ही पीएसआई नियुक्त है. इसका सीधा असर पुलिस महकमे के कामकाज पर पडना तय है. इसके साथ ही शहर पुलिस में पुलिस कर्मचारियों के कुल 1 हजार 909 पद मंजूर है. जिसमें से 1 हजार 722 पदों पर कर्मचारी नियुक्त है और 187 कर्मचारियों के पद रिक्त पडे है.
ऐसे में कहा जा सकता है कि, जहां एक ओर 10 लाख से अधिक की आबादीवाले अमरावती शहर की सुरक्षा और कानून का जिम्मा रखनेवाले शहर पुलिस आयुक्तालय में पहले ही अधिकारियों व कर्मचारियों की संख्या काफी हद तक कम है. वहीं यह महकमा बडे पैमाने पर पद रिक्त रहने के चलते मनुष्यबल की कमी से भी जूझ रहा है. ज्ञात रहे कि, बदलते समय के साथ अपराधों का स्वरूप भी बदल रहा है. पहले जहां विभिन्न मामलों की जांच-पडताल हेतु थाना पुलिस के साथ स्थानीय अपराध शाखा यानी क्राईम ब्रांच ही काफी हुआ करते थे. वहीं इन दिनों साईबर, आर्थिक अपराध शाखा, महिला सेल व भरोसा सेल जैसी विभिन्न ईकाईयों को भी कार्यरत किया गया है. साथ ही पुलिस थानों की संख्या भी बढाई जा रही है. जिसके तहत विगत दिनों आयुक्तालय अंतर्गत भातकुली पुलिस थाना शुरू किया गया. किंतु तुलनात्मक रूप से पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों की संख्या में कोई विशेष इजाफा नहीं हुआ है. ऐसे में जहां पूरे महकमे का कामकाज प्रभावित हो रहा है, वहीं दूसरी ओर निचले स्तर के अधिकारियों व कर्मचारियों पर काम का काफी अधिक बोझ देखा जा रहा है, जिसके चलते पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों की साप्तहिक छुट्टियों का गणित भी गडबडाया हुआ है.