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अब न सिर्फ घर को पानी मिलेगा, गांव भर की प्यास बुझेगी
वाशिम/दि. 19 – वाशिम जिले में एक परिवार ने लॉकडाउन के दिनों में मिसाल कायम की है. दरअसल यहां रहने वाले एक शख्स ने पानी की किल्लत से निपटने का कुछ यूं हल निकाला कि अपने घर में ही 20 फीट का कुआं खोद डाला. यह कुआं सिर्फ 22 दिनों में खोदा गया है. यह कुआं अभी और गहरा खोदा जाएगा. घर के साथ अब गांव भर के लोगों को पानी मिलेगा. यही तय किया है इस तीन सदस्यों के परिवार ने.
यह चमत्कार करने वाले शख्स का नाम रामदास फोफले है. वाशिम जिला महाराष्ट्र के सूखा प्रभावित जिलों में शामिल है. रामदास फोफले के गांव में पानी की किल्लत थी. इसलिए इन्होंने तय किया कि वे इस दिक्कत को दूर करेंगे. इन्होंने अपना मकसद अपनी पत्नी और बेटे को बताया. इन दोनों ने भी रामदास फोफले का पूरा साथ निभाया. 22 दिनों के अंदर, 20 फीट जमीन से नीचे, घर के ही भीतर एक कुआं खुद चुका है. पानी निकल आया है. आज घर में पानी की दिक्कत दूर हुई है. इस परिवार ने तय किया है कि वे गांव भर की दिक्कत दूर करेंगे. कुआं अभी और 5-10 फीट गहराई तक खोदेंगे जिससे ना सिर्फ इनके घर को पानी मिलेगा, बल्कि गांव भर को पानी मिलेगा.
रामदास फोफले ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए यह बताया कि कुआं जितना खुदा है इससे उनके घर का गुजारा हो सकता है. लेकिन वे गांव में पानी की किल्लत को देखते हुए बाकी परिवारों की दिक्कतों को भी दूर करना चाहते हैं. रामदास फोफले इस काम में साथ देने के लिए अपनी पत्नी और 12 साल के बेटे को धन्यवाद देना नहीं भूलते. रामदास फोफले का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान उन्होंने जो मिशन हाथ में लिया था वो पत्नी और बेटे की मदद की वजह से ही पूरा हो पाया.
रामदास फोफले लॉकडाउन में जब घर पर समय बिता रहे थे, तब दिन भर कुछ खास काम नहीं होता था. या तो लॉकडाउन के दिनों को गपशप करके बिताया जा सकता था या ऐसी असाधारण परिस्थिति में कुछ असाधारण करके दिखाया जा सकता था. इससे पहले भी पिछले साल के अप्रैल महीने में लॉकडाउन का ही वक्त था. राज्य भी महाराष्ट्र ही था, जिला भी वाशिम ही था. यहां कर्खेदा गांव के निवासी गजानन पकमोड और उनकी पत्नी पुष्पा ने 21 दिन के लॉकडाउन में 25 फुट गहरा कुआं खोदा था. दरअसल कई बार प्रेरणा दूर नहीं, बहुत पास होती है. हम वो प्रेरणा लेकर कुछ करने का जज़्बा रखते हैं कि नहीं, यह अलग बात होती है. रामदास फोफले ने भी लॉकडाउन में कुछ करने का मकसद पाला और फिर पत्नी और बेटे से इस बारे में कह डाला. फिर क्या, यह परिवार जुट गया अपने मिशन में. 21 वें दिन पानी निकल आया. पूरे परिवार के लिए खुशी का ठिकाना ना था.