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बीएसएनएल की केवायसी अपडेट करने के नाम पर लगाया चूना
अमरावती/प्रतिनिधि दि.२३ – इन दिनों साईबर अपराधों के मामले लगातार बढ रहे है. जिनमें ग्रामीण व अशिक्षित लोगों के साथ-साथ पढे-लिखे लोग भी बडे पैमाने पर ऑनलाईन ठगबाजों के झांसे में फंस रहे है और साईबर अपराधियों द्वारा देखते ही देखते उनके बैंक खातों पर डाका डाला जा रहा है. ऐसा ही एक मामला गत रोज सामने आया, जब एक वकील की पत्नी को बीएसएनएल मोबाईल क्रमांक की केवायसी अपडेट करने के नाम पर करीब 20 हजार से ठग लिया गया.
इस मामले को लेकर साईबर पुलिस स्टेशन में दर्ज करायी गयी शिकायत के मुताबिक राजापेठ परिसर निवासी ख्यातनाम विधिज्ञ एड. सचिन कठाले को दो दिन पूर्व एक अनजान व्यक्ति ने वॉटसऍप पर मैसेज भेजते हुए बीएसएनएल मोबाईल क्रमांक का केवायसी अपडेट करने हेतु कहा था. अमूमन किसी भी सेवा प्रदाता कंपनी द्वारा वॉटसऍप पर मैसेज नहीं भेजा जाता. ऐसे में एड. सचिन कंठाले को इस पर संदेह हुआ और उन्होंने दूसरे दिन बीएसएनएल के स्थानीय कार्यालय में जाकर इस बारे में पूछताछ करने की सोची. किंतु दूसरे दिन एड. सचिन कठाले जब घर से बाहर निकलने हेतु तैयार होने के लिए फ्रेश हो रहे थे, तभी उनके मोबाईल पर एक अनजान व्यक्ति का फोन आया और यह कॉल एड. सचिन कठाले की पत्नी ने रिसिव किया. उन्हें दूसरी ओर से बताया गया कि, बीएसएनएल का यह नंबर तुरंत बंद कर दिया जायेगा. यदि उन्होंने तुरंत ही 10 रूपये का टॉपअप रिचार्ज नहीं मारा. जिसके बाद एड. कठाले की पत्नी ने तुरंत ही अपने मोबाईल से 10 रूपये का टॉपअप् रिचार्ज करवा लिया. जिसके तुरंत बाद उनके मोबाईल पर एक एसएमएस आया. साथ ही दुबारा एक कॉल आयी. जिसमें कॉल करनेवाले ने उनके मोबाईल पर आये मैसेज में दर्ज एक विशिष्ट नंबर की जानकारी मांगी. जैसे ही एड. कठाले की पत्नी ने वह जानकारी दी, वैसे ही उनके मोबाईल पर दूसरा मैसेज आया. जिसे देखकर उनके होश फाख्ता हो गये, क्योेंकि उनके बैंक अकाउंट से 20 हजार रूपये निकाल लिये गये थे. ऐसे में उन्होंने जिस नंबर से फोन आया था, उस नंबर पर दुबारा फोन किया, तो सामनेवाले व्यक्ति ने कॉल रिसिव करते हुए उन्हें कहा कि, उनके अकाउंट से गलती से 20 हजार रूपये निकालने में आये है. वे अपने मोबाईल में एनी डेस्क ऍप डाउनलोड करे और उसका पासवर्ड उन्हें बताये, तो अगले एक मिनट में उनके अकाउंट में पूरा पैसा वापिस डाल दिया जायेगा. तब तक एड. कठाले भी तैयार होकर बाहर आ चुके थे और पूरा मामला समझ में आने के बाद उन्हें अपने साथ जालसाजी होने का अंदेशा हुआ. पश्चात उन्होंने एक बार फिर उस नंबर पर फोन लगाया. किंतु इस बार दूसरी ओर से उनकी कॉल रिसिव नहीं हुई. ऐसे में एड. कठाले ने तुरंत अपनी बैंक के शाखा कार्यालय से संपर्क करते हुए वहां के प्रबंधक को मामले की जानकारी दी और अकाउंट को सीझ करवाया. साथ ही साईबर पुलिस स्टेशन पहुंचकर अपनी शिकायत दर्ज करायी. शिकायत मिलने के साथ ही साईबर पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी.