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तीसरी लहर से निपटने बनेंगे २२ कोविड सेंटर

ग्रामीण में कोरोना की श्रृंखला तोडने प्रशासन सफल, फिलहाल २०९ कंटेनमेंट झोन

  •  हर पीएचसी की जगह पर होगा कोविड सेंटर

  •  जरूरत पडी तो डॉक्टरों को देंगे शिशु ईलाज का प्रशिक्षण

  •  जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दिलीप रणमले का दावा

अमरावती/प्रतिनिधि दि.४ – वर्तमान में जिले के ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना की लहर कमजोर हो रही है. पिछले माह जिले के ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना प्रादुर्भाव की स्थिति काफी विदारक थी. लेकिन कोरोना की श्रृंखला तोडने प्रशासन सफल हुुआ. ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना टीकाकरण की मुहीम तेज की गई. जिन गांव में मरीज ज्यादा मिले वहां स्ट्रीक कंटेनमेंट झोन बनाकर टेस्टिंग बढाई गई. इस दौरान सबसे बडी चुनौती मेलघाट में कोरोना की लहर को रोकने की थी. वहां प्रकल्प अधिकारी डॉ. मिथाली शेट्टी ने परिश्रम कर जनजागृति की और लोगों को टीकाकरण के लिए तैयार किया. आज जिले के ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना की दूसरी लहर कमजोर हो गई है. फिलहाल २०९ कंटेनमेंट झोन है और संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग तैयार है. जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर पर इसके लिए २२ कोविड सेंटर बनाए जा रहे है. हर कोविड सेंटर में २ ऑक्सीजन कौन्सनट्रेटर मशीन उपलब्ध कराई जायेगी. साथ ही अगर जरूरत पडी तो प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के डॉक्टरों को शिशु चिकित्सा का प्रशिक्षण दिया जायेगा. इस तरह का दावा जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दिलीप रणमले ने किया है. ग्रामीण क्षेत्र में फिलहाल कोरोना की स्थिति और कोरोना की दूसरी लहर में गंभीर बनी स्थिति को नियंत्रण में लाने किए गये प्रयासों पर उन्होंने ‘दैनिक अमरावती मंडल’ के साथ बातचीत में प्रकाश डाला.
जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दिलीप रणमले ने बताया कि जिले के ग्रामीण क्षेत्र में मई महिने मेें कोरोना की स्थिति तेजी से गंभीर बनती जा रही थी. १० मई को ६९८, २० मई को ७८६, ३१ मई को २१८, ३ जून को २५१ कोरोना पॉजिटीव मरीज जिले के ग्रामीण क्षेत्र में मिले. मई महिने में सर्वाधिक ९४५ मरीज १५ मई को पाए गये. जिले के अनेको गांव कोरोना बॉधित हो रहे थे. कांडली, जरूड, शेंदुरजनाघाट, राजुराबाजार, बेनोडा के साथ ही चांदुर रेल्वे तहसील के गांव में कोरोना बाधितों की संख्या तेजी से बढती गई. कोरोना की यह श्रृंखला तोडने हर गांव में काफी स्ट्रीक कंटेनमेंट झोन बनाने पडे. साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना टीकाकरण का अभियान व्यापक स्तर पर बढाया गया. विशेष यह कि ग्रामीणोेंं ने भी स्वयंस्फूर्ति से प्रशासन के प्रयासों को सहयोग किया. यही वजह है कि आज जिले के ग्रामीण् क्षेत्र में केवल २०९ कंटेनमेंट झोन है. अब कोरोना की दूसरी लहर जिले में कमजोर पड रही है. वही संभावित तीसरी लहर का खतरा सिर पर मंडरा रहा है. उसे निपटने के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग पूरी सक्षमता से जुडने का दावा जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दिलीप रणमले ने ‘दैनिक अमरावती मंडल’ से बातचीत में किया. उन्होंने कहा कि तीसरी लहर से निपटने जिले के ग्रामीण क्षेत्र में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्थल पर २२ कोविड सेंटर बनाए जायेंगे. हर जगह ऑक्सीजन की व्यवस्था भी होगी.
जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. रणमले के अनुसार वरूड तहसील में शेंदुरजनाघाट, हातुर्णा, चांदस वाठोडा, मोर्शी तहसील में नेरपिंगलाई, पिंपलखुटा, हिवरखेड, चांदुर बाजार तहसील में शिरजगांव कस्बा, आसेगांव स्कूल, अचलपुर तहसील में पथ्रोट, येसुर्णा, दर्यापुर, तहसील में आमला स्कूल, तिवसा में कला निकेतन महाविद्यालय, भातकुली तहसील में वाठोडा शुक्लेश्ववर, चिखलदरा में महाजन हॉस्पिटल काटकुंभ, डोम आश्रम स्कूल, चिखली में धारणी तहसील में सुसर्दा आश्रम शाला, चांदुर रेल्वे तहसील में घुईखेड, धामणगांव रेल्वे तहसील में निंबोली, अंजनगांव सुर्जी में गुलाबबाबा संस्था, अमरावती तहसील में यावली शहीद और जिला परिषद रेस्ट हाऊस आदि जगह पर कोविड सेंटर बनाए जायेंगे.
डॉ. दिलीप रणमले के अनुसार फिलहाल तीसरी लहर को लेकर सिर्फ संकेत दिए गये है. जिस तरह कोरोना की पहली लहर में वृध्द प्रभावित हुए थे. दूसरी लहर में अधिकतर युवा और तीसरी लहर में गर्भवती माता व शिशु प्रभावित होने के संकेत दिए गये है. लेकिन इसके लिए दवा कौन सी रहेगी यह अभी तक स्पष्ट नहीं किया गया है. इस कारण वर्तमान में इस बारे में कोई खास नियोजन नहीं है. लेकिन समय आने पर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के डॉक्टरों को शिशु रोग चिकित्सा का प्रशिक्षण दिया जायेगा. ऐसा भी डॉ. रणमले ने ‘दैनिक अमरावती मंडल’ के साथ बातचीत में स्पष्ट किया है.

  • भारवाडी गांव हुआ कोरोनामुक्त

जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दिलीप रणमले के अनुसार जिले में सबसे गंभीर स्थिति तिवसा तहसील के भारवाडी गांव में थी. भारवाडी में हर घर में २ से ३ लोग कोरोना पॉजिटीव आते थे. इस कारण सर्वप्रथम हमने गांव में टेस्टिंग बढाई. तब रोजाना २५ से ३० लोग कोरोना पॉजिटीव आते थे. इस कारण गांव में कंटेनमेंट झोन और कडे किए. लोगों पर कडे निर्बंध लगाए. उन्हें गांव से बाहर जाने के लिए रोका गया. इस काम में गांव की ग्राम पंचायत ने भी काफी सहयोग किया. लोग स्वयंफूर्ति से कोरोना की त्रिसूत्री का पालन करने लगे. यही वजह है कि आज भारवाडी गांव कोरोनामुक्त हुआ.

  •  मेलघाट में कोरोना विस्फोट का डर था

जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दिलीप रणमले के अनुसार कोरोना विस्फोट का सबसे बडा खतरा मेलघाट के धारणी और चिखलदरा तहसील में था. वहां निरक्षरों की संख्या ज्यादा रहने से पहले तो लोग कोरोना टीकाकरण के लिए तैयार नहीं हुए थे. कोरोना का टीका लगाने से आदमी की मौत होती है. इस तरह की भावना वहां के लोगों में थी. तब मेलघाट में जनजागृति पर जोर दिया गया. वहां के प्रकल्प अधिकारी डॉ. मिथाली शेट्टी ने इस जनजागृति में अहम भूमिका निभाई. इस कारण आज मेलघाट के काटकुंभ, गांगरखेडा और चिखली जैसे क्षेत्र में कोरोना की स्थिति काफी नियंत्रण में है.

  • म्यूकरमायकोसिस को रोकने की भी चुनौती

जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दिलीप रणमले के अनुसार कोरोना मुक्त हुए मरीजों ने म्यूकरमायकोसिस के मरीजों की संख्या देखी गई है. जिले में १०५ लोग अब तक म्यूकरमायकोसिस के शिकार पाये गये. इनमें से ५ की मौत हो गई है. ऐसे मरीजों पर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में शुरूआती ईलाज के बाद तत्काल उन्हें अमरावती रेफर करने के कारण आज म्यूकरमायकोसिस भी नियंत्रण में है.

  •  इन २२ जगह पर बनेंगे कोविड सेंटर

जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. रणमले के अनुसार वरूड तहसील में शेंदुरजनाघाट, हातुर्णा, चांदस वाठोडा, मोर्शी तहसील में नेरपिंगलाई, पिंपलखुटा, हिवरखेड, चांदुर बाजार तहसील में शिरजगांव कस्बा, आसेगांव स्कूल, अचलपुर तहसील में पथ्रोट, येसुर्णा, दर्यापुर, तहसील में आमला स्कूल, तिवसा में कला निकेतन महाविद्यालय, भातकुली तहसील में वाठोडा शुक्लेश्ववर, चिखलदरा में महाजन हॉस्पिटल काटकुंभ, डोम आश्रम स्कूल, चिखली में धारणी तहसील में सुसर्दा आश्रम शाला, चांदुर रेल्वे तहसील में घुईखेड, धामणगांव रेल्वे तहसील में निंबोली, अंजनगांव सुर्जी में गुलाबबाबा संस्था, अमरावती तहसील में यावली शहीद और जिला परिषद रेस्ट हाऊस आदि जगह पर कोविड सेंटर बनाए जायेंगे.

 

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