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2200 लोगों की भारी भरकम फौज भी काम नहीं आ रही

शहर की साफ-सफाई का बजा पडा है बैण्ड

  • जगह-जगह लगे कचरे के ढेर मुंह चिढा रहे

  • गंदगी व कचरे की वजह से संक्रामक बीमारियां पांव फैला रही

अमरावती/प्रतिनिधि दि.26 – 8 लाख की जनसंख्यावाले अमरावती शहर के 22 प्रभागों में साफ-सफाई बनाये रखने तथा शहर से निकलनेवाला कचरा एकत्रित कर उसे कंपोस्ट डिपो पर ले जाने के लिए करोडों रूपयों का खर्च करने के बावजूद नतीजा शून्य है और शहर में जगह-जगह व्याप्त कचरे व गंदगी के ढेर मनपा प्रशासन की लापरवाही व लचर कार्यप्रणाली की कहानी कह रहे है. विगत गुरूवार से दैनिक अमरावती मंडल द्वारा इस विषय को लेकर व्यापक जनहित में समाचारों की श्रृंखला प्रसारित की जा रही है. जिसकी वजह से मनपा प्रशासन मेें कुछ हद तक हलचलें तो शुरू हुई है, लेकिन अब भी साफ-सफाई को लेकर हालात में कोई विशेष बदलाव नहीं हुआ है.
बता दें कि, अमरावती महानगरपालिका द्वारा शहर के 22 प्रभागोें तथा मुख्य व्यापारिक क्षेत्र में नालियों व सर्विस गलियों की साफ-सफाई तथा कचरा संकलन हेतु कुल 23 ठेकेदारों को ठेका दिया गया है. ठेका दिये जाते समय साफ तौर पर कहा गया था कि, हर ठेकेदार के पास 6 मिनी टिप्पर, 5 फॉगींग मशीन व 5 स्प्रे मशीन के साथ ही कम से कम 55 सफाई कर्मचारियों की व्यवस्था होनी चाहिए. साथ ही ठेकाधारक को अपने जिम्मे रहनेवाले प्रभाग की नालियों, सर्विस गलियों व रोड डिवाईडर सहित मनपा शालाओं व दवाखानों के बाहरी हिस्सों की साफ-सफाई करनी होगी. साथ ही प्रभाग में मालवाहक ऑटो घुमाकर कचरा संकलन करते हुए उसे प्रभाग में अलग-अलग स्थानों पर रखे कचरा कंटेनर में लाकर डालना होगा. वहीं समूचे शहर में अलग-अलग स्थानों पर रखे इन कचरा कंटेनरों को कंपोस्ट डिपो पर ले जाकर खाली करने के लिए स्वतंत्र रूप से एक अलग ठेकेदार एजन्सी को काम का जिम्मा सौंपा गया है. वर्ष 2019 में इस काम का ठेका तीन वर्ष के लिए संबंधित ठेकेदार एजेंसियों को दिया गया है. जिसके लिए मनपा द्वारा इन ठेकेदारों को बाकायदा करोडों रूपयों के बिल अदा किये जाते है. साथ ही साथ शहर के विभिन्न इलाकों की सडकों व फूटपाथ की साफ-सफाई व झाडू-बुहार के लिए खुद मनपा के सफाई विभाग में नियुक्त स्थायी कर्मचारियों को काम पर लगाया जाता है. यानी एक तरफ मनपा खुद अपने कर्मचारियों को साफ-सफाई के लिए भारी भरकम वेतन अदा करती है, वहीं साफ-सफाई संबंधी कामों के लिए करोडों रूपयों के ठेके भी दिये गये है. लेकिन इसके बावजूद शहर कहीं से भी साफ-सूथरा दिखाई नहीं देता. ऐसे में यह सबसे बडा सवाल है कि जब शहर में सही ढंग से साफ-सफाई ही नहीं हो रही, तो इस काम पर होनेवाला खर्च आखिर खर्च कहां हो रहा है.
ज्ञात रहे कि, प्रत्येक ठेकेदार के 55 सफाई कर्मियों के हिसाब से कुल 23 ठेकेदारों के 1 हजार 265 सफाई कर्मी इस समय शहर की साफ-सफाई के काम में लगे हुए है. वहीं एक मोटे अनुमान के तौर करीब 1 हजार लोग मनपा की ओर से साफ-सफाई संबंधी कामों के लिए तैनात किये गये है. यानी शहर में दैनिक साफ-सफाई के लिए रोजाना करीब 2200 लोगों द्वारा काम किया जाता है. इसके अलावा कचरे का ठेका रहनेवाले ठेकेदार द्वारा अपने हर कचरा कंटेनर ट्रक पर चालक व सहायक ऐसे दो-दो कर्मचारी अलग से नियुक्त किये गये है. इन्हें मिलाकर यह संख्या ढाई हजार के आसपास जा पहुंचती है. इन सभी लोगों द्वारा किये जानेवाले कामकाज पर मनपा के स्वास्थ्य निरीक्षक, वरिष्ठ स्वास्थ्य निरीक्षक, सहायक आयुक्त व स्वच्छता अधिकारी सहित उपायुक्त व खुद मनपा आयुक्त की निगाहे रहती है. लेकिन इसके बावजूद शहर में जगह-जगह फैला कचरा किसी के निगाह में ही नहीं आ रहा और साफ-सफाई के नाम पर करोड रूपयों का खर्च बदस्तूर जारी है.

  • डेंग्यू, चिकन गुनिया व मलेरिया फैला रहे पांव

ज्ञात रहे कि, इस समय जहां एक ओर शहर में चारों तरफ बजबजाती हुई गंदगी के ढेर है, वहीं विगत एक सप्ताह से लगातार बारिश भी हो रही है. ऐसे में गंदगी और पानी के सहयोग से तरह-तरह के किडे-मकौडे व मच्छरों का प्रादुर्भाव होने लगा है. इसमें से कुछ विशेष मच्छरों के जरिये डेेंग्यू, चिकन गुनिया व मलेरिया जैसी जानलेवा व संक्रामक बीमारियां फैलती है तथा इन दिनों इन बीमारियों से संक्रमित मरीज अमरावती शहर सहित जिले में पाये जाने लगे है. जिसके पीछे कहीं न कहीं लगातार बढती गंदगी और साफ-सफाई की व्यवस्था का अभाव सबसे मुख्य वजह है, लेकिन इसके बावजूद भी स्थानीय जनप्रतिनिधि और प्रशासन आंखे मूंदे बैठे है. जिसके चलते लग रहा है मानो किसी ने भी कोविड की संक्रामक महामारी के दौर से कोई सबक नहीं सीखा है तथा सभी लोग किसी नई आफत के कहर टूटने का इंतजार कर रहे है. भूलना नहीं चाहिए कि, दो वर्ष पूर्व अमरावती शहर सहित जिले में डेंग्यू व चिकन गुनिया का जबर्दस्त संक्रमण फैला था और कुछ लोगों की मौतें भी हुई थी. वहीं विगत डेढ वर्ष से तमाम प्रतिबंधात्मक उपायों व निर्देशों के बावजूद कोविड की संक्रामक महामारी की दो लहरे आ चुकी है. साथ ही अब डेंग्यू व चिकन गुनिया का नया दौर शुरू होने की संभावना दिखाई दे रही है. ऐसे में प्रशासन व जनप्रतिनिधियों को जल्द से जल्द बेहद संजीदगी के साथ कदम उठाने होंगे.

  • अपनी शिकायतें और तकलीफें हमें बताये

दैनिक अमरावती मंडल द्वारा व्यापक जनहित में विगत एक सप्ताह से शहर में व्याप्त कचरे व गंदगी के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है. जिसे सभी शहरवासियों द्वारा खासा प्रतिसाद दिया जा रहा है और कई शहरवासियों ने इस अभियान की सराहना भी की और हमें अपनी समस्याओं व तकलीफों से भी अवगत कराया. ऐसे में हम सभी से आवाहन करते है कि, यदि आपके रिहायशी परिसर में भी साफ-सफाई की व्यवस्था का अभाव है और कचरे व गंदगी की समस्या है, तो उसकी जानकारी हमें अवगत कराये. आप अपने रिहायशी क्षेत्र का नाम और परिसर में व्याप्त गंदगी के फोटो हमें हमारी ई-मेल आयडी पर मेल कर सकते है. जिन्हें प्रकाशित करते हुए हम आपकी समस्या को प्रशासन व जनप्रतिनिधियों के सामने रखेंगे.
हमारा ई-मेल आयडी है. [email protected]

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