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22 नवं. को महाविद्यालयीन व विद्यापीठ कर्मियों की एकदिवसीय हडताल

दिसंबर में विभिन्न प्रलंबित मांगों को लेकर नागपुर विधान भवन पर निकाला जायेगा मोर्चा

  • पत्रवार्ता में कृति समिती ने दी जानकारी

अमरावती/प्रतिनिधि दि.२७ – उच्च व तंत्र शिक्षा विभाग के अधीन कार्यरत अकृषि विद्यापीठों व संलग्नित महाविद्यालयों की आस्थापनाओं में कार्यरत शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को सेवा में रहने के बावजूद पदोन्नति के अवसर नहीं मिलते और इस संदर्भ में वेतन आयोग की ओर से आश्वासित प्रगति योजना की भी अनदेखी की जा रही है. साथ ही सातवे वेतन आयोग की राशि भी विगत 58 माह से बकाया है. इस जैसी विभिन्न प्रलंबित मांगों को लेकर राज्यस्तरीय महाराष्ट्र राज्य महाविद्यालयीन व विद्यापीठीय सेवक संयुक्त कृति समिती द्वारा आगामी 22 नवंबर को एक दिवसीय सांकेतिक हडताल की जायेगी. साथ ही दिसंबर माह के दौरान नागपुर में होने जा रहे राज्य विधान मंडल के शीतसत्र के समय मोर्चा निकालकर सरकार को निवेदन दिया जायेगा. इस आशय की जानकारी कृति समिती द्वारा यहां बुलाई गई पत्रकार परिषद में दी गई.
जिला मराठी पत्रकार संघ के वालकट कंपाउंड परिसर स्थित मराठी पत्रकार भवन में बुलायी गयी इस पत्रवार्ता में कहा गया कि, विगत दो-तीन वर्षों से राज्य के विद्यापीठ एवं महाविद्यालयीन अधिकारियों व कर्मचारियों के संगठनों द्वारा लगातार राज्य के उच्च व तंत्रशिक्षा विभाग के साथ प्रलंबित मामलों को हल करने का प्रयास किया जा रहा है. किंतु सरकार संभवत: इन मसलों को लेकर बिल्कुल भी गंभीर नहीं है. जिसके चलते अब तक सभी मसले पूरी तरह से प्रलंबित है और विद्यापीठ व महाविद्यालयों के शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को किसी तरह की कोई राहत भी नहीं मिली है. ऐसे में शिक्षकेत्तर कर्मचारियों में खुद पर अन्याय होने की भावना घर कर रही है. साथ ही वे कुंठा का शिकार हो रहे है. ऐसे में सभी प्रलंबित मामलों की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित करने हेतु आगामी 22 नवंबर को राज्य के सभी विद्यापीठों
व महाविद्यालयों के शिक्षकेत्तर कर्मचारी एक दिवसीय सांकेतिक हडताल करेंगे. पश्चात दिसंबर माह के दौरान नागपुर में आयोजीत होनेवाले विधान मंडल के शीत सत्र के समय विधान भवन पर भव्य मोर्चा ले जाया जायेगा.
इस पत्रकार परिषद में संयुक्त कृति समिती के संगठन अजय बलवंत देशमुख व डॉ. नितीन कोली तथा प्रतिनिधि शशिकांत रोडे व डॉ. विलास नांदुरकर उपस्थित थे.

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