राज्य के 238 रिश्वतखोर अभी भी ड्युटी पर
नहीं हुआ निलंबन, अमरावती के 28 का समावेश
अमरावती प्रतिनिधि/दि.१७ – रिश्वतखोरों पर एन्टी करप्शन विभाग व्दारा कार्रवाई की जाती है. किंतु कई बार कार्रवाई करने पर भी रिश्वतखोर को गिरफ्तार नहीं किया जाता. अनेक मामलों में रिश्वतखोरी के बाद निलंबित किया जाता है, लेकिन राज्य में 2015 से पूरे 238 रिश्वतखोरों को अभी तक निलंबित नहीं किया है. इसमें अमरावती संभाग के 28 रिश्वतखोरों का समावेश रहने के सनसनीखेज आंकडे सामने आये है. विशेष यह कि यह रिश्वतखोर आज भी ड्युटी पर है. इनमें सर्वाधिक निलंबन न किये हुए रिश्वतखोर यह ग्रामविकास, शिक्षण व राजस्व विभाग के है. जिसमें 24 क्लासवन अधिकारी है.
एक रिपोर्ट के अनुसार अमरावती के 28, नागपुर के 56, नांदेड 56, औरंगाबाद 33, मुंबई 22 व ठाणे के 21 रिश्वतखोरों को कार्रवाई के बाद निलंबित नहीं किया गया. वर्ष 2015 से आज तक रिश्वतखोरी में फंसे 238 रिश्वतखोरों का निलंबन होना कानूनन बंधनकारक था. किंतु यह रिश्वतखोर जिस विभाग में काम करते है, वहां के घटक प्रमुखों ने उन्हें निलंबित ही नहीं किया, ऐसा एन्टीकरप्शन विभाग ने दिये हुए आंकडों पर से स्पष्ट होता है.
शिकायत आने के बाद एन्टीकरप्शन विभाग व्दारा ट्रैप लगाकर कार्रवाई की जाती है. किंतु इन्हीं रिश्वतखोरों पर राज्य सरकार की ओर से यानी उनके विभागों के सक्षम अधिकारी की ओर से कोई भी कार्रवाई नहीं होती. जिन आरोपों के खिलाफ कार्रवाई की उसकी विभागीय जांच की जाती है. किंतु अनेक मामलों में कोई जांच होते नहीं दिखाई देती.
कई बार रिश्वतखोरों की फाइले गृह विभाग के पास भेजी जाती है. किंतु उसपर भी उचित समय पर कार्रवाई नहीं होती. रिश्वतखोर जिस संबंधित विभाग में है, उस विभाग को पत्र भेजकर एसीबी की ओर से सूचित किया जाता है, फिर भी उनका निलंबन नहीं किया जाता. ना कोई जांच की जाती है, जिससे एसीबी के अधिकारी परेशान है.
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निलंबन न हुए रिश्वतखोर
विभाग संख्या
ग्राम विकास 63
शिक्षण 47
महसुल 22
सहकार/पणन 16
पुलिस 17
उद्योग/ऊर्जा 12
स्वास्थ्य 10
नगर विकास 15
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श्रेणी निहाय रिश्वतखोरों के आंकडे
श्रेणी रिश्वतखोर
श्रेणी एक 24
श्रेणी दो 21
श्रेणी तीन 117
श्रेणी चार 07
अन्य 69